By Divendra Singh
फ्रांस में लंपी स्किन डिज़ीज़ के नाम पर मवेशियों की सामूहिक हत्या के खिलाफ किसान सड़कों पर हैं। सरकार इसे बीमारी नियंत्रण बता रही है, जबकि किसान इसे अपनी आजीविका और भावनात्मक दुनिया पर हमला मानते हैं। यह कहानी सिर्फ़ फ्रांस की नहीं, बल्कि भारत समेत उन सभी देशों की है, जहाँ पशुपालन लाखों परिवारों की ज़िंदगी का आधार है।
फ्रांस में लंपी स्किन डिज़ीज़ के नाम पर मवेशियों की सामूहिक हत्या के खिलाफ किसान सड़कों पर हैं। सरकार इसे बीमारी नियंत्रण बता रही है, जबकि किसान इसे अपनी आजीविका और भावनात्मक दुनिया पर हमला मानते हैं। यह कहानी सिर्फ़ फ्रांस की नहीं, बल्कि भारत समेत उन सभी देशों की है, जहाँ पशुपालन लाखों परिवारों की ज़िंदगी का आधार है।
By Divendra Singh
व्हाइट स्पॉट डिज़ीज़ (WSSV) ने आंध्र प्रदेश से ओडिशा तक झींगा पालन को अस्तित्व की लड़ाई में बदल दिया है। यह सिर्फ़ एक बीमारी नहीं, बल्कि लाखों किसानों, मज़दूरों और तटीय अर्थव्यवस्था पर मंडराता संकट है।
व्हाइट स्पॉट डिज़ीज़ (WSSV) ने आंध्र प्रदेश से ओडिशा तक झींगा पालन को अस्तित्व की लड़ाई में बदल दिया है। यह सिर्फ़ एक बीमारी नहीं, बल्कि लाखों किसानों, मज़दूरों और तटीय अर्थव्यवस्था पर मंडराता संकट है।
By Gaon Connection
अफ्रीकन स्वाइन फीवर (ASF) के नए मामले सामने आने के बाद फिलीपींस ने स्पेन से सूअर मांस आयात पर अस्थायी रोक लगा दी है। सरकार ने कहा कि यह कदम घरेलू पशुओं की सुरक्षा के लिए जरूरी है और त्योहारों के दौरान मांस की कमी नहीं होने दी जाएगी। वैश्विक पोर्क बाजार में यह बड़ा झटका है, जबकि भारत में भी ASF का संकट कभी-भी असर दिखा सकता है।
अफ्रीकन स्वाइन फीवर (ASF) के नए मामले सामने आने के बाद फिलीपींस ने स्पेन से सूअर मांस आयात पर अस्थायी रोक लगा दी है। सरकार ने कहा कि यह कदम घरेलू पशुओं की सुरक्षा के लिए जरूरी है और त्योहारों के दौरान मांस की कमी नहीं होने दी जाएगी। वैश्विक पोर्क बाजार में यह बड़ा झटका है, जबकि भारत में भी ASF का संकट कभी-भी असर दिखा सकता है।
By Gaon Connection
भारत में गाय को सदियों से माता का दर्जा दिया गया है और आज भी अगर कोई गायों को अपनाता है, तो गाय बदले में सेहत और रोज़गार दोनों लौटा सकती है। गुजरात के सूरत ज़िले के नवीपार्डी गाँव में नीलेश अहीर और उनका परिवार यह साबित कर रहा है कि पशुपालन भी एक सफल और आधुनिक बिज़नेस मॉडल बन सकता है।
भारत में गाय को सदियों से माता का दर्जा दिया गया है और आज भी अगर कोई गायों को अपनाता है, तो गाय बदले में सेहत और रोज़गार दोनों लौटा सकती है। गुजरात के सूरत ज़िले के नवीपार्डी गाँव में नीलेश अहीर और उनका परिवार यह साबित कर रहा है कि पशुपालन भी एक सफल और आधुनिक बिज़नेस मॉडल बन सकता है।
By Dr. Satyendra Pal Singh
भारत दुनिया का शीर्ष देसी घी उत्पादक और उपभोक्ता देश है। भारत में वर्ष 2020 में 170 हजार मीट्रिक टन देसी घी का उत्पादन किया गया जो कि दुनिया में सर्वाधिक है। भारत के बाद दूसरे स्थान पर संयुक्त राज्य अमेरिका आता है जिसका घी उत्पादन भारत से लगभग आधा है।
