शोध: दिल के रोगियों में खून का थक्का जमने का पता लगाने वाली पद्धति ईजाद

गाँव कनेक्शन | Feb 02, 2017, 15:45 IST
Ohio State University
ह्यूस्टन (भाषा) अब सुपरकम्प्यूटर के इस्तेमाल से वैज्ञानिको ने एक ऐसी नई पद्धति ईजाद कर ली है जिससे उन लोगों के बारे में पता लग पायेगा जिनके हृदय में खून का थक्का जमने का खतरा बना रहता है।

अमेरिका की जॉन्स होपकिंस यूनीवर्सिटी और ओहायो स्टेट यूनीवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने सुपर कम्प्यूटर का इस्तेमाल करते हुये हर मरीज के हिसाब से उसके हृदय का विशिष्ट मॉडल विकसित किया है। शोधकर्ताओं में भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक भी शामिल है।

शोधकर्ताओं ने कहा कि मुख्य बात यह है कि माइट्रल जेट कितनी मात्रा में हृदय के निचले भाग के बाएं चेंबर (वेंट्रिकल) में प्रवेश करता है। हृदय में रक्त वाहक वाल्व के जरिये निकलने वाली खून की धारा को माइट्रल जेट कहते हैं।

अगर जेट वेंट्रिकल के अंदर गहरायी तक नहीं पहुंचता तो यह हृदय में चैंबर से खून के उचित बहाव को रोकता है जो थक्का जमने, दिल का दौरा पडने और अन्य खतरनाक बीमारियों का कारण बनता है।

शोधकर्ताओं ने 13 मरीजों से लिए गये मापों का विस्तृत अध्ययन किया और दिल के मरीज से जुडा मॉडल बनाने के लिए उनका इस्तेमाल किया। इन मॉडलों में मरीज का रक्त बहाव, शारीरिक संरचना और जैव रसायनों को शामिल किया गया। हृदय के चेंबर शरीर में रक्त को जमा करने वाले सबसे प्रमुख अंग होते हैं जिसके कारण वहां खून का थक्का जमने की सबसे ज्यादा आशंका होती है।

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