By Tauseef Ahmed
जब आसिया ने छत पर खेती शुरू की तो सभी ने उनका मजाक उड़ाया कि क्या कर लेंगी, लेकिन जो लोग उन्हें ताना मारते थे, अब वही लोग रोज़ाना उनसे मशरूम और सब्जियाँ खरीदने आते हैं। तभी तो घर बैठे 30-40 हज़ार रुपए महीने का कमा रहीं हैं।
जब आसिया ने छत पर खेती शुरू की तो सभी ने उनका मजाक उड़ाया कि क्या कर लेंगी, लेकिन जो लोग उन्हें ताना मारते थे, अब वही लोग रोज़ाना उनसे मशरूम और सब्जियाँ खरीदने आते हैं। तभी तो घर बैठे 30-40 हज़ार रुपए महीने का कमा रहीं हैं।
By Tauseef Ahmed
पारंपरिक तौर पर दाई का काम करने वाली तजुर्बेकार महिलाएँ अभी भी घाटी के दूर-दराज के गाँवों में अपने इस काम को बखूबी कर रही हैं। उनमें से कई काफी बुज़ुर्ग और समझदार हैं। घर पर बच्चों को जन्म दिलाने का उनका सालों का अनुभव उन्हें इन इलाकों की लाइफ लाइन बनाए हुए है।
पारंपरिक तौर पर दाई का काम करने वाली तजुर्बेकार महिलाएँ अभी भी घाटी के दूर-दराज के गाँवों में अपने इस काम को बखूबी कर रही हैं। उनमें से कई काफी बुज़ुर्ग और समझदार हैं। घर पर बच्चों को जन्म दिलाने का उनका सालों का अनुभव उन्हें इन इलाकों की लाइफ लाइन बनाए हुए है।
By Tauseef Ahmed
Dai, the traditional midwives, are still active in the far flung villages of the Valley. Many of them are old and wizened but their years of experience delivering babies at home make them a lifeline.
Dai, the traditional midwives, are still active in the far flung villages of the Valley. Many of them are old and wizened but their years of experience delivering babies at home make them a lifeline.