अब गाँवों के सीएचसी-पीएचसी में भी होगी स्वाइन फ्लू की जांच
Darakhshan Quadir Siddiqui | Feb 06, 2017, 19:07 IST
स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
लखनऊ। पीजीआई में एक महिला में स्वाइन फ्लू की पुष्टि होने के बाद शहर के सभी अस्पतालों में अर्लट कर दिया गया है। इसके अलावा सीएमओ ने गांवों में भी अर्लट जारी कर दिया है। जरूरी दवाईयों से लेकर सैम्पलिंग किट तक भेज दी गयी है।
गांवों में सीएचसी पीएचसी पर ब्लड टेमीफ्लू दवाईयां प्रचुर मात्रा में भेज दी गयी हैं। अगर कोई भी केस ऐसा सामने आता है तो मरीज को अस्पताल लाया जाएगा। उसके साथ उसके कांटेक्ट में रहने वालों को सीएचसी से ही उसका सैम्पल लेकर दवाईयां मिल जाएंगी, इसके लिए ग्रामीणों को शहर के चक्कर नही काटने पड़ेंगे।
इससे पहले सिर्फ जिला अस्पतालों के लैब में सैंपल लिए जाते थे। वही सीएचसी पीएचसी पर पर्याप्त मात्रा में दवाईयां भेज दी गयी हैं। सीएमओ जीएस बाजपेई ने बताया कि हालांकि अभी एक ही केस सामने आया है, लेकिन सर्तक रहना बहुत जरूरी है। शहर की सभी अस्पतालों में स्वाइन फ्लू के वार्ड तैयार करवा दिए गए हैं। आइसोलेशन यूनिट को एक्टिव करा दिया गया है। वहीं, स्वाइन फ्लू की जांच के लिए सैंपल लेने की सुविधा सीएचसी-पीएचसी पर भी होने से दूरदराज के मरीजों को संक्रामक रोग विभाग तक की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। सभी सीएचसी-पीएचसी पर लैब टेक्निशियन की तैनाती के बाद सैंपलिंग करना आसान हो गया है। जल्द ही सीएचसी-पीएचसी के स्टाफ का भी वैक्सीनेशन किया जाएगा।
जीएस बाजपेई, सीएमओ
जिला अस्पतालों को अपने स्टाफ का वैक्सीनेशन कराने के लिए वैक्सीन अपने बजट से मंगानी होगी। जिला मलेरिया अधिकारी जीके मिश्रा ने बताया कि संक्रामक रोग विभाग ने सिर्फ सीएचसी-पीएचसी और हेडक्वार्टर स्टाफ के लिए वैक्सीन मंगाई है। जिला अस्पताल प्रबंधन अपने स्टाफ के लिए वैक्सीन खरीदेगा। इसके अतिरिक्त माघ मेले के अस्पतालों में स्वाइन फ्लू की वैक्सीन भी संदिग्ध मरीजों को लगाई जाएगी। स्वास्थ्य निदेशालय से जिले को 650 वैक्सीन मिल गई है। यह वैक्सीन स्वाइन फ्लू के संदिग्ध मरीजों व ऐसे मरीजों की सेवा करने वालों को ही लगाई जाएंगी।
This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).
लखनऊ। पीजीआई में एक महिला में स्वाइन फ्लू की पुष्टि होने के बाद शहर के सभी अस्पतालों में अर्लट कर दिया गया है। इसके अलावा सीएमओ ने गांवों में भी अर्लट जारी कर दिया है। जरूरी दवाईयों से लेकर सैम्पलिंग किट तक भेज दी गयी है।
गांवों में सीएचसी पीएचसी पर ब्लड टेमीफ्लू दवाईयां प्रचुर मात्रा में भेज दी गयी हैं। अगर कोई भी केस ऐसा सामने आता है तो मरीज को अस्पताल लाया जाएगा। उसके साथ उसके कांटेक्ट में रहने वालों को सीएचसी से ही उसका सैम्पल लेकर दवाईयां मिल जाएंगी, इसके लिए ग्रामीणों को शहर के चक्कर नही काटने पड़ेंगे।
इससे पहले सिर्फ जिला अस्पतालों के लैब में सैंपल लिए जाते थे। वही सीएचसी पीएचसी पर पर्याप्त मात्रा में दवाईयां भेज दी गयी हैं। सीएमओ जीएस बाजपेई ने बताया कि हालांकि अभी एक ही केस सामने आया है, लेकिन सर्तक रहना बहुत जरूरी है। शहर की सभी अस्पतालों में स्वाइन फ्लू के वार्ड तैयार करवा दिए गए हैं। आइसोलेशन यूनिट को एक्टिव करा दिया गया है। वहीं, स्वाइन फ्लू की जांच के लिए सैंपल लेने की सुविधा सीएचसी-पीएचसी पर भी होने से दूरदराज के मरीजों को संक्रामक रोग विभाग तक की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। सभी सीएचसी-पीएचसी पर लैब टेक्निशियन की तैनाती के बाद सैंपलिंग करना आसान हो गया है। जल्द ही सीएचसी-पीएचसी के स्टाफ का भी वैक्सीनेशन किया जाएगा।
हालांकि अभी एक ही केस सामने आया है, लेकिन सर्तक रहना बहुत जरूरी है। शहर की सभी अस्पतालों में स्वाइन फ्लू के वार्ड तैयार करवा दिए गए हैं। आइसोलेशन यूनिट को एक्टिव करा दिया गया है।
जिला अस्पतालों को अपने स्टाफ का वैक्सीनेशन कराने के लिए वैक्सीन अपने बजट से मंगानी होगी। जिला मलेरिया अधिकारी जीके मिश्रा ने बताया कि संक्रामक रोग विभाग ने सिर्फ सीएचसी-पीएचसी और हेडक्वार्टर स्टाफ के लिए वैक्सीन मंगाई है। जिला अस्पताल प्रबंधन अपने स्टाफ के लिए वैक्सीन खरीदेगा। इसके अतिरिक्त माघ मेले के अस्पतालों में स्वाइन फ्लू की वैक्सीन भी संदिग्ध मरीजों को लगाई जाएगी। स्वास्थ्य निदेशालय से जिले को 650 वैक्सीन मिल गई है। यह वैक्सीन स्वाइन फ्लू के संदिग्ध मरीजों व ऐसे मरीजों की सेवा करने वालों को ही लगाई जाएंगी।
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