यहां से शुरू हुई सचिन के भगवान बनने की कहानी
Mithilesh Dhar | Apr 24, 2018, 13:17 IST
27 मार्च 1994 का वो दिन। जब भारत की फिजा में अबीर और गुलाल घुल रहा था। देश होली का त्योहार मना रहा था। तब उधर देश से हजारों किमी दूर न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में क्रिकेट के भगवान का उदय हो रहा था।
भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले जा रहे चार मैंचों की श्रृंखला का दूसरा मैच खेला जा रहा था। न्यूजीलैंड की टीम 142 रनों पर आउट हो चुकी थी। भारत को 50 ओवर में 143 रन बनाने थे।
ओपनर बल्लेबाज नवजोत सिंह सिद्धू घायल होने की वजह से मैच में नहीं थे। उस समय न्यूजीलैंड में 143 रन कम नहीं होते थे। तेज गेंदबाजों की मददगार पिच पर सचिन को मोहरे के रूप में पहली बार ओपनिंग करने भेज दिया जाता है। आज के ही दिन यानि 24 अप्रैल 1973 को जन्मे सचिन रमेश तेंदुलकर को बतौर ओपनर बल्लेबाज पहली बार उतारा गया था। इससे पहले 69 मैच खेल चुके सचिन को हमेशा नंबर 5 या 6 पर खिलाया जा रहा था।
तेज गेंदबाजों को मदद देने वाली पिच पर छोटे कद का खिलाड़ी ओपनिंग के लिए मैदान पर पहुंच चुका था। एक इंटरव्यू में मोहम्मद अजहरूद्दिन ने कहा था कि सचिन को ऊपर भेजने का फैसला उन्हीं का था। मोहम्मद अजहरूद्दिन ही उस समय टीम के कप्तान थे। इंडिया पहला मैच हार चुकी थी।
लेफ्ट आर्म स्पिनर मैथ्यू हार्ट की गेंद पर आउट होने से पहले सचिन अपनी टीम को जीत की दहलीज तक पहुंचा चुके थे। सचिन जब आउट हुए तो टीम का स्कोर 11.5 ओवर में 92/1 का था जबकि इतने ओवर में न्यूजीलैंड का स्कोर 16/2 था। मैच ख़त्म होने के बाद जब सचिन को मैन ऑफ़ दी मैच चुना गया तो उन्होंने कहा, ''ये पारी मेरे लिए सपने जैसी है। ऐसी पारी जीवन में एक ही बार खेली जा सकती है।''
शुरू के 69 मैचों में जब सचिन मिडिल और निचले क्रम में खेल रहे थे तो 30.84 की एवरेज उन्होंने 1758 रन बनाए थे, जिसमे 84 रन उनका सर्वश्रेठ था।
ओपनिंग करते हुए 10वें मैच में शतक लगाने वाले सचिन ने अगले 21 पारियों में 1010 रन तो बनाए ही साथ ही 3 शतक और 8 अर्द्धशतक भी जड़े। ओपनर बनने के बाद सचिन ने अगले 1758 रन मात्र 37 मैचों में बनाए और इस दौरान उनका एवरेज 53.27 का और स्ट्राइक रेट 93.33 था। इन 37 मैचों में सचिन ने 11 अर्द्धशतक और 6 शतक बनाये। अगले 69 मैचों में सचिन ने 47.48 के औसत से 4086 रन बनाये और 18 अर्द्धशतक, 10 शतक से क्रिकेट जगत में तहलका मचा दिया।
नवजोत सिंह सिद्धू और मोहम्मद अजहरुद्दीन को कभी नहीं लगा कि विकल्प के तौर जिस खिलाड़ी को वे ओपनर बना रहे हैं वो खिलाड़ी एक समय क्रिकेट जगत का भगवान कहलायेगा।
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भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले जा रहे चार मैंचों की श्रृंखला का दूसरा मैच खेला जा रहा था। न्यूजीलैंड की टीम 142 रनों पर आउट हो चुकी थी। भारत को 50 ओवर में 143 रन बनाने थे।
ओपनर बल्लेबाज नवजोत सिंह सिद्धू घायल होने की वजह से मैच में नहीं थे। उस समय न्यूजीलैंड में 143 रन कम नहीं होते थे। तेज गेंदबाजों की मददगार पिच पर सचिन को मोहरे के रूप में पहली बार ओपनिंग करने भेज दिया जाता है। आज के ही दिन यानि 24 अप्रैल 1973 को जन्मे सचिन रमेश तेंदुलकर को बतौर ओपनर बल्लेबाज पहली बार उतारा गया था। इससे पहले 69 मैच खेल चुके सचिन को हमेशा नंबर 5 या 6 पर खिलाया जा रहा था।
तेज गेंदबाजों को मदद देने वाली पिच पर छोटे कद का खिलाड़ी ओपनिंग के लिए मैदान पर पहुंच चुका था। एक इंटरव्यू में मोहम्मद अजहरूद्दिन ने कहा था कि सचिन को ऊपर भेजने का फैसला उन्हीं का था। मोहम्मद अजहरूद्दिन ही उस समय टीम के कप्तान थे। इंडिया पहला मैच हार चुकी थी।
लेफ्ट आर्म स्पिनर मैथ्यू हार्ट की गेंद पर आउट होने से पहले सचिन अपनी टीम को जीत की दहलीज तक पहुंचा चुके थे। सचिन जब आउट हुए तो टीम का स्कोर 11.5 ओवर में 92/1 का था जबकि इतने ओवर में न्यूजीलैंड का स्कोर 16/2 था। मैच ख़त्म होने के बाद जब सचिन को मैन ऑफ़ दी मैच चुना गया तो उन्होंने कहा, ''ये पारी मेरे लिए सपने जैसी है। ऐसी पारी जीवन में एक ही बार खेली जा सकती है।''
शुरू के 69 मैचों में जब सचिन मिडिल और निचले क्रम में खेल रहे थे तो 30.84 की एवरेज उन्होंने 1758 रन बनाए थे, जिसमे 84 रन उनका सर्वश्रेठ था।
ओपनिंग करते हुए 10वें मैच में शतक लगाने वाले सचिन ने अगले 21 पारियों में 1010 रन तो बनाए ही साथ ही 3 शतक और 8 अर्द्धशतक भी जड़े। ओपनर बनने के बाद सचिन ने अगले 1758 रन मात्र 37 मैचों में बनाए और इस दौरान उनका एवरेज 53.27 का और स्ट्राइक रेट 93.33 था। इन 37 मैचों में सचिन ने 11 अर्द्धशतक और 6 शतक बनाये। अगले 69 मैचों में सचिन ने 47.48 के औसत से 4086 रन बनाये और 18 अर्द्धशतक, 10 शतक से क्रिकेट जगत में तहलका मचा दिया।
नवजोत सिंह सिद्धू और मोहम्मद अजहरुद्दीन को कभी नहीं लगा कि विकल्प के तौर जिस खिलाड़ी को वे ओपनर बना रहे हैं वो खिलाड़ी एक समय क्रिकेट जगत का भगवान कहलायेगा।
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