हिम्मत की स्टिक, उम्मीदों का गोल: हॉकी वाली सरपंच की कहानी
हिम्मत की स्टिक, उम्मीदों का गोल: हॉकी वाली सरपंच की कहानी

By Gaon Connection

राजस्थान–हरियाणा बॉर्डर के एक छोटे-से गाँव में एक सरपंच ने हॉकी स्टिक उठाई और पूरी पीढ़ी की ज़िंदगी बदल दी। नीरू यादव-हॉकी वाली सरपंच ने उन लड़कियों के सपनों को नई उड़ान दी, जो कभी घर की चारदीवारी में कैद थीं। बिना ग्राउंड, बिना किट और बिना सपोर्ट के शुरू हुआ यह सफ़र आज हज़ारों बेटियों को हिम्मत, उम्मीद और ड्रिबलिंग की असली शक्ति सिखा रहा है।

राजस्थान–हरियाणा बॉर्डर के एक छोटे-से गाँव में एक सरपंच ने हॉकी स्टिक उठाई और पूरी पीढ़ी की ज़िंदगी बदल दी। नीरू यादव-हॉकी वाली सरपंच ने उन लड़कियों के सपनों को नई उड़ान दी, जो कभी घर की चारदीवारी में कैद थीं। बिना ग्राउंड, बिना किट और बिना सपोर्ट के शुरू हुआ यह सफ़र आज हज़ारों बेटियों को हिम्मत, उम्मीद और ड्रिबलिंग की असली शक्ति सिखा रहा है।

जंगलों की खुशबू, नदियों की लय और पहाड़ों की साँस: ‘रिदम ऑफ़ द अर्थ’ का सफ़र
जंगलों की खुशबू, नदियों की लय और पहाड़ों की साँस: ‘रिदम ऑफ़ द अर्थ’ का सफ़र

By Divendra Singh

बारह जनजातियाँ, चवालीस कलाकार, एक सपना-आदिवासी संगीत को उसके सही सम्मान तक पहुँचाना। ‘रिदम ऑफ़ द अर्थ’ एक आंदोलन है, एक यात्रा है, एक बयान है।

बारह जनजातियाँ, चवालीस कलाकार, एक सपना-आदिवासी संगीत को उसके सही सम्मान तक पहुँचाना। ‘रिदम ऑफ़ द अर्थ’ एक आंदोलन है, एक यात्रा है, एक बयान है।

आत्मनिर्भर भारत अभियान: स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए महोत्सव शुरू
आत्मनिर्भर भारत अभियान: स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए महोत्सव शुरू

By Gaon Connection Support

लखनऊ में 10 दिवसीय खादी महोत्सव-2025 की शुरुआत, 160 से अधिक उद्यमियों एवं इकाइयों द्वारा उत्पादों का प्रदर्शन, युवाओं को बांटे गए टूल किट, किया गया पुरस्कृत

लखनऊ में 10 दिवसीय खादी महोत्सव-2025 की शुरुआत, 160 से अधिक उद्यमियों एवं इकाइयों द्वारा उत्पादों का प्रदर्शन, युवाओं को बांटे गए टूल किट, किया गया पुरस्कृत

गाँव कनेक्शन का दमदार वित्तीय प्रदर्शन, लाभकारी कंपनी बनी
गाँव कनेक्शन का दमदार वित्तीय प्रदर्शन, लाभकारी कंपनी बनी

By Gaon Connection

गाँव कनेक्शन ने अब तक का अपना सबसे मजबूत वित्तीय प्रदर्शन करते हुए लाभकारी कंपनी बनने के साथ ही इस वर्ष ऐतिहासिक ग्रोथ दर्ज की। 31 मार्च, 2025 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में कंपनी को 5.33 करोड़ राजस्व की प्राप्ति हुई, जो पिछले वित्तीय वर्ष से 350% ज्यादा रही। कंपनी ने साबित किया कि उद्देश्य और लाभ दोनों साथ-साथ चल सकते हैं।

गाँव कनेक्शन ने अब तक का अपना सबसे मजबूत वित्तीय प्रदर्शन करते हुए लाभकारी कंपनी बनने के साथ ही इस वर्ष ऐतिहासिक ग्रोथ दर्ज की। 31 मार्च, 2025 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में कंपनी को 5.33 करोड़ राजस्व की प्राप्ति हुई, जो पिछले वित्तीय वर्ष से 350% ज्यादा रही। कंपनी ने साबित किया कि उद्देश्य और लाभ दोनों साथ-साथ चल सकते हैं।

लोक-आस्था की वैश्विक देवी बन गई हैं छठी मइया
लोक-आस्था की वैश्विक देवी बन गई हैं छठी मइया

By Manoj Bhawuk

छठ पूजा की सबसे बड़ी सुंदरता इसकी लोकभाषा और लोक-संगीत में है। छठी मइया को गीतों में संवाद पसंद है, संस्कृत के गूढ़ मंत्रों में नहीं। यही कारण है कि घर से घाट तक की यात्रा गीतों से भरी होती है

छठ पूजा की सबसे बड़ी सुंदरता इसकी लोकभाषा और लोक-संगीत में है। छठी मइया को गीतों में संवाद पसंद है, संस्कृत के गूढ़ मंत्रों में नहीं। यही कारण है कि घर से घाट तक की यात्रा गीतों से भरी होती है

