राष्ट्रीय महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में सरजूबाला को गोल्ड, हरियाणा बना ओवरआल चैम्पियन
Sanjay Srivastava | Nov 25, 2016, 13:52 IST
हरिद्वार (भाषा)। राष्ट्रीय महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में सरजूबाला ने कृष्णा थापा को हराकर लगातार तीसरा स्वर्ण जीता। मुक्केबाजी के लिए मशहूर हरियाणा ने अपना जलवा कायम रखा और 10 फाइनल मुकाबलों में से पांच में स्वर्ण पदक हासिल किए।
हरियाणा पांच स्वर्ण, तीन रजत और दो कांस्य पदकों की बदौलत ओवरआल ट्राफी हासिल करने में सफल रहा। दूसरा स्थान रेलवे खेल संवर्धन बोर्ड ने हासिल किया, जिसने दो स्वर्ण, एक रजत और चार कांस्य पदक प्राप्त किए।
मणिपुर की सरजूबाला ने स्थानीय प्रबल दावेदार कृष्णा थापा को शिकस्त दी। दिलचस्प बात है कि सरजूबाला ने 2011 राष्ट्रीय चैम्पियनशिप के फाइनल में भी कृष्णा को हराया था।
सरजूबाला मणिपुर स्वर्ण पदक विजेता
विश्व चैम्पियनशिप की पूर्व रजत पदकधारी साविती बूरा (81 किग्रा) ने स्थानीय प्रबल दावेदार की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए निर्मला को शिकस्त देकर स्वर्ण पदक जीता।
एशियाई खेलों की पूर्व कांस्य पदकधारी कविता गोयत ने अखिल भारतीय पुलिस को इस सत्र में एकमात्र स्वर्ण पदक दिलाया। उसने अरुणाचल प्रदेश की यमी गोगोई को 4-1 से शिकस्त देकर राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में अपना चौथा स्वर्ण पदक हासिल किया।
पंजाब की सिमरनजीत कौर ने 64 किग्रा लाइट वेल्टरवेट का पहला स्थान हासिल किया। विश्व युवा खेलों की पूर्व कांस्य पदकधारी ने हरियाणा की ज्योति का अभियान खत्म किया।
हरियाणा की नीरजा ने आरएसपीबी की मीनाक्षी को 5-0 से पस्त कर फ्लाईवेट वर्ग का स्वर्ण पदक जीता।
आरएसपीबी की प्रियंका चौधरी ने हरियाणा की मोनिका को 4-1 से हराया और लाइटवेट का पहला स्थान अपने नाम किया। पूजा ने हरियाणा के लिए वेल्टरवेट स्वर्ण जीता। उसने हिमाचल प्रदेश की शशिकला को शिकस्त दी।
बैंथमवेट (54 किग्रा) का स्वर्ण हरियाणा की सोनिया के नाम रहा जिन्होंने स्थानीय प्रबल दावेदार कमला बिष्ट को मात दी। बिष्ट ने टूर्नामेंट का सबसे बड़ा उलटफेर विश्व रजत पदक विजेता सोनिया लाठेकर को हराकर किया था।
हरियाणा की शिक्षा ने 54 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में उत्तरप्रदेश की सोनिया को जीत के सपने को तोड़ दिया। शिक्षा ने सोनिया को 5-0 से मात दी।
इस चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली खिलाड़ियों को 20,000 रुपए, रजत पदक जीतने वाली खिलाड़ियों को 12,000 रुपए और कांस्य पदक जीतने वाली खिलाड़ियों को सात हजार रुपए का नगद पुरस्कार दिया गया।
हरियाणा पांच स्वर्ण, तीन रजत और दो कांस्य पदकों की बदौलत ओवरआल ट्राफी हासिल करने में सफल रहा। दूसरा स्थान रेलवे खेल संवर्धन बोर्ड ने हासिल किया, जिसने दो स्वर्ण, एक रजत और चार कांस्य पदक प्राप्त किए।
मणिपुर की सरजूबाला ने स्थानीय प्रबल दावेदार कृष्णा थापा को शिकस्त दी। दिलचस्प बात है कि सरजूबाला ने 2011 राष्ट्रीय चैम्पियनशिप के फाइनल में भी कृष्णा को हराया था।
यह मेरा ओवरआल चौथा राष्ट्रीय स्वर्ण और लगातार तीसरा स्वर्ण है। मुझे एक भी बाउट आसान नहीं मिली, मैं काफी कठिनाई से इसे हासिल किया है। सभी बाउट थकाने वाली थी। मैंने 2011 में भी कृष्णा को हराया था और उसे हराना मुश्किल था। नई महासंघ द्वारा आयोजित की गयी यह पहली राष्ट्रीय चैम्पियनशिप है और मैं इसमें प्रभाव डालने के लिए बेताब थी।
विश्व चैम्पियनशिप की पूर्व रजत पदकधारी साविती बूरा (81 किग्रा) ने स्थानीय प्रबल दावेदार की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए निर्मला को शिकस्त देकर स्वर्ण पदक जीता।
एशियाई खेलों की पूर्व कांस्य पदकधारी कविता गोयत ने अखिल भारतीय पुलिस को इस सत्र में एकमात्र स्वर्ण पदक दिलाया। उसने अरुणाचल प्रदेश की यमी गोगोई को 4-1 से शिकस्त देकर राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में अपना चौथा स्वर्ण पदक हासिल किया।
पंजाब की सिमरनजीत कौर ने 64 किग्रा लाइट वेल्टरवेट का पहला स्थान हासिल किया। विश्व युवा खेलों की पूर्व कांस्य पदकधारी ने हरियाणा की ज्योति का अभियान खत्म किया।
हरियाणा की नीरजा ने आरएसपीबी की मीनाक्षी को 5-0 से पस्त कर फ्लाईवेट वर्ग का स्वर्ण पदक जीता।
आरएसपीबी की प्रियंका चौधरी ने हरियाणा की मोनिका को 4-1 से हराया और लाइटवेट का पहला स्थान अपने नाम किया। पूजा ने हरियाणा के लिए वेल्टरवेट स्वर्ण जीता। उसने हिमाचल प्रदेश की शशिकला को शिकस्त दी।
बैंथमवेट (54 किग्रा) का स्वर्ण हरियाणा की सोनिया के नाम रहा जिन्होंने स्थानीय प्रबल दावेदार कमला बिष्ट को मात दी। बिष्ट ने टूर्नामेंट का सबसे बड़ा उलटफेर विश्व रजत पदक विजेता सोनिया लाठेकर को हराकर किया था।
हरियाणा की शिक्षा ने 54 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में उत्तरप्रदेश की सोनिया को जीत के सपने को तोड़ दिया। शिक्षा ने सोनिया को 5-0 से मात दी।
इस चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली खिलाड़ियों को 20,000 रुपए, रजत पदक जीतने वाली खिलाड़ियों को 12,000 रुपए और कांस्य पदक जीतने वाली खिलाड़ियों को सात हजार रुपए का नगद पुरस्कार दिया गया।