भारत दुनिया का शीर्ष देसी घी उत्पादक और उपभोक्ता देश है। भारत में वर्ष 2020 में 170 हजार मीट्रिक टन देसी घी का उत्पादन किया गया जो कि दुनिया में सर्वाधिक है। भारत के बाद दूसरे स्थान पर संयुक्त राज्य अमेरिका आता है जिसका घी उत्पादन भारत से लगभग आधा है।
By गाँव कनेक्शन
अच्छी नस्लों की गायों की संख्या बढ़ाने के लिए इन- विट्रो फर्टिलाइजेशन तकनीक यानी आईवीएफ तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है, देश में पहली बार इस तकनीक से गिर गाय की बछिया का जन्म हुआ है।
अच्छी नस्लों की गायों की संख्या बढ़ाने के लिए इन- विट्रो फर्टिलाइजेशन तकनीक यानी आईवीएफ तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है, देश में पहली बार इस तकनीक से गिर गाय की बछिया का जन्म हुआ है।
By गाँव कनेक्शन
नीति के माध्यम से 5000 करोड़ रुपये का निवेश की उम्मीद है। इसके तहत ग्रीन फील्ड डेयरी की स्थापना व क्षमता विकास एवं प्रौद्योगिकी उच्चीकरण के लिए भी निवेश आकर्षित किया जाएगा।
नीति के माध्यम से 5000 करोड़ रुपये का निवेश की उम्मीद है। इसके तहत ग्रीन फील्ड डेयरी की स्थापना व क्षमता विकास एवं प्रौद्योगिकी उच्चीकरण के लिए भी निवेश आकर्षित किया जाएगा।
By Divendra Singh
गीर, साहीवाल जैसी बढ़िया नस्ल की गायों से साल में एक बछड़ा या बछिया मिलती है, लेकिन अगर आपसे ये कहें कि उनसे साल में दस से अधिक बछिया प्राप्त कर सकते हैं, तो शायद आपको यकीन न हो, लेकिन यह संभव है।
गीर, साहीवाल जैसी बढ़िया नस्ल की गायों से साल में एक बछड़ा या बछिया मिलती है, लेकिन अगर आपसे ये कहें कि उनसे साल में दस से अधिक बछिया प्राप्त कर सकते हैं, तो शायद आपको यकीन न हो, लेकिन यह संभव है।
By गाँव कनेक्शन
आईसीएआर-एनबीएजीआर ने देश में देशी पशुधन प्रजातियों की दस नई नस्लों को पंजीकृत किया है। चलिए जानते हैं कौन सी हैं ये किस्में?
आईसीएआर-एनबीएजीआर ने देश में देशी पशुधन प्रजातियों की दस नई नस्लों को पंजीकृत किया है। चलिए जानते हैं कौन सी हैं ये किस्में?
By Dr. Satyendra Pal Singh
ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालक थनैला रोग के शुरूआती लक्षणों को देखकर इस रोग की भयानकता का अंदाजा नहीं लगा पाते हैं और वह इलाज के लिए टोने-टोटकों में समय जाया करते रहते हैं। जिसके चलते यह रोग काबू से बाहर हो जाता है।
ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालक थनैला रोग के शुरूआती लक्षणों को देखकर इस रोग की भयानकता का अंदाजा नहीं लगा पाते हैं और वह इलाज के लिए टोने-टोटकों में समय जाया करते रहते हैं। जिसके चलते यह रोग काबू से बाहर हो जाता है।
By Gaon Connection
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By Gaon Connection
By Divendra Singh
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