सरकार का मूल्यांकन करते समय उसे एकपक्षीय न देखकर सम्पूर्णता में देखना चाहिए
सरकार का मूल्यांकन करते समय उसे एकपक्षीय न देखकर सम्पूर्णता में देखना चाहिए

By Dr SB Misra

नेहरू सरकार को एक जर्जर राष्ट्र मिला था, जबकि मोदी सरकार को अपेक्षाकृत स्थिर बुनियादी ढाँचा मिला। धारा 370 हटाना और तीन तलाक समाप्त करना असंभव से लगते काम थे, जिन्हें वर्तमान सरकार ने किया।

नेहरू सरकार को एक जर्जर राष्ट्र मिला था, जबकि मोदी सरकार को अपेक्षाकृत स्थिर बुनियादी ढाँचा मिला। धारा 370 हटाना और तीन तलाक समाप्त करना असंभव से लगते काम थे, जिन्हें वर्तमान सरकार ने किया।

भीषण गर्मी में गर्भवती महिलाओं की देखभाल बनी चुनौती
भीषण गर्मी में गर्भवती महिलाओं की देखभाल बनी चुनौती

By Amit Baijnath Garg

राजस्थान में भीषण गर्मी के मौसम में आशा वर्कर्स को गर्भवती महिलाओं को अस्पतालों तक लाने और उनकी जांच व टीकाकरण कराने में अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ को उन्हें हीट वेव से बचाव के लिए अधिक समझाना पड़ रहा है। इसके साथ ही उनके परिवार की भी काउंसलिंग करनी पड़ रही है।

राजस्थान में भीषण गर्मी के मौसम में आशा वर्कर्स को गर्भवती महिलाओं को अस्पतालों तक लाने और उनकी जांच व टीकाकरण कराने में अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ को उन्हें हीट वेव से बचाव के लिए अधिक समझाना पड़ रहा है। इसके साथ ही उनके परिवार की भी काउंसलिंग करनी पड़ रही है।

पहचान की जद्दोजहद: घुमंतू समुदायों की अनसुनी आवाज़ें
पहचान की जद्दोजहद: घुमंतू समुदायों की अनसुनी आवाज़ें

By Akankhya Rout

उत्तर प्रदेश और राजस्थान के घुमंतू समुदायों जैसे सपेरा, मदारी और नट आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और सरकारी योजनाओं का लाभ इन तक नहीं पहुँच पा रहा है। सरकारी प्रयासों के बावजूद, इनकी समस्याएँ जस की तस बनी हुई हैं।

उत्तर प्रदेश और राजस्थान के घुमंतू समुदायों जैसे सपेरा, मदारी और नट आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और सरकारी योजनाओं का लाभ इन तक नहीं पहुँच पा रहा है। सरकारी प्रयासों के बावजूद, इनकी समस्याएँ जस की तस बनी हुई हैं।

क्या भारत जीत सकता है भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग?
क्या भारत जीत सकता है भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग?

By Dr SB Misra

भ्रष्टाचार भारत में हर स्तर पर फैला हुआ है—नेताओं से लेकर आम नागरिक तक। Gaon Postcard में पढ़िए कैसे यह समस्या हमारी अर्थव्यवस्था, न्याय प्रणाली और सामाजिक ढांचे को प्रभावित कर रही है।

भ्रष्टाचार भारत में हर स्तर पर फैला हुआ है—नेताओं से लेकर आम नागरिक तक। Gaon Postcard में पढ़िए कैसे यह समस्या हमारी अर्थव्यवस्था, न्याय प्रणाली और सामाजिक ढांचे को प्रभावित कर रही है।

जलवायु परिवर्तन के कारण बदली पश्चिमी विक्षोभों की दिशा, हिमालयी राज्यों में बाढ़ और भूस्खलन का बढ़ा खतरा
जलवायु परिवर्तन के कारण बदली पश्चिमी विक्षोभों की दिशा, हिमालयी राज्यों में बाढ़ और भूस्खलन का बढ़ा खतरा

By Seema Javed

जलवायु परिवर्तन के चलते पश्चिमी विक्षोभों की दिशा और आवृत्ति में आए बदलाव ने हिमालयी क्षेत्रों में मौसम की चरम घटनाओं—जैसे भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन—की संभावना को बढ़ा दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार, बढ़ते वैश्विक तापमान और अरब सागर से आने वाली नमी इन विक्षोभों को अधिक तीव्र बना रही है, जिससे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में आपदाओं का खतरा बढ़ गया है। यह स्थिति न केवल पर्यावरणीय असंतुलन का संकेत है, बल्कि इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन और आजीविका पर भी गंभीर प्रभाव डाल रही है।

जलवायु परिवर्तन के चलते पश्चिमी विक्षोभों की दिशा और आवृत्ति में आए बदलाव ने हिमालयी क्षेत्रों में मौसम की चरम घटनाओं—जैसे भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन—की संभावना को बढ़ा दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार, बढ़ते वैश्विक तापमान और अरब सागर से आने वाली नमी इन विक्षोभों को अधिक तीव्र बना रही है, जिससे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में आपदाओं का खतरा बढ़ गया है। यह स्थिति न केवल पर्यावरणीय असंतुलन का संकेत है, बल्कि इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन और आजीविका पर भी गंभीर प्रभाव डाल रही है।

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