By Divendra Singh
कभी केवल राजमा तक सीमित रही कश्मीर की दलहन खेती अब बदलाव की दहलीज़ पर है। ICRISAT और SKUAST-K के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित जलवायु-अनुकूल अरहर किस्मों के सफल परीक्षणों ने यह संभावना जगा दी है कि ठंडी घाटी कश्मीर भी जल्द अपनी अरहर खुद उगा सकेगा, जिससे किसानों की आय, पोषण सुरक्षा और कृषि लचीलापन तीनों को नया सहारा मिल सकता है।
कभी केवल राजमा तक सीमित रही कश्मीर की दलहन खेती अब बदलाव की दहलीज़ पर है। ICRISAT और SKUAST-K के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित जलवायु-अनुकूल अरहर किस्मों के सफल परीक्षणों ने यह संभावना जगा दी है कि ठंडी घाटी कश्मीर भी जल्द अपनी अरहर खुद उगा सकेगा, जिससे किसानों की आय, पोषण सुरक्षा और कृषि लचीलापन तीनों को नया सहारा मिल सकता है।
By Gaon Connection
रबी सीजन 2025–26 में खेती के रकबे में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। चना, सरसों और गेहूं जैसी प्रमुख फसलों के चलते कुल रबी क्षेत्रफल 580.70 लाख हेक्टेयर तक पहुँच गया है।
रबी सीजन 2025–26 में खेती के रकबे में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। चना, सरसों और गेहूं जैसी प्रमुख फसलों के चलते कुल रबी क्षेत्रफल 580.70 लाख हेक्टेयर तक पहुँच गया है।
By Divendra Singh
FAO की एक रिपोर्ट ने भारत में बागवानी और फसल उत्पादन में एंटीबायोटिक के इस्तेमाल पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। किसान की फसल बचाने की मजबूरी और उपभोक्ता की सेहत के बीच यह संतुलन कैसे बने, इसी पड़ताल की यह ज़मीनी कहानी।
FAO की एक रिपोर्ट ने भारत में बागवानी और फसल उत्पादन में एंटीबायोटिक के इस्तेमाल पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। किसान की फसल बचाने की मजबूरी और उपभोक्ता की सेहत के बीच यह संतुलन कैसे बने, इसी पड़ताल की यह ज़मीनी कहानी।
By Gaon Connection
बेमौसम बारिश से मूंगफली की फसल को होने वाले भारी नुकसान से अब राहत मिल सकती है। ICRISAT की नई जीनोमिक खोज ने ऐसी किस्मों का रास्ता खोला है, जो कटाई से पहले अंकुरण को रोक सकती हैं।
बेमौसम बारिश से मूंगफली की फसल को होने वाले भारी नुकसान से अब राहत मिल सकती है। ICRISAT की नई जीनोमिक खोज ने ऐसी किस्मों का रास्ता खोला है, जो कटाई से पहले अंकुरण को रोक सकती हैं।
By Gaon Connection
तेज़ी से बढ़ते शहरीकरण और घटती कृषि भूमि के बीच छत पर खेती एक टिकाऊ विकल्प बनकर उभरी है। नए शोध में सेंसर फ्यूजन और फ़ज़ी लॉजिक आधारित स्वचालित सिंचाई प्रणाली ने न सिर्फ पानी की बचत की, बल्कि पारंपरिक तरीकों की तुलना में 50% तक अधिक उपज भी दर्ज की।
तेज़ी से बढ़ते शहरीकरण और घटती कृषि भूमि के बीच छत पर खेती एक टिकाऊ विकल्प बनकर उभरी है। नए शोध में सेंसर फ्यूजन और फ़ज़ी लॉजिक आधारित स्वचालित सिंचाई प्रणाली ने न सिर्फ पानी की बचत की, बल्कि पारंपरिक तरीकों की तुलना में 50% तक अधिक उपज भी दर्ज की।
By Divendra Singh
सोयाबीन की फसल में रोग और कीट पहचान अब किसानों के लिए आसान होने वाली है। इंदौर स्थित राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान ने AI-आधारित मोबाइल ऐप विकसित किया है, जो फोटो के जरिए तुरंत समाधान बताएगा।
सोयाबीन की फसल में रोग और कीट पहचान अब किसानों के लिए आसान होने वाली है। इंदौर स्थित राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान ने AI-आधारित मोबाइल ऐप विकसित किया है, जो फोटो के जरिए तुरंत समाधान बताएगा।
By Dr SK Singh
मीलीबग आम की फसल को 50–100% तक नुकसान पहुँचा सकता है, लेकिन दिसंबर में किया गया प्रबंधन इस खतरे को पूरी तरह रोक सकता है। सही समय पर कार्रवाई, बेहतर फूल और अधिक उत्पादन का रास्ता बनाती है।
मीलीबग आम की फसल को 50–100% तक नुकसान पहुँचा सकता है, लेकिन दिसंबर में किया गया प्रबंधन इस खतरे को पूरी तरह रोक सकता है। सही समय पर कार्रवाई, बेहतर फूल और अधिक उत्पादन का रास्ता बनाती है।
By Gaon Connection
बेमौसम बारिश, फसलों को हुए बड़े नुकसान और खरीफ कीमतों में भारी गिरावट ने किसानों की आय को बुरी तरह झटका दिया है। एलारा सिक्योरिटीज की ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि कई राज्यों में आय महामारी के बाद के सबसे निचले स्तर पर पहुँच गई है।
बेमौसम बारिश, फसलों को हुए बड़े नुकसान और खरीफ कीमतों में भारी गिरावट ने किसानों की आय को बुरी तरह झटका दिया है। एलारा सिक्योरिटीज की ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि कई राज्यों में आय महामारी के बाद के सबसे निचले स्तर पर पहुँच गई है।
एक समय था जब सीवीड को, सिर्फ "समुद्री कचरा" समझा जाता था… आज वही तटीय परिवारों की नई आजीविका, नई उम्मीद बन रहा है।
एक समय था जब सीवीड को, सिर्फ "समुद्री कचरा" समझा जाता था… आज वही तटीय परिवारों की नई आजीविका, नई उम्मीद बन रहा है।
By Gaon Connection
प्राकृतिक आपदाएँ सिर्फ खेत नहीं उजाड़तीं, बल्कि किसानों की सालभर की मेहनत और उम्मीदें भी बहा ले जाती हैं। संसद में पेश हुए आंकड़ों में बताया गया कि हर साल लाखों किसान तूफ़ान, बाढ़ और बारिश की मार झेल रहे हैं।
प्राकृतिक आपदाएँ सिर्फ खेत नहीं उजाड़तीं, बल्कि किसानों की सालभर की मेहनत और उम्मीदें भी बहा ले जाती हैं। संसद में पेश हुए आंकड़ों में बताया गया कि हर साल लाखों किसान तूफ़ान, बाढ़ और बारिश की मार झेल रहे हैं।
By Gaon Connection
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By Gaon Connection
By Divendra Singh
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By Gaon Connection