चिंता मत कीजिये मसूर दाल पर ज़ीरो इंपोर्ट ड्यूटी 31 मार्च 2025 तक बढ़ा दी गई है
चिंता मत कीजिये मसूर दाल पर ज़ीरो इंपोर्ट ड्यूटी 31 मार्च 2025 तक बढ़ा दी गई है

By गाँव कनेक्शन

देश में दाल की किल्लत कम करने और दाम को काबू में रखने के लिए केंद्र सरकार ने मसूर दाल पर फ्री इंपोर्ट ड्यूटी एक साल के लिए बढ़ा दी है। अब मसूर दाल के आयात पर 31 मार्च 2025 तक कोई ड्यूटी नहीं ली जाएगी।

देश में दाल की किल्लत कम करने और दाम को काबू में रखने के लिए केंद्र सरकार ने मसूर दाल पर फ्री इंपोर्ट ड्यूटी एक साल के लिए बढ़ा दी है। अब मसूर दाल के आयात पर 31 मार्च 2025 तक कोई ड्यूटी नहीं ली जाएगी।

ज्यादा एमएसपी मिलने के बावजूद सरकारी खरीद केंद्रों के बजाए निजी व्यापारियों को धान बेच रहे हैं किसान
ज्यादा एमएसपी मिलने के बावजूद सरकारी खरीद केंद्रों के बजाए निजी व्यापारियों को धान बेच रहे हैं किसान

By Sumit Yadav

सरकार के 2,040 रुपये प्रति क्विंटल धान के एमएसपी के मुकाबले उत्तर प्रदेश में निजी व्यापारी किसानों से 1,900 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से धान खरीद रहे हैं। फिर भी किसान सरकारी केंद्रों पर न जाकर अपना धान व्यापारियों को बेचना पसंद करते हैं। इस सिलसिले में गाँव कनेक्शन ने रायबरेली, उन्नाव और बाराबंकी जिलों का दौरा क्यों किया। एक ग्राउंड रिपोर्ट-

सरकार के 2,040 रुपये प्रति क्विंटल धान के एमएसपी के मुकाबले उत्तर प्रदेश में निजी व्यापारी किसानों से 1,900 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से धान खरीद रहे हैं। फिर भी किसान सरकारी केंद्रों पर न जाकर अपना धान व्यापारियों को बेचना पसंद करते हैं। इस सिलसिले में गाँव कनेक्शन ने रायबरेली, उन्नाव और बाराबंकी जिलों का दौरा क्यों किया। एक ग्राउंड रिपोर्ट-

दिवाली से पहले किसानों के लिए खुशखबरी, बढ़ाई गई रबी फसलों की एमएसपी
दिवाली से पहले किसानों के लिए खुशखबरी, बढ़ाई गई रबी फसलों की एमएसपी

By गाँव कनेक्शन

कैबिनेट ने गेहूं की एमएसपी में 110 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है। इसके अलावा मसूर की एमएसपी में 500 रुपये प्रति क्‍व‍िंटल और सरसों की एमएसपी पर 400 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की है।

कैबिनेट ने गेहूं की एमएसपी में 110 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है। इसके अलावा मसूर की एमएसपी में 500 रुपये प्रति क्‍व‍िंटल और सरसों की एमएसपी पर 400 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की है।

क्या भारत चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाएगा? क्या कहते हैं चावल के व्यापारी और निर्यातक
क्या भारत चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाएगा? क्या कहते हैं चावल के व्यापारी और निर्यातक

By Pratyaksh Srivastava

भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक है और विश्व में इसकी हिस्सेदारी लगभग 40 फीसदी है। हालांकि इंडो-गंगा के मैदानी इलाकों में धान उगाने वाले राज्यों में कम बारिश ने इन कुछ आशंकाओं का बाजार गर्म कर दिया कि कहीं केंद्र सरकार चावल के निर्यात पर प्रतिबंध न लगा दे। चार महीने पहले भारत सरकार ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी।

भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक है और विश्व में इसकी हिस्सेदारी लगभग 40 फीसदी है। हालांकि इंडो-गंगा के मैदानी इलाकों में धान उगाने वाले राज्यों में कम बारिश ने इन कुछ आशंकाओं का बाजार गर्म कर दिया कि कहीं केंद्र सरकार चावल के निर्यात पर प्रतिबंध न लगा दे। चार महीने पहले भारत सरकार ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी।

इंडोनेशिया के पाम तेल का निर्यात बंद करने से भारतीय खाद्य तेल बाजार में दिखेगा असर
इंडोनेशिया के पाम तेल का निर्यात बंद करने से भारतीय खाद्य तेल बाजार में दिखेगा असर

By Sarah Khan

भारत में पाम तेल के सबसे बड़े निर्यातक इंडोनेशिया ने इस साल 28 अप्रैल से पाम तेल के निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। भारत में लगभग 38 प्रतिशत खाद्य तेल की मांग पाम तेल द्वारा पूरी होती है। भारत में जहां पहले से ही महंगाई आसमान छू रही है, ऐसे में यूक्रेन-रूस युद्ध के साथ अब इंडोनेशिया का प्रतिबंध तेल की कीमतों में बढ़ोतरी कर सकता है।

