आजकल युवा उम्र में बालों से जुड़ी समस्याएँ जैसे बाल झड़ना, डैंड्रफ और स्कैल्प में खुजली बहुत तेजी से बढ़ रही हैं। ये समस्याएँ न केवल दिखावट बल्कि आत्मविश्वास पर भी असर डालती हैं। इन दिक्कतों के पीछे कई बाहरी और अंदरूनी कारण होते हैं। इन्हीं कारणों और उनके समाधान को समझने के लिए “गाँव कनेक्शन” ने La Densitae की हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. शशी चौहान से बातचीत की।
आजकल युवा उम्र में बालों से जुड़ी समस्याएँ जैसे बाल झड़ना, डैंड्रफ और स्कैल्प में खुजली बहुत तेजी से बढ़ रही हैं। ये समस्याएँ न केवल दिखावट बल्कि आत्मविश्वास पर भी असर डालती हैं। इन दिक्कतों के पीछे कई बाहरी और अंदरूनी कारण होते हैं। इन्हीं कारणों और उनके समाधान को समझने के लिए “गाँव कनेक्शन” ने La Densitae की हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. शशी चौहान से बातचीत की।
By Gaon Connection
भारतीय वैज्ञानिकों ने लीवर सिरोसिस के मरीजों के लिए एक नई चिकित्सा पद्धति विकसित की है। VEGF-C से युक्त नैनोकैरियर्स लसीका जल निकासी में सुधार करते हैं, जिससे एसाइटिस (पेट में तरल भराव) और प्रतिरक्षा प्रणाली की समस्याओं को कम किया जा सकता है। यह शोध लीवर रोगों के इलाज में एक बड़ा बदलाव ला सकता है।
भारतीय वैज्ञानिकों ने लीवर सिरोसिस के मरीजों के लिए एक नई चिकित्सा पद्धति विकसित की है। VEGF-C से युक्त नैनोकैरियर्स लसीका जल निकासी में सुधार करते हैं, जिससे एसाइटिस (पेट में तरल भराव) और प्रतिरक्षा प्रणाली की समस्याओं को कम किया जा सकता है। यह शोध लीवर रोगों के इलाज में एक बड़ा बदलाव ला सकता है।
By Gaon Connection
बारिश का मौसम सिर्फ राहत नहीं, बीमारियों का खतरा भी लाता है। इस बार टाइफाइड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि असमय बारिश और गंदा पानी इसके पीछे बड़ा कारण हैं। बोतलबंद या फिल्टर पानी भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं।
बारिश का मौसम सिर्फ राहत नहीं, बीमारियों का खतरा भी लाता है। इस बार टाइफाइड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि असमय बारिश और गंदा पानी इसके पीछे बड़ा कारण हैं। बोतलबंद या फिल्टर पानी भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं।
By Gaon Connection
उत्तर भारत में मधुमेह के मरीजों पर हर साल हज़ारों खर्च हो रहे हैं, जो गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए आर्थिक संकट बनता जा रहा है। एक हालिया अध्ययन ने चेताया है कि इलाज के बोझ से कई लोग कर्ज और आर्थिक अस्थिरता की चपेट में आ रहे हैं।
उत्तर भारत में मधुमेह के मरीजों पर हर साल हज़ारों खर्च हो रहे हैं, जो गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए आर्थिक संकट बनता जा रहा है। एक हालिया अध्ययन ने चेताया है कि इलाज के बोझ से कई लोग कर्ज और आर्थिक अस्थिरता की चपेट में आ रहे हैं।
By Gaon Connection
एक नए अध्ययन में पाया गया है कि कोविड-19 का पिछला संक्रमण मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों को ज़्यादा गंभीर बना सकता है। इस शोध के अनुसार, जिन मरीज़ों को पहले कोविड हो चुका था, उनमें इन दोनों रोगों के जटिल रूप विकसित होने की संभावना कहीं ज़्यादा थी।
एक नए अध्ययन में पाया गया है कि कोविड-19 का पिछला संक्रमण मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों को ज़्यादा गंभीर बना सकता है। इस शोध के अनुसार, जिन मरीज़ों को पहले कोविड हो चुका था, उनमें इन दोनों रोगों के जटिल रूप विकसित होने की संभावना कहीं ज़्यादा थी।
By Manvendra Singh
