हाईटेक होते मदरसे: परंपरागत तालीम के साथ कंप्यूटर पर थिरक रहीं उंगलियां 

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
हाईटेक होते मदरसे: परंपरागत तालीम के साथ कंप्यूटर पर थिरक रहीं उंगलियां कन्नौज के हाजीगंज में चल रहे मदरसा एसए पब्लिक स्कूल में कम्प्यूटर सीखते बच्चे।

कन्नौज। मुंशी में पढ़ने वाली राहत अंजुम अब कम्प्यूटर सीखने के लिए किसी कॉन्वेंट या बडे़ स्कूल के भरोसे नहीं है। न ही उसे कम्प्यूटर सीखने के लिए किसी कोचिंग की जरूरत है। यह सुविधा उसे मदरसे में ही मिल रही है। उसके अभिभावक भी पढ़ाई में पूरा सहयोग कर रहे हैं। एक ही जगह तकरीबन सभी विषयों की सुविधा मिलने से अंजुम और उसके अभिभावक पूरी तरह से खुश हैं।

जी हां हम बात कर रहे हैं, कन्नौज जिले के मदरसों की। करीब 200 मदरसे यहां संचालित हैं। 25 मदरसे कम्प्यूटर से लैस हो चुके हैं। फिलहाल कन्नौज शहर, गुरसहायगंज, सौरिख, छिबरामऊ और तिर्वा क्षेत्र में चल रहे मदरसों मं0 कम्प्यूटर का ज्ञान बच्चों को दिया जा रहा है। कक्षा आठ तो कम्प्यूटर शिक्षा अनिवार्य है। आगे की कक्षाओं में छात्र-छात्रा के लिए यह विषय एच्छिक है। कन्नौज शहर के हाजीगंज में चल रहे मदरसा एस. ए. मेमोरियल पब्लिक स्कूल में 312 बच्चे पंजीकृत हैं। यहां 180 बच्चे कम्प्यूटर सीख रहे हैं। हेडमास्टर मोहम्मद शाकिब का कहना है कि उनके यहां पीजी से कक्षा 10 तक की कक्षाएं संचालित हैं। बच्चों को कम्प्यूटर सिखाने के लिए चार शिक्षक और कम्प्यूटर लैब हैं। हर कक्षा में 35 मिनट का पीरियड कम्प्यूटर का लगता है। कम्प्यूटर सीखने के दौरान बच्चे उत्साहित रहते हैं। शाकिब आगे बताते हैं कि हाईटेक युग है। तकरीबन सभी सरकारी और गैरसरकारी विभागों में कम्प्यूटर अनिवार्य है। इसलिए मदरसों में भी बच्चों को कम्प्यूटर सिखाया जाने लगा है।

कम्प्यूटर सीखने से कई जानकारियां मिल रही हैं। बड़ा होकर किसी भी क्षेत्र में नौकरी के लिए जाउंगा तो कम्प्यूटर का ज्ञान काम आएगा।
मो. आदिल, छात्र

मदरसे में छात्र।

अभिभावक अपने-अपने बच्चों का पूरा सहयोग कर रहे हैं। कक्षा नौ में पढ़ने वाले मोहम्मद आदिल का कहना है कि कम्प्यूटर सीखने से उनको कई जानकारियां मिल रही हैं। वह किसी भी क्षेत्र में नौकरी के लिए जाएंगे तो कम्प्यूटर का ज्ञान उनके काम आएगा। कक्षा पांच की कहकसा का कहना है कि उनके मदरसे में कम्प्यूटर की कक्षाएं नियमानुसार लगती हैं। इसी कक्षा की फारिया का कहना है कि कम्प्यूटर सीखने के लिए उनको किसी इंस्टीट्यूट में नहीं जाना पडे़गा। कक्षा पांच के मोहम्मद इब्राहीम और कक्षा चार के मोहम्मद इमरान का कहना है कि कम्प्यूटर सीखने के दौरान उनकी काफी टेंशन दूर हो जाती है। लैब के दौरान काफी मजा आता है।

कुछ मदरसों में विभाग की ओर से कम्प्यूटर मुहैया कराए गए हैं। अन्य सामग्री भी भेजी जा रही है। इससे बच्चों को तालीम में काफी मदद मिल रही है। जिले के मदरसे भी हाईटेक हो रहे हैं। इनमें अध्यनरत बच्चे काफी खुश हैं।
पवन सिंह, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, कन्नौज

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).



    

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.