बदलते गाँव: सुराही से फ्रिज तक, पंखा झलने से एसी तक

अमित सिंहअमित सिंह   10 March 2017 4:12 PM GMT

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लखनऊ। अब गाँव के लोग भी शहरी लोगों की तरह डीटीएच और सेट टॉप बॉक्स लगाकर टीवी में फिल्में देख रहे हैं। इतना ही नहीं मोबाइल पर इंटरनेट चलाने की जागररूकता भी ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले दो वर्षों में बढ़ी है।

देश में सरकारी सर्वे कराने वाली संस्था नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) की हाल में ही जारी रिपोर्ट के अनुसार हिंदुस्तान के गाँवों की हालत पहले से बेहतर हुई है। गाँवों के लोग अब उन चीजों का इस्तेमाल करने लगे हैं, जो अभी तक सिर्फ शहरों के लोग किया करते थे। एनएसएसओ के आंकड़ों के अनुसार ग्रामीण इलाकों में खर्च करने का तरीका शहरों जैसा हो रहा है। एनएसएसओ ने ये सर्वे जुलाई 2014 से जून 2015 के बीच किया है। करीब 8000 गाँव और 6000 शहरी खंडों पर ये सर्वे किया गया है। इस सर्वे में ये बात भी सामने सामने आई है कि गाँव के लोग बाहर खाने से लेकर पर्सनल देखभाल पर पहले से ज्यादा पैसे खर्च करने लगे हैं। फ़ैज़ाबाद के किसान दिलजिंदर (32 साल) कहते हैं, ‘’कुछ हद तक ये सर्वे ठीक भी कहता है। अब गाँवों के लोगों का भी रुझान मोबाइल, इंटरनेट, फिल्म और फैशन की तरफ़ होने लगा है। लोग इन चीज़ों पर भी खर्च करने लगे हैं। मेरे गाँव के युवा और कुछ हम उम्र लोग हर तीन महीने में अपना मोबाइल फोन बदल देते हैं। फिल्में देखने के लिए अब वो भी शहर जाने लगे हैं।’’

नाबार्ड के जनरल मैनेजर एके सिंह के मुताबिक़, ‘’गाँव के लोगों की समृद्ध होने की भावना बढ़ी है। बीते कुछ वर्षों के दौरान गाँव में रहने वाले 70-80 फीसदी लोगों के खाने का तरीका पहले से बेहतर हुआ है। देश के 41-42 फीसदी लोग अभी गरीबी रेखा के नीचे हैं। 10-20 फीसदी लोग अभी भी मुख्य धारा से दूर हैं। बाकी बचे 20 फीसदी लोगों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए सरकारी नीतियों में बहुत काम किया जाना बाकी है। अब गाँव के लोग भी टीवी, एसी, कूलर, फ्रिज, बाइक और कारों की खरीदारी करने लगे हैं। उनका खान-पान और रहन-सहन भी गाँव के लोगों की तरह होने लगा है।’’

दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स की अर्थशास्त्र की प्रोफ़ेसर वनीता त्रिपाठी कहती हैं, ‘’गाँव के हालात ठीक हो रहे हैं। उपभोग बढ़ा है मांग में भी इज़ाफ़ा हुआ है। लेकिन इन चीज़ों से गाँव के विकास को जोड़कर नहीं देखा जा सकता है। शहरों में मोबाइल, फिल्म, इंटरनेट और फैशन को लेकर लोगों में रूचि कम हुई है अब गाँवों की तरफ़ ये ट्रेंड तेज़ी से बढ़ रहा है। लेकिन एनएसएसओ का सर्वे काफ़ी हद तक गाँव में हो रही तब्दीली को दर्शाता है।’’

जौनपुर ज़िले के सीनियर सेल्स एक्ज़ीक्यूटिव सूरज बताते हैं, ‘’अब गाँव के लोग भी टीवी, एसी, कूलर, वॉशिंग मशीन और फ्रिज खरीदने लगे हैं। जौनपुर ज़िले में बिक्री में हर साल 10 फीसदी का इज़ाफ़ा हो रहा है।’’ यूपी के ही भदोही ज़िले में इलेक्ट्रॉनिक शोरूम चला रहे राज किशोर अग्रवाल कहते हैं, ‘’भदोही वैसे तो पूरी तरह से ग्रामीण इलाका है लेकिन यहां के लोग भी इलेक्ट्रॉनिक सामान की खूब खरीदारी कर रहे हैं। टीवी, एसी, कूलर, वॉशिंग मशीन और फ्रिज की खूब ख़रीदारी हो रही है। ग्रामीण इलाका होने के बावजूद यहां हर साल 10-15 फीसदी की ग्रोथ है।’’

 

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