कोई तेंदुए से लड़ी, कोई समाज से

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कोई तेंदुए से लड़ी, कोई समाज सेगाँव कनेक्शन

लखनऊ। तेंदुए से लड़ जाने वाली महिला को जब खचाखच भरे हॉल में स्टेज पर बुलाया गया, तो सभी ने दांतों तले उंगली दबा ली। भाई को बचाने के लिए तेन्दुए से भिडऩे वाली इस साहसी महिला को 12 ग्रामीण प्रतिभाओं के साथ स्वयं अवार्ड से सम्मानित किया गया। 

बहराइच के कुड़कुड़ी कुआं गाँव की रहने वाली गुलइचा को तेन्दुए से लडऩे के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पहले स्वयं अवार्ड से सम्मानित किया। गुलइचा की ही तरह उत्तर प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों से आई प्रतिभाओं को गाँव कनेक्शन की तीसरी वर्षगांठ पर स्वयं अवार्ड दिया गया। 

इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के सोनभद्र से लेकर मेरठ तक के ग्रामीण स्कूलों से आए सैकड़ों छात्रों का हौसला बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, ''हमें अपनेे हीरो कहीं और नहीं खोजने हैं, हमारे आसपास जो अच्छा काम कर रहे हैं, उन्हीं को हीरो समझना चाहिए। उन्हीं को आगे बढ़ाना चाहिए।"  

गाँव कनेक्शन फाउंडेशन द्वारा शुरू किया गया 'स्वयं अवार्ड्स' हर वर्ष उन ग्रामीण प्रतिभाओं को दिए जाएंगे, जिन्होंने समाज में अपना मुकाम हासिल किया हो। 

ग्रामीण पत्रकारिता को एक नया आयाम देने वाले गाँव कनेक्शन अख़बार की तारीफ करने के साथ ही मुख्य सचिव आलोक रंजन ने कहा, ''यह अद्भुत है कि जिन महिलाओं ने कुछ नया करके दिखाया है, अकेले साहसिक रूप से समाज की कुरीतियों का विरोध किया है। इन्होंने वो करके दिखाया जो सभी सहूलियतें पाकर लोग नहीं कर पाते।" उन्होंने आगे कहा, ''जब तक हम महिलाओं को ऊपर नहीं उठाएंगे यह समाज आगे नहीं बढ़ पाएगा।"

दो दिसंबर, 2012 में अपने शुभारंभ के बाद से ही गाँव कनेक्शन लगातार ग्रामीणों की आवाज बनकर अपने दायित्वों को पूरा कर रहा है। इस अख़बार की नींव रखने वाले नीलेश मिसरा ने कहा, ''हम सकारात्मक पत्रकारिता में विश्वास रखते हैं। हम सरकारी योजनाओं में आने वाली समस्याओं के साथ-साथ उन्हें बेहतर तरीके से कैसे लागू किया जाए, इसे भी सरकार के सामने लाने में विश्वास रखते हैं।"

दूर-दूर से आई इन विलक्षण प्रतिभाओं का उत्साह बढ़ाते हुए मशहूर बॉलीवुड फिल्म निर्माता महेश भट्ट ने इन प्रतिभाओं को खूब सराहा। उन्होंने कहा, ''यदि आप सपने देख सकते हैं, आप उन्हें पूरा भी कर सकते हैं। एक बार प्यास जग जाए तो आदमी पानी ढ़ूंढ ही लेता है। इस अवॉर्ड के ज़रिए दूसरों के अंदर प्यास जगाने का यही जज़्बा मुझे आज नजऱ आया। यह मेरे लिए एक ना भूलने वाला अनुभव है।"

इस मौके पर गाँव कनेक्शन के प्रधान संपादक डॉ. एसबी मिश्र ने कहा, "आज जिन प्रतिभाओं को सम्मानित किया जा रहा है, वो सभी थिंक बिग (बड़ी सोच) की श्रेणी में आती हैं। हमारा मानना है कि समाज में परिवर्तन के लिए कि देश के नौजवान और युवतियों को वो भूमिका दी जाए जिसके वो हकदार हैं, जिसे वो निभा सकें।"

गाँव कनेक्शन के सुझावों पर होगी कार्रवाई

गाँव कनेक्शन की ओर से मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को सौंपी गई सुझावों की एक पुस्तिका के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा, ''गाँव कनेक्शन की ओर से जो सुझाव मिले हैं, मेरे कहने से पहले मुख्य सचिव जी ने कह दिया कि हम सब स्वीकार कर लेंगे। इससे अच्छा मुख्य सचिव हो ही नहीं सकता। मैंने पन्ने पलट करके देखा, ऐसा कोई बड़ा सुझाव नहीं जो हम कर न सकें। योजनाएं तो पहले से चल ही रही हैं। उन्हीं सुझावों में सुधार बताया है, वो करना है। मुख्य सचिव ने पहले ही कह दिया है तो यह होना ही है।" मुख्यमंत्री ने कहा, ''मुख्य सचिव साहब तेज काम कर रहे हैं, अच्छा काम कर रहे हैं।"  वहीं मुख्य सचिव ने भी कहा, ''जो गाँव कनेक्शन ने सुझाव दिए हैं, उन पर कार्रवाई ज़रूर कराऊंगा।" 

हमारे हीरो हमारे आसपास ही हैं

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि हमें अपनेे हीरो कहीं और नहीं खोजने हैं, हमारे आसपास जो अच्छा काम कर रहे हैं, उन्हीं को हीरो समझना चाहिए। उन्हीं को आगे बढ़ाना चाहिए। हम कितना भी तरक्की कर लें कितने भी खुशहाल हो जाएं, लेकिन हमारे गाँव पीछे रह जाएंगे तो हम कहीं भी खुशहाली के दर्जे पर नहीं गिने जाएंगे। बड़े-बड़े आंकड़े, बड़े-बड़े अर्थशास्त्री यही कहते हैं कि मौसम और समय पर पानी बरस जाए, क्योंकि वह जानते हैं कि अगर जीडीपी अच्छी चाहिए, और देश को तरक्की के रास्ते पर लेकर जाना है तो हमारे गाँव अच्छे होने चाहिए। 

 

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