महाराष्ट्र: ठाणे जिले के इस गांव में बर्ड फ्लू का खतरा, संक्रमण को रोकने के लिए मारी जाएंगी 25000 मुर्गियां

बर्ड फ्लू से पक्षियों की मौत की पुष्टि होने के बाद अब संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए लगभग 25000 पक्षियों को मार दिया जाएगा।

Divendra SinghDivendra Singh   18 Feb 2022 11:37 AM GMT

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महाराष्ट्र: ठाणे जिले के इस गांव में बर्ड फ्लू का खतरा, संक्रमण को रोकने के लिए मारी जाएंगी 25000 मुर्गियां

जनवरी, 2021 को भी महाराष्ट्र के कई जिलों में बर्ड फ्लू का संक्रमण देखा गया था। सभी फोटो: दिवेंद्र सिंह

एक बार फिर महाराष्ट्र में बर्ड फ्लू का खतरा मंडराने लगा है, यहां पर बर्ड फ्लू को संक्रमण को रोकने के लिए हजारों की संख्या में मुर्गियों को मार दिया जाएगा।

महाराष्ट्र के ठाणे जिले की शाहपुर तालुका के वेहलोली गाँव के एक पोल्ट्री फार्म में पिछले कुछ दिनों में 100 से ज्यादा मुर्गियों की मौत हो गई थी, जिसकी जांच के लिए सैंपल पुणे भेजा गया, जहां पर बर्ड फ्लू से मौत की पुष्टि हुई है।

थाने के जिला पशुपालन अधिकारी डॉ अजीत हिर्वे बताते हैं, "यह के एक फार्म में 2 फरवरी से ही पक्षियों की मौत होने लगी थी, इसके बाद 11 और 13 फरवरी को सैंपल पशुपालन विभाग की पुणे की प्रयोगशाला में भेजा गया, जहां 17 फरवरी को रिपोर्ट मिलने के बाद बर्ड फ्लू की बात पता चली है।"

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार H5N1 एक प्रकार का इन्फ्लूएंजा वायरस है जो एवियन इन्फ्लूएंजा (या "बर्ड फ्लू") नामक पक्षियों में एक अत्यधिक संक्रामक, गंभीर श्वसन रोग का कारण बनता है। H5N1 एवियन इन्फ्लूएंजा से इंसानों में संक्रमण के मामले कभी-कभी होते हैं, लेकिन एक इंसान से दूसरे इंसान में संक्रमण मुश्किल होता है।

डॉ हिर्वे आगे कहते हैं, "अब पोल्ट्री फार्म के लगभग एक किमी के दायरे में पोल्ट्री फार्म की पहचान की गई है, जहां पर 25000 के लगभग मुर्गे-मुर्गियों की गिनती की है। संक्रमण को रोकने के लिए इन्हें मार दिया जाएगा।"


जनवरी, 2021 को भी महाराष्ट्र के कई जिलों में बर्ड फ्लू का संक्रमण देखा गया था। यहां के परभणी जिले में सबसे पहले बैकयार्ड पोल्ट्री फार्म पर बर्ड फ़्लू की पुष्टि हुई थी। इसके बाद नांदेड़ जिले के चिखरी व तलहारी गाँव, सतारा के मरई वादी, लातूर के दावणगांव, नागपुर के वारंगा, गढ़चिरोली, मुंबई के कल्याण व ठाणे, बीड के वारती जैसे 16 जिलों में मुर्गियों में बर्ड फ़्लू के संक्रमण के बाद इन्हें मार दिया गया था।

पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय ने मुआवजा राशि निर्धारित की है, जिसमें लेयर मुर्गी के चूजों के 20 रुपए, बड़ी मुर्गियों के लिए 90 रुपए, ब्रायलर मुर्गियों के चूजों के 20 रुपए, बड़ी ब्रायलर मुर्गी के 70 रुपए, बटेर के चूजों के पांच रुपए, बड़े बटेर के 10 रुपए, बतख के चूजों के 35 रुपए, बड़ी बतख के 135 रुपए, गिनी फाउल के चूजों के 20 रुपए, बड़ी गिनी फाउल के 90 रुपए, टर्की के चूजों के 60 रुपए और बड़ी टर्की के 160 रुपए। अंडों को नष्ट करने पर प्रति अंडा तीन रुपए और पोल्ट्री फीड को नष्ट करने पर 12 रुपए प्रति किलो निर्धारित किए गए हैं।

पिछले साल 2021 केजनवरी महीने में 12 राज्यों (मध्य प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान, जम्मू व कश्मीर और पंजाब) में एविएन फ़्लू (बर्ड फ़्लू) के प्रकोप की पुष्टि हुई थी। इसके प्रसार को रोकने के लिए महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल, हरियाणा, पंजाब जैसे राज्यों में मुर्गियों और बतखों को मार दिया गया था।

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