"Ab kisi ko kuch prove nahi karna" - Manish Mundra | The Slow Interview with Neelesh Misra
Gaon Connection Network | Nov 20, 2025, 14:02 IST
मनीष मुंद्रा एक फिल्म निर्माता हैं और दृष्यम फ़िल्म्स के संस्थापक हैं, जिन्होंने आंखों देखी, मसान, कड़वी हवा और न्यूटन जैसी अनोखी और महत्वपूर्ण फ़िल्मों का निर्माण कर भारतीय सिनेमा में एक नया दौर स्थापित किया है। वे एक परोपकारी व्यक्ति भी हैं, जिन्होंने महामारी के दौरान प्रवासी मजदूरों की घर वापसी में सहायता की और अस्पतालों को वेंटिलेटर, पीपीई किट और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए। झारखंड में एक मारवाड़ी परिवार में जन्मे मनीष ने अपने परिवार का सहारा बनने के लिए कभी साड़ियां और ठंडे पेय बेचे थे और आज एक सफल निर्माता के रूप में अपनी पहली फीचर फ़िल्म का निर्देशन भी कर चुके हैं। नीलेश मिस्रा का काम देश के प्रमुख रेडियो और ऑडियो मंचों तक पहुंचा है और वे शहरी प्रेम कहानियों से लेकर ग्रामीण नायकों और शासन जैसे विषयों पर अपनी विशिष्ट शैली में कहानी सुनाने के लिए जाने जाते हैं। वे ग्राम्य जीवन से जुड़े मीडिया उद्यम के संस्थापक, गीतकार, लेखक, गायक, वक्ता, पत्रकार और मार्गदर्शक के रूप में एक प्रभावशाली बदलावकारी व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने कई सामाजिक रूप से उपयोगी और नवाचारी विचारों के माध्यम से लाखों लोगों तक सकारात्मक प्रभाव पहुंचाया है। उन्होंने संचार की दुनिया में एक विशिष्ट स्थान बनाया है और उनके विचारों ने विभिन्न क्षेत्रों में नई राहें खोली हैं। उन्होंने धीमे जीवन की अवधारणा को आगे बढ़ाने के लिए एक आंदोलन शुरू किया है, जिसका उद्देश्य लोगों को तेज़ रफ़्तार जीवन से हटकर सरल, शांत और अर्थपूर्ण अनुभवों से फिर जोड़ना है। यह आंदोलन सहज और संवेदनशील वीडियो, ऑडियो और पाठ सामग्री के माध्यम से लोगों को उनके मूल से जोड़ने का प्रयास करता है और शहद, खिलौने, हस्तशिल्प जैसी वस्तुओं के माध्यम से सादगी और ईमानदारी को प्रोत्साहित करता है। नीलेश मिस्रा ने अनेक फ़िल्मों के लिए गीत लिखे हैं और वे कई प्रमुख संगीतकारों के साथ काम कर चुके हैं। उनके कई गीत अत्यंत लोकप्रिय रहे हैं और आज भी लोगों की स्मृतियों में बसे हुए हैं। यदि आपको हमारा कार्य पसंद आए, तो हमारे चैनल से जुड़ें और समर्थन दें।