इन तरीकों को अपना कर आप नकली प्रोडक्ट लेने से बच सकते हैं

Mohit Asthana | Sep 29, 2017, 12:53 IST
हिंदी समाचार
लखनऊ। आजकल बाजार में नकली प्रोडक्ट्स की भरमार है। ज्यादातर लोग असली-नकली प्रोडक्ट्स में अंतर नहीं समझ पाते। अगर आप नकली प्रोडक्ट्स से बचना चाहते हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना पड़ेगा। हम आपको बताते है ऐसी खास बातों के बारे में जो आपको सही प्रोडक्ट्स की पहचान कराएंगी...

व्याकरण व मात्राओं की त्रुटि

नकली प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनियां अक्सर अपने प्रोडक्ट्स के नाम में व्याकरण या मात्राओं की त्रुटि करती हैं। ऐसा किसी बड़े ब्रांड को कॉपी करने के लिए किया जा रहा है। कंपनियां ग्राहकों को ठगने के लिए ऐसा करती हैं। उन्हें लगता है कि ग्राहक को मिलते जुलते नाम से धोखा दिया जा सकता है। अच्छी कंपनिया आपने प्रोडक्ट की पैकिंग पर कुछ फीचर्स जैसे कोड, सीरियल या मॉडल नंबर, ट्रेडमार्क और पेटेंट की जानकारी लिखती हैं।

नकली प्रोडक्ट्स इस तरह की जानकारी नहीं लिखते हैं। वो सिर्फ आधी-अधूरी जानकारी ही लिखते हैं। आप चाहें तो ऑनलाइन जाकर असली प्रोडक्ट्स से नंबर को क्रास चेक कर सकते हैं। आप इस तरीके को इलेक्ट्रोनिक आइटम्स या अप्लाइंसेज पर अप्लाई कर सकते है। ऐसा ज्यादातर देखा गया है कि इलेक्ट्रोनकि आइटम्स में लोग आसानी से धोखा खा जाते हैं।

अगर कोई सामान नकली है तो उसके रंग में या पैकिंग में कुछ न कुछ तो अलग होगा। दुकानदार असली नकली की पहचान तो कर लेते हैं लेकिन ग्राहकों को पहचानने में दिक्कत होती है।
प्रमोद तिवारी, विक्रेता, कॉस्मेटिक

घटिया पैकिंग

अच्छे ब्रांड्स अपने प्रोडक्ट्स की पैकेजिंग का पूरा ख्याल रखते है। अगर आपको बिना पैकेजिंग के कोई प्रोडक्ट मिला है तो हो सकता है कि वो नकली हो। इसलिए पैकिंग पर गौर करने के बाद ही प्रोडक्ट ओपन करें।

गायब एसेसरीज

जब भी आप कोई सामान खरीदने जाएं तो यह जरूर चेक कर प्रोडक्ट्स की बॉक्स पैकेजिंग में बताई गई सभी एसेसरीज मौजूद है या नहीं। अगर इंस्ट्रक्शन मेनुअल, वारंटी कार्ड, वायर्स, प्लग्स और दूसरे आइटम्स में से कुछ भी मिसिंग है तो सामान रिटेलर को तुरंत वापस करें। अगर आप ऑनलाइन खरीददारी कर रहे हैं तो डिलीवरी के दौरान मुमकिन हो तो बॉक्स को खोलते समय इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग कर लें इससे बाद में परेशानी नहीं आएगी।

अनाधिकृत सेंटर

इलेक्ट्रोनिक आइटम्स, अप्लाइंसेज, गैजेट्स और ब्रांडेड वेयर्स को अधिकृत रिटेलर्स, लाइसेंस्ड विक्रेता या वास्तविक ब्रांड आउटलेट से खरीदना सही रहता है। अगर आपको कहीं पर जरूरत से ज्यादा डिस्काउंट मिल रहा है तो ऑन लाइन जाकर स्टोर का पता चेक करें। कई कंपनियां अनधिकृत सेंटर्स के माध्यम से अपना नकली प्रोडक्ट बेचने की कोशिश करती हैं। आपको इनसे बचना चाहिए। आप वही प्रोडक्ट खरीदें जिनके अधिकृत सेंटर इंटरनेट पर या वेबसाइट पर मौजूद हों।

अवास्तविक छूट

आप कुछ भी खरीदते हैं और उसमें अवास्तविक छूट मिलती है तो सावधान हो जाइये। खासतौर पर ऑनलाइन खरीददारी में आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए। ब्रांडेड आइटम्स में ज्यादा डिस्काउंट नहीं मिलता है। अगर आपको लगे कि ऑफर अवास्तविक है यानि एमआरपी पर 80 फीसदी तक की छूट दी जा रही है तो हो सकता है आप नकली प्रोडक्ट खरीद रहे हों।

खराब क्वालिटी

नकली प्रोडक्ट की क्वालिटी आमतौर पर काफी खराब होती है। आपने यदि असली प्रोडक्ट इस्तेमाल किया है तो आप एक बार में नकली प्रोडक्ट को पहचान सकते हैं। नकली प्रोडक्ट में असली प्रोडक्ट के स्थान पर खराब वैकल्पिक पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है। इसके मैटेरियल में खराब प्लास्टिक, लेदर, सस्ता कांच, खराब क्वॉलिटी का कपड़ा या इलेक्ट्रोनिक अप्लायंसेज के पुराने या इस्तेमाल किये हुए पार्टस हो सकते है।

कॉन्टैक्ट डिटेल्स

ज्यादातर कंपनियां पैकेजिंग पर अपना पूरा एड्रेस, ईमेल, फोन नंबर या कॉन्टैक्ट डिटेल्स जरूर डालती है। अगर आपके प्रोडेक्ट पर ये सब जानकारियां मौजूद नहीं हैं तो आपको सावधान होने की जरूरत है। अगर ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं तो नकली प्रोडक्ट्स से बचने के लिए प्रोडक्ट्स की वेबसाइट पर जाकर चेक करें।

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