मैनुअल थेरेपी मांसपेशियों के दर्द का बेहतर इलाज
Darakhshan Quadir Siddiqui | Jan 20, 2017, 11:18 IST
लखनऊ। जब मांसपेशियों का दर्द बढ़े तब दवा लेना उचित नहीं है। फिजियोथेरेपी की आधुनिक तकनीक मैनुअल थेरेपी के जरिये अपना इलाज कराकर अब बिना दवा लिए और बिना किसी साइड इफेक्ट के बेहतर परिणाम पा सकेंगे।
मैनुअल थेरेपी फाउण्डेशन ऑफ इंडिया की तरफ से राजधानी में मैनुअल थेरेपी की जागरुकता के लिए नौ मैनुअल थेरेपी की कार्यशाला का आगाज हुआ। इस कार्यशाला के मुख्य अतिथि एशिया के पहले मैनुअल थेरेपी में मास्टर कर चुके डॉ. उमाशंकर मोहंती थे। कार्यशाला के दूसरे दिन वह बताते हैं कि मांसपेशियों के दर्द से पीड़ित लोगों के लिए रामबाण है मैनुअल थेरेपी तकनीक।
फिजियोथेरेपी की इस आधुनिक तकनीक में विशेष डाएग्नॉसिस करके बिना किसी दवा के इलाज किया जाता है। यही वजह है कि इस तकनीक को ‘ड्रग फ्री थेरेपी’ भी कहा जाता है। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा लोग डिस्क संबंदित दर्द झेलते हैं जो कि दूसरी सबसे बड़ी बीमारी है। लोग अज्ञानता में ऐसे मांसपेशियों के दर्द में दवा खाना शुरू कर देते हैं, लेकिन उन्हें ये नहीं पता होता है कि इससे उनकी समस्या जड़ से नहीं जा सकती। कार्यक्रम के दूसरे भाग में डॉ उमाशंकर मोहंती चेहरे के टीएम ज्वाइंट से लेकर पैर के दर्द तक के लिए इस तकनीक से जुड़ीं प्रमुख बातों को लोगों और प्रशिक्षण लेने आए लोगों से साझा करेंगे। इस अवसर पर कई शहरों से फिजियोथेरेपिस्ट भी कार्यशाला में उपस्थित रहे।
कार्यशाला में डॉ उमाशंकर मोहंती ने बताया कि कमर का दर्द कई बार विभिन्न मांसपेशियों की कमजोरी या उनके कसने की वजह से भी हो सकता है। हमेशा कमर का दर्द नस दबना या डिस्क की वजह से नहीं होता है। इस तरह की मासपेशियों की कमजोरी या कसने में विपरीत हिस्सों की मांसपेशियां कमजोर और दूसरी तरफ की कस जाने से दर्द शुरू होता है, जिसे ‘लोअर क्रॉस सिंड्रोम’ कहते हैं।
इस तरह की समस्या में कूल्हे और पेट की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। इसके साथ ही पीठ और जांघों की मांसपेशियां कसने से पीठ या कमरदर्द होता है। डॉ उमाशंकर का कहना है कि इस तरह का दर्द पूरी तरह से खत्म नहीं होता है, जबतक शारीरिक तौर पर उत्पन्न इस असंतुलन की स्थिति को दूर न किया जाए, लेकिन मैनुअल थेरेपी के जरिए इस कम समय में पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है।
मैनुअल थेरेपी फाउण्डेशन ऑफ इंडिया की तरफ से राजधानी में मैनुअल थेरेपी की जागरुकता के लिए नौ मैनुअल थेरेपी की कार्यशाला का आगाज हुआ। इस कार्यशाला के मुख्य अतिथि एशिया के पहले मैनुअल थेरेपी में मास्टर कर चुके डॉ. उमाशंकर मोहंती थे। कार्यशाला के दूसरे दिन वह बताते हैं कि मांसपेशियों के दर्द से पीड़ित लोगों के लिए रामबाण है मैनुअल थेरेपी तकनीक।
फिजियोथेरेपी की इस आधुनिक तकनीक में विशेष डाएग्नॉसिस करके बिना किसी दवा के इलाज किया जाता है। यही वजह है कि इस तकनीक को ‘ड्रग फ्री थेरेपी’ भी कहा जाता है। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा लोग डिस्क संबंदित दर्द झेलते हैं जो कि दूसरी सबसे बड़ी बीमारी है। लोग अज्ञानता में ऐसे मांसपेशियों के दर्द में दवा खाना शुरू कर देते हैं, लेकिन उन्हें ये नहीं पता होता है कि इससे उनकी समस्या जड़ से नहीं जा सकती। कार्यक्रम के दूसरे भाग में डॉ उमाशंकर मोहंती चेहरे के टीएम ज्वाइंट से लेकर पैर के दर्द तक के लिए इस तकनीक से जुड़ीं प्रमुख बातों को लोगों और प्रशिक्षण लेने आए लोगों से साझा करेंगे। इस अवसर पर कई शहरों से फिजियोथेरेपिस्ट भी कार्यशाला में उपस्थित रहे।
कमर दर्द के लिए यह भी कारण
इस तरह की समस्या में कूल्हे और पेट की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। इसके साथ ही पीठ और जांघों की मांसपेशियां कसने से पीठ या कमरदर्द होता है। डॉ उमाशंकर का कहना है कि इस तरह का दर्द पूरी तरह से खत्म नहीं होता है, जबतक शारीरिक तौर पर उत्पन्न इस असंतुलन की स्थिति को दूर न किया जाए, लेकिन मैनुअल थेरेपी के जरिए इस कम समय में पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है।