अबॉर्शन हमारे देश में मातृत्व मृत्यु दर की 8% मौतों के लिए जिम्मेदार है। डॉक्टरों का कहना है कि गर्भपात से बेहद सुरक्षित उपाय सही गर्भनिरोधक तरीकों का इस्तेमाल करना होता है ताकि अनचाहे गर्भ से बचा जा सकें। लेकिन सही गर्भनिरोधक तरीके क्या होते हैं और उन्हें कैसे इस्तेमाल किया जाना चाहिए, ये कितने सुरक्षित और कारगर हैं इन सभी सवालों के जवाब आज प्रसूति विशेषज्ञ डॉक्टर अंजू अग्रवाल से जानेंगे।
अबॉर्शन हमारे देश में मातृत्व मृत्यु दर की 8% मौतों के लिए जिम्मेदार है। डॉक्टरों का कहना है कि गर्भपात से बेहद सुरक्षित उपाय सही गर्भनिरोधक तरीकों का इस्तेमाल करना होता है ताकि अनचाहे गर्भ से बचा जा सकें। लेकिन सही गर्भनिरोधक तरीके क्या होते हैं और उन्हें कैसे इस्तेमाल किया जाना चाहिए, ये कितने सुरक्षित और कारगर हैं इन सभी सवालों के जवाब आज प्रसूति विशेषज्ञ डॉक्टर अंजू अग्रवाल से जानेंगे।
By Gaon Connection
रिपोर्ट के अनुसार इस समय देश में लगभग नौ करोड़ लोग हृदय संबंधी बीमारियों से पीड़ित हैं। भारत में हृदय संबंधी बीमारियों से मृत्यु दर 272 प्रति एक लाख है जो दुनिया के औसत 235 प्रति एक लाख से काफी ज्यादा है।
रिपोर्ट के अनुसार इस समय देश में लगभग नौ करोड़ लोग हृदय संबंधी बीमारियों से पीड़ित हैं। भारत में हृदय संबंधी बीमारियों से मृत्यु दर 272 प्रति एक लाख है जो दुनिया के औसत 235 प्रति एक लाख से काफी ज्यादा है।
By Manvendra Singh
आज के इस इंटरनेट के दौर में सिर्फ एक क्लिक पर हमें हर चीज़ की जानकारी मिल जाती है। लेकिन जब जानकारी स्वस्थ्य या खानपान से संबंधित हो, तो इंटरनेट पर निर्भर रहना कई बार हानिकारक हो सकता है। ऐसे में डाइट से संबंधित बहुत सी चीज़ें इंटरनेट पर खूब वायरल होती हैं, जैसे कि इंटरमिटेंट फास्टिंग और वीगन डाइट। लेकिन क्या ये आपके लिए पूरी तरह सही हैं, या फिर इसके भी कुछ नुकसान हो सकते हैं? इन सभी सवालों के जवाब आपको आज आहार विशेषज्ञ नेहा मोहन सिन्हा से विस्तार में जानने को मिलेंगे।
आज के इस इंटरनेट के दौर में सिर्फ एक क्लिक पर हमें हर चीज़ की जानकारी मिल जाती है। लेकिन जब जानकारी स्वस्थ्य या खानपान से संबंधित हो, तो इंटरनेट पर निर्भर रहना कई बार हानिकारक हो सकता है। ऐसे में डाइट से संबंधित बहुत सी चीज़ें इंटरनेट पर खूब वायरल होती हैं, जैसे कि इंटरमिटेंट फास्टिंग और वीगन डाइट। लेकिन क्या ये आपके लिए पूरी तरह सही हैं, या फिर इसके भी कुछ नुकसान हो सकते हैं? इन सभी सवालों के जवाब आपको आज आहार विशेषज्ञ नेहा मोहन सिन्हा से विस्तार में जानने को मिलेंगे।
By Manvendra Singh
ग्रामीण भारत में क्यों बढ़ रहे हैं सिजेरियन डिलीवरी के मामले? नॉर्मल या फिर सिजेरियन कौन सा तरीका होता है ज़्यादा सुरक्षित? गाँव कनेक्शन के खास कार्यक्रम नमस्ते डॉक्टर में प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ रेखा सचान ऐसे ही कई सवालों के जवाब दे रही हैं।
ग्रामीण भारत में क्यों बढ़ रहे हैं सिजेरियन डिलीवरी के मामले? नॉर्मल या फिर सिजेरियन कौन सा तरीका होता है ज़्यादा सुरक्षित? गाँव कनेक्शन के खास कार्यक्रम नमस्ते डॉक्टर में प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ रेखा सचान ऐसे ही कई सवालों के जवाब दे रही हैं।
By Gaon Connection
इंफेक्शन की वजह से मरीज़ों को हाथ-पैर में दर्द, सिर में दर्द, ज़्यादा कमजोरी, जी मिचलाना, उल्टी, पेट में दर्द और शरीर पर दाने जैसी समस्याएँ हो रही हैं।
इंफेक्शन की वजह से मरीज़ों को हाथ-पैर में दर्द, सिर में दर्द, ज़्यादा कमजोरी, जी मिचलाना, उल्टी, पेट में दर्द और शरीर पर दाने जैसी समस्याएँ हो रही हैं।
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By Manish Mishra
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