भारत में पाम तेल के सबसे बड़े निर्यातक इंडोनेशिया ने इस साल 28 अप्रैल से पाम तेल के निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। भारत में लगभग 38 प्रतिशत खाद्य तेल की मांग पाम तेल द्वारा पूरी होती है। भारत में जहां पहले से ही महंगाई आसमान छू रही है, ऐसे में यूक्रेन-रूस युद्ध के साथ अब इंडोनेशिया का प्रतिबंध तेल की कीमतों में बढ़ोतरी कर सकता है।

बढ़ता निर्यात, कम खरीद और गेहूं की उपज में गिरावट: क्या भारत में होगी गेहूं की किल्लत?
बढ़ता निर्यात, कम खरीद और गेहूं की उपज में गिरावट: क्या भारत में होगी गेहूं की किल्लत?

By Sarah Khan

यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण भारत का गेहूं निर्यात काफी बढ़ा है। बढ़ती वैश्विक मांग के कारण, देश में किसानों को गेहूं का अधिक दाम मिल रहा है, जो ज्यादातर खुले बाजार में बेचा जा रहा है। सरकारी मंडियों में गेहूं की खरीद कम हो रही है। साथ ही इस साल भीषण गर्मी के कारण गेहूं की पैदावार में गिरावट आई है। क्या देश में गेहूं का संकट आने वाला है? पढ़िए गाँव कनेक्शन की रिपोर्ट।

यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण भारत का गेहूं निर्यात काफी बढ़ा है। बढ़ती वैश्विक मांग के कारण, देश में किसानों को गेहूं का अधिक दाम मिल रहा है, जो ज्यादातर खुले बाजार में बेचा जा रहा है। सरकारी मंडियों में गेहूं की खरीद कम हो रही है। साथ ही इस साल भीषण गर्मी के कारण गेहूं की पैदावार में गिरावट आई है। क्या देश में गेहूं का संकट आने वाला है? पढ़िए गाँव कनेक्शन की रिपोर्ट।

देश में पहली बार हुआ 10 मिलियन टन से अधिक चीनी निर्यात
देश में पहली बार हुआ 10 मिलियन टन से अधिक चीनी निर्यात

By गाँव कनेक्शन

वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने सबसे अधिक चीनी इंडोनेशिया को निर्यात किया था, जिसके बाद बांग्लादेश, सूडान और संयुक्त अरब अमीरात का स्थान रहा।

वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने सबसे अधिक चीनी इंडोनेशिया को निर्यात किया था, जिसके बाद बांग्लादेश, सूडान और संयुक्त अरब अमीरात का स्थान रहा।

रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा भारत का कृषि निर्यात, चावल, गेहूं, चीनी का किया गया सबसे अधिक निर्यात
रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा भारत का कृषि निर्यात, चावल, गेहूं, चीनी का किया गया सबसे अधिक निर्यात

By गाँव कनेक्शन

वर्ष 2021-22 के लिए कृषि उत्पाद (समुद्री व कृषि उत्पाद सहित) का निर्यात 50 बिलियन डॉलर को पार कर गया है।

वर्ष 2021-22 के लिए कृषि उत्पाद (समुद्री व कृषि उत्पाद सहित) का निर्यात 50 बिलियन डॉलर को पार कर गया है।

एमएसपी पर गेहूं खरीदने वाले प्रमुख राज्यों में अब तक कहां हुई कितनी खरीद?
एमएसपी पर गेहूं खरीदने वाले प्रमुख राज्यों में अब तक कहां हुई कितनी खरीद?

By गाँव कनेक्शन

न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अब तक पूरे देश से लगभग 34917 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है। अभी तक 3510 किसानों को एमएसपी का लाभ मिला है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अब तक पूरे देश से लगभग 34917 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है। अभी तक 3510 किसानों को एमएसपी का लाभ मिला है।

ओडिशा: कोरापुट में जैविक अदरक की घटी कीमतों के कारण लागत भी नहीं निकाल पा रहे किसान
ओडिशा: कोरापुट में जैविक अदरक की घटी कीमतों के कारण लागत भी नहीं निकाल पा रहे किसान

By Ashis Senapati

ओडिशा में कोरापुट अदरक की उच्च गुणवत्ता के लिए जाना जाता है, यहां पर करीब 2,599 हेक्टेयर से ज्यादा भूमि में जैविक रूप अदरक की खेती होती है। लेकिन किसानों के लिए खुश होने की कोई बात नहीं है, क्योंकि आंध्र प्रदेश और कर्नाटक से गैर-जैविक अदरक के बाजार में बाढ़ आने के कारण अदरक की कीमत अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गई है।

ओडिशा में कोरापुट अदरक की उच्च गुणवत्ता के लिए जाना जाता है, यहां पर करीब 2,599 हेक्टेयर से ज्यादा भूमि में जैविक रूप अदरक की खेती होती है। लेकिन किसानों के लिए खुश होने की कोई बात नहीं है, क्योंकि आंध्र प्रदेश और कर्नाटक से गैर-जैविक अदरक के बाजार में बाढ़ आने के कारण अदरक की कीमत अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गई है।

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