By Gaon Connection
अफ्रीकन स्वाइन फीवर (ASF) के नए मामले सामने आने के बाद फिलीपींस ने स्पेन से सूअर मांस आयात पर अस्थायी रोक लगा दी है। सरकार ने कहा कि यह कदम घरेलू पशुओं की सुरक्षा के लिए जरूरी है और त्योहारों के दौरान मांस की कमी नहीं होने दी जाएगी। वैश्विक पोर्क बाजार में यह बड़ा झटका है, जबकि भारत में भी ASF का संकट कभी-भी असर दिखा सकता है।
अफ्रीकन स्वाइन फीवर (ASF) के नए मामले सामने आने के बाद फिलीपींस ने स्पेन से सूअर मांस आयात पर अस्थायी रोक लगा दी है। सरकार ने कहा कि यह कदम घरेलू पशुओं की सुरक्षा के लिए जरूरी है और त्योहारों के दौरान मांस की कमी नहीं होने दी जाएगी। वैश्विक पोर्क बाजार में यह बड़ा झटका है, जबकि भारत में भी ASF का संकट कभी-भी असर दिखा सकता है।
By Divendra Singh
देश की एक बड़ी आबादी पशुपालन से जुड़ी है, आए दिन किसी न परेशानी से उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में अब उत्तराखंड राज्य में सुअरों में फैल रही अफ्रीकन स्वाइन फीवर के संक्रमण ने पशुपालकों की चिंता बढ़ा दी है।
देश की एक बड़ी आबादी पशुपालन से जुड़ी है, आए दिन किसी न परेशानी से उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में अब उत्तराखंड राज्य में सुअरों में फैल रही अफ्रीकन स्वाइन फीवर के संक्रमण ने पशुपालकों की चिंता बढ़ा दी है।
By Divendra Singh
एक बार फिर असम में अफ्रीकन स्वाइन फीवर से सुअरों की मौत हो रही है, पिछले साल भी यहां पर लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। पशुपालकों का कहना है कोविड-19 की तरह ही अफ्रीकन स्वाइन फीवर की भी दूसरी लहर आ गई है।
एक बार फिर असम में अफ्रीकन स्वाइन फीवर से सुअरों की मौत हो रही है, पिछले साल भी यहां पर लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। पशुपालकों का कहना है कोविड-19 की तरह ही अफ्रीकन स्वाइन फीवर की भी दूसरी लहर आ गई है।
By Divendra Singh
असम में पिछले साल अफ्रीकन स्वाइन फीवर से हुई सुअरों की मौत से अभी किसान उबर भी नहीं पाए थे कि फिर कई जिलों में सुअरों की मौत होने लगी है। ऐसे में किसानों को डर है कि अगर एक बार फिर पूरे राज्य में संक्रमण फैला तो पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे।
असम में पिछले साल अफ्रीकन स्वाइन फीवर से हुई सुअरों की मौत से अभी किसान उबर भी नहीं पाए थे कि फिर कई जिलों में सुअरों की मौत होने लगी है। ऐसे में किसानों को डर है कि अगर एक बार फिर पूरे राज्य में संक्रमण फैला तो पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे।
By Divendra Singh
जब पूरी दुनिया में कोरोना वायरस तबाही मचा रहा था, उसी दौरान देश के पूर्वोत्तर राज्यों में अफ्रीकन स्वाइन फीवर पाव फैला रहा था। जिससे आज तक पशुपालक नहीं उबर पाए हैं।
जब पूरी दुनिया में कोरोना वायरस तबाही मचा रहा था, उसी दौरान देश के पूर्वोत्तर राज्यों में अफ्रीकन स्वाइन फीवर पाव फैला रहा था। जिससे आज तक पशुपालक नहीं उबर पाए हैं।
By Divendra Singh
कोरोना संक्रमण में मिजोरम के पशुपालकों के सामने नई मुसीबत आ गई है, मार्च से लेकर अब तक यहां पर अफ्रीकन स्वाइन फीवर से 5000 से ज्यादा सुअरों की मौत हो गई है।
कोरोना संक्रमण में मिजोरम के पशुपालकों के सामने नई मुसीबत आ गई है, मार्च से लेकर अब तक यहां पर अफ्रीकन स्वाइन फीवर से 5000 से ज्यादा सुअरों की मौत हो गई है।
By Divendra Singh
मिर्च जैसी फसलों के पौधों को बचाने के लिए किसानों को असम के किसान राजिब बोरा का मुफ्त का जुगाड़ अपनाना चाहिए, जिसमें बिना किसी अतिरिक्त लागत के किसान केले के तनों की मदद से फसल बचा सकते हैं।
मिर्च जैसी फसलों के पौधों को बचाने के लिए किसानों को असम के किसान राजिब बोरा का मुफ्त का जुगाड़ अपनाना चाहिए, जिसमें बिना किसी अतिरिक्त लागत के किसान केले के तनों की मदद से फसल बचा सकते हैं।
By गाँव कनेक्शन
मिजोरम स्वास्थ्य प्रणाली सुदृढ़ीकरण परियोजना से राज्य के सभी आठ जिलों के लोगों को लाभ पहुंचेगा। यह योजना स्वास्थ्य क्षेत्र के कर्चमारियों विशेष तौर पर माध्यमिक और प्राथमिक स्तर पर मौजूद कर्मचारियों के योजनागत कौशल और प्रबंधन क्षमताओं के निर्माण में मदद करेगी।
मिजोरम स्वास्थ्य प्रणाली सुदृढ़ीकरण परियोजना से राज्य के सभी आठ जिलों के लोगों को लाभ पहुंचेगा। यह योजना स्वास्थ्य क्षेत्र के कर्चमारियों विशेष तौर पर माध्यमिक और प्राथमिक स्तर पर मौजूद कर्मचारियों के योजनागत कौशल और प्रबंधन क्षमताओं के निर्माण में मदद करेगी।
By गाँव कनेक्शन
हर साल मॉनसून के दौरान असम में बाढ़ आती है। लेकिन इस साल यह संकट और बढ़ गया है, क्योंकि राज्य कई आपदाओं से एक साथ जूझ रहा है। राज्य में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जबकि तिनसुकिया में तेल के कुएं में 9 जून से लगी हुई आग अब तक नहीं बूझ पाई है। वहीं कई जगहों पर भूस्खलन के मामले में भी सामने आए हैं।
हर साल मॉनसून के दौरान असम में बाढ़ आती है। लेकिन इस साल यह संकट और बढ़ गया है, क्योंकि राज्य कई आपदाओं से एक साथ जूझ रहा है। राज्य में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जबकि तिनसुकिया में तेल के कुएं में 9 जून से लगी हुई आग अब तक नहीं बूझ पाई है। वहीं कई जगहों पर भूस्खलन के मामले में भी सामने आए हैं।