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देश में 20 से अधिक नस्ल के कुत्तों पर लगा बैन, जानिए अब आगे क्या होगा?

देश में आए दिन कुत्ते काटने की घटनाएँ सामने आती हैं; ऐसे में सरकार ने 20 से अधिक नस्ल के कुत्तों को पालने पर बैन लगा दिया है।
dog breed

अगर आप विदेशी नस्ल के कुत्ते पालने के शौक़ीन हैं; तो ये आपके काम की ख़बर है, सरकार ने 20 से अधिक विदेशी नस्ल के कुत्तों पर बैन लगा दिया है।

अब न तो इन्हें पाल सकते हैं और ना ही इनके लिए लाइसेंस मिलेगा। पशुपालन मंत्रालय के अनुसार मिश्रित और क्रॉस सभी नस्लों पर यह नियम लागू होगा। विदेशी नस्लों के कुत्तों की बिक्री, प्रजनन या रखने पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया गया है।

देश में आए दिन कुत्ते काटने के मामले सामने आते रहते हैं, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2023 में देश में कुत्ते काटने के कुल 2759758 मामले दर्ज किए गए, जिसमें नंबर एक पर महाराष्ट्र है।

आकड़ों पर नज़र डाले तो – महाराष्ट्र में 435136 तमिलनाडु में 404488

गुजरात में 241846 , बिहार में 219086 , उत्तर प्रदेश में 218379 और कर्नाटक में इससे जुड़े 208656 मामले दर्ज हुए।

नोएडा में कुत्तों के शेल्टर होम हाउस ऑफ स्ट्रे एनिमल्स चलाने वाले संजय महापात्रा बताते हैं, “अगर सरकार को बैन करना है तो सबसे पहले ब्रीडर पर बैन लगाना चाहिए, जो बिना किसी लाइसेंस के गैरकानूनी तरीके से नई नस्ल तैयार कर रहे हैं। सरकार को पालने से नहीं रोकना चाहिए। इनका इस्तेमाल उनको लड़ाने के लिए किया जाता है।”

 

पशुपालन मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि इन 23 ख़तरनाक कुत्तों की मिक्स और क्रॉस ब्रीड बंद कर दी जाए। साथ ही नगर निगम लाइसेंस देना बंद कर दे। इसके अलावा इन कुत्तों की बिक्री पर रोक लगाई जाए।

संजय महापात्र आगे कहते हैं, “हमारे यहाँ पिटबुल, हस्की जैसे विदेशी नस्लों के ऐसे कुत्ते हैं, जिन्हें उनके मालिक ने छोड़ दिया है; ऐसे लोग जो बच्चे लेकर आते हैं और बड़े होने पर उन्हें छोड़ देते हैं उन्हें बाँधकर रखा जाता है; जैसा उन्हें माहौल चाहिए वैसा नहीं दिया जाता है तब वे खुंखार हो जाते हैं।”

प्रिवेंशन ऑफ क्रूएलिटी टू एनिमल रूल 2017-18 यानी डॉग ब्रीडिंग, मार्केटिंग और पेट शॉप कानून सख्ती से लागू होगा।

लखनऊ में कुत्तों को इलाज मुहैया कराने वाली आसरा दी हेल्पिंग हैंड्स संस्था के विशेषज्ञ राहुल वर्मा बताते हैं, “हर एक कुत्ते का अलग नेचर होता है, सभी को एक जैसे नहीं सकते हैं। आए दिन कुत्तों के हमले की घटनाएँ इसी वजह से बढ़ रहीं हैं। जबकि ऐसी नस्ल के कुत्तों को पालने के लिए उनके मालिक को प्रशिक्षण देना चाहिए।”

क्या है कुत्ते पालने का नियम

अगर आप कोई कुत्ता पालते हैं तो सबसे पहले नगर निगम में उसका रजिस्ट्रेशन करवाना ज़रूरी है। यह नियम सभी पालतू जानवरों पर लागू होता है। इस रजिस्ट्रेशन के लिए एक फीस भी देनी होती है। रजिस्ट्रेशन से पहले आपके कुत्ते को रेबीज का वैक्सीन लगा होना चाहिए। उसके बाद ही रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। इस रजिस्ट्रेशन को समय-समय पर रिन्यू कराना पड़ता है। इसका समय नगर निगम अपने हिसाब से तय करता है।

कुत्ते के काटने पर हो सकती है सज़ा

अगर किसी का पालतू कुत्ता किसी इंसान को काट लेता है तो ये आईपीसी की धारा 337 के तहत आता है। इसमें मालिक को 6 महीने तक की सजा हो सकती है। वहीं अगर पालतू कुत्ते के काटने पर किसी की मौत हो जाती है तो ऐसे मामलों में धारा 304 लगाई जा सकती है, जिसमें 10 साल तक की सजा हो सकती है। किसी-किसी मामले में धारा 304-ए लगाई जाती है, जिसमें दो साल की सजा का प्रावधान है।

अब अगर कोई कुत्ते को ही मार देता है तो उस इंसान पर धारा 428 के तहत मामला दर्ज होता है और पाँच साल तक की सजा हो सकती है। क़ानून के तहत कुत्तों को भी बेवजह कोई परेशान नहीं कर सकता है और उन्हें पीट भी नहीं सकता है। ऐसा करने पर उसके ख़िलाफ़ मामला दर्ज हो सकता है।

इन नस्लों पर लगी है बैन

सरकार ने रॉटविलर, अमेरिकन बुलडॉग, पिटबुल टेरियर, वोल्फ डॉग, मास्को गार्ड, केन कोर्सो, जैपनीज टोसा और अकीता, मास्टिफ, कैनेरियो, बैनडॉग, टोसा इनू, काकेशियन शेफर्ड डॉग, फिला ब्राजील रियो, अकाश, सेंट्रल एशियन शेफर्ड डॉग, टेरियर, अमेरिकन स्टेफोर्डशायर टैरियर, कैंगल, डोगो अर्जेंटीनो, बोजबोएल, तोरन जैक सरप्लैनिनॉक, अमेरिकन बुलडॉग, रोडेशियन रिजवैक और साउथ रशियन शेफर्ड डॉग पर बैन लगाया है।

अब स्थानीय प्रशासन और नगर निगम प्रतिबंधित डॉग्स की बिक्री और ब्रीडिंग के लिए लाइसेंस जारी नहीं करेंगे। जिन घरों में इन ब्रीड्स के डॉग्स पले हैं उन्हें स्टरलाइज्ड कर दिया जाएगा। ताकि आगे ब्रीडिंग न हो।

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