जुलाई में बोकर कई साल तक पा सकते है हरा चारा, जानें कहां से ले बीज

जिज्वा घास घास मीठी होती है इसलिए इस घास को गाय, भैंस, भेड़, बकरी सभी पशु बड़े चाव से खाते है। इसको बोने का सही समय एक जुलाई से लेकर 15 जुलाई तक है।

Diti BajpaiDiti Bajpai   15 Jun 2018 11:06 AM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
जुलाई में बोकर कई साल तक पा सकते है हरा चारा, जानें कहां से ले बीज

लखनऊ। पशुपालकों को हरे चारे की समस्या रहती है। ऐसे में पशुपालक एक जुलाई से 15 जुलाई तक जिज्वा घास को बोकर अपने पशुओं के कई साल तक हरा चारा उपलब्ध करा सकते है। इस घास में सामान्य घास की अपेक्षा प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है।

जिज्वा घास को भारतीय पशु अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) द्वारा राजकोट से लाया गया था। गुजरात की इस घास को उत्तर भारत की जलवायु में आसानी से उगाया जा सकता है। "शुरू में बरेली के कई पशुपालकों को इसकी जड़े दी थी काफी अचदे परिणाम निकले। बीज की अपेक्षा इस घास की रूट स्लिप (जड़ों) को लगाना चाहिए।" आईवीआरआई के पशु आनुवांशिकी विभाग के प्रधान वैज्ञानिक डॉ रणवीर सिंह ने बताया, "यह घास मीठी है इसलिए इस घास को गाय, भैंस, भेड़, बकरी सभी पशु बड़े चाव से खाते है। इसको बोने का सही समय एक जुलाई से लेकर 15 जुलाई तक है।"

ये भी पढ़ें- दुधारू पशुओं के लिए उत्तम हरा चारा है अजोला, वीडियों में जानें इसको बनाने की पूरी विधि


अहमदाबाद में स्थित बंशी गौशाला के संचालक गोपाल भाई सुतालिया ने एक साल पहले इस घास का परीक्षण किया था। उन्होंने 10-10 बीघे खेत में जिज्वा सहित करीब आधा दर्जन किस्म की घास उगाई और उनको खिलाने के लिए दुधारू पशुओं को खेतों में खुला छोड़ दिया। पाया गया कि पशुओं ने जिजुवा घास को अधिक पसंद किया। उसके बाद इस घास आईवीआरआई के वैज्ञानिक ले आए।

"इनकी जड़ों को पशुपालक हमारे संस्थान से ले सकते है। इनकी जड़ों की एक गांठ को अंदर जमीन में लगाते है और दो गांठे ऊपर रहती है। इसके अलावा 20 सेमी कतार से कतार की दूरी और 20 सेमी पौधे से पौधे की दूरी रहती है।" डॉ सिंह ने बताया, "ये घास बहुत जल्दी बढ़ती है। इसको ज्यादा पानी की भी जरूरत नहीं होती है इसलिए यह घास कम वर्षा वाली जगहों पर भी आसानी से बढ़ जाती है। फार्मर फर्स्ट प्रोगाम के अंतर्गत बरेली के अतरछेड़ी, निसोई और इस्माइलपुर समेत कई गाँव के पशुपालकों को इस घास को दिया है। इससे पशुओं के दूध की गुणवत्ता भी अच्छी हुई है।

ये भी पढ़ें- नेपियर घास एक बार लगाएं पांच साल हरा चारा पाएं, वीडियों में जानें इसको लगाने की पूरी विधि

अगर आप इस घास को लगाना चाहते है तो बरेली जिले के इज्जतनगर स्थित आईवीआरआई संस्थान से ले सकते है-

डॉ. रणवीर सिंह

0581-2311111

ये भी पढ़ें- नमी व जलभराव वाले क्षेत्रों में भी कर सकते हैं इसकी बुवाई, पशुओं को मिलेगा पौष्टिक हरा चारा


       

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.