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याददाश्त सुधारने और अल्जाइमर से लड़ने में मदद कर सकता है कीर्तन

गाँव कनेक्शन | Sep 16, 2016, 16:16 IST
India
वाशिंगटन (भाषा)। तीन महीने तक योग और ध्यान, विशेष रुप से सदियों पुरानी भारतीय प्रथा कीर्तन, करने से याददाश्त बढ़ाने और अल्जाइमर जैसी बीमारी से लड़ने में मदद मिल सकती है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन के बाद यह जानकारी दी है।


यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया लॉस एंजिलिस (यूसीएलए) के अमेरिकी न्यूरोसाइंटिस्ट की एक टीम ने एक अध्ययन में पाया है कि योग और ध्यान करने से संज्ञानात्मक और भावनात्मक समस्याओं को कम करने में मदद मिलती है। इन समस्याओं से अक्सर अल्जाइमर और इस तरह की अन्य बीमारियों के होने का खतरा रहता है।

अध्ययनकर्ताओं ने यह भी पाया कि यहां तक कि यह अभ्यास संज्ञानात्मक समस्याओं से निपटने के लिए बहुत अच्छा माने जाने वाले याददाश्त बढ़ाने के अभ्यास की तुलना में कहीं अधिक प्रभावी है।

अल्जाइमर्स रिसर्च एंड प्रिवेंशन फाउंडेशन द्वारा कराये गये इस अध्ययन का प्रकाशन हाल ही में जर्नल ऑफ अल्जाइमर्स में किया गया था। यूसीएलए के मनोरोग विभाग में अध्ययन के वरिष्ठ लेखक और प्रोफेसर हेलेन लवरेटस्की ने कहा, ‘‘याददाश्त बढ़ाने के संदर्भ में इसके लिए किया जाने वाला अभ्यास ध्यान और योग के बराबर था लेकिन याददाश्त बढ़ाने के लिए किये जाने वाले अभ्यास की तुलना में योग व्यापक लाभ प्रदान करता है क्योंकि यह मनोदशा, चिंता से निपटने में भी मदद करता है।'' यह अध्ययन 25 लोगों पर किया गया था और सभी की उम्र 55 वर्ष से अधिक थी।

अल्जाइमर्स रिसर्च एंड प्रिवेंशन फाउंडेशन के अनुसार, ‘‘क्लीनिकल अध्ययन से पता चला है कि एक दिन में सिर्फ 12 मिनट के लिए कीर्तन करने से याददाश्त के लिए जरुरी माने जाने वाले मस्तिष्क के सक्रिय भागों में सुधार हो सकता है।''

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