यूपी में अब सिंचाई से जुड़ी हर समस्या के लिए आपका बस एक फोन काफी है

उत्तर प्रदेश में सिंचाई संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए सिंचाई विभाग ने किसानों के लिए हेलो किसान कॉल सेंटर की शुरुआत की है। कॉल सेंटर सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहेगा।

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"हेलो... मैं जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह बोल रहा हूँ, आपके यहाँ सिंचाई की क्या व्यवस्था है ? पानी पूरा आ रहा है ?..... अच्छा नहर से पानी आ रहा है, ठीक है मैं पीने के पानी का भी इंतज़ाम करा रहा हूँ। "

उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से 'हेलो किसान' कॉल सेंटर के एक नए सेंटर की शुरुआत ऐसे ही हुई।

अगर आप किसान हैं और आपकी भी सिंचाई से संबंधित कोई समस्या है तो बस एक कॉल करके हर समस्या का समाधान पा सकते हैं।

सिंचाई संबंधित शिकायतों के समाधान के लिए यह कॉल सेंटर सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहेगा। आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित हेलो किसान कॉल सेंटर में किसान नलकूप, नहर के साथ-साथ अन्य सिंचाई संबंधित शिकायतों को दर्ज करा सकेगा।

इसके लिए टोल फ्री नंबर 1800-180-5450 जारी किया गया है। हेलो किसान के माध्यम से सिंचाई विभाग को अगस्त और सितंबर माह में टेल की स्थिति जानने के लिए 4999 काल की गई।

उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने तेलीबाग स्थित डॉ राम मनोहर लोहिया परिकल्प भवन में किसानों के लिए टोल फ्री सेवा "हेलो किसान" की शुरुआत की। इस कॉल सेंटर की मदद से नहर, नलकूप और बांध से संबंधित शिकायतों को टोल फ्री नंबर के माध्यम से दर्ज करा सकेंगे।

जल शक्ति मंत्री ने स्वतंत्र देव सिंह ने गाँव कनेक्शन से कहा था, "सभी नहर की टेल पर चौपाल लगाई जाती है, हेलो किसान भी चल रहा है और ट्यूबवेल से जो किसान जुड़े हुए हैं उनको भी समय-समय पर जागरूक किया जाता है। ट्यूबवेल और टेल पर चौपाल लगाई जाती है।" उन्होंने आगे कहा, "आज हमारी कोशिश है कि 2047 तक पानी की क्या स्थिति होगी उस पर काम करना होगा। पीने के लिए पानी मिलेगा या सिंचाई के लिए कितने पानी की ज़रूरत होगी, इसके लिए योजना, परियोजना हम लोग कैसे बना सकते हैं।"

उत्तर प्रदेश में नहरों की पटरियों को गड्ढा मुक्त करने, सिल्ट सफाई पर विशेष जोर है। साल 2023-24 रबी और खरीफ में 50500 किलोमीटर लंबाई में सिल्ट सफाई का काम कराया जाना प्रस्तावित है। जबकि 2023-24 में विभाग की 288 किलोमीटर लंबाई की नहर पटरियों की मरम्मत और 1810 किलोमीटर लंबाई की नहर पटरियों का नवीनीकरण कराया जाना प्रस्तावित है।

प्रदेश में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग ने सतही भू-गर्भ जल का उपयोग करते हुए 75090.90 किलोमीटर लंबी नहर प्रणालियों और 34263 राजकीय नलकूपों से कृषकों की सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई है। वर्ष 2022-23 में विभाग ने रबी-खरीफ सीजन में सिंचाई के पूर्व 50769 किलोमीटर लंबाई में नहरों की सिल्ट सफाई कराई गई जिससे नहरों की टेल तक पर्याप्त सिंचाई जल की उपलब्धता किसानों को हो सकी है।

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