मौसम विभाग का अलर्ट: 1 से 7 अगस्त तक कई राज्यों में तेज़ बारिश और बाढ़ का खतरा
Gaon Connection | Aug 01, 2025, 15:29 IST
भारत मौसम विभाग (IMD) ने 1 अगस्त को जारी बुलेटिन में पूर्वोत्तर, बिहार, झारखंड, केरल और तमिलनाडु सहित कई राज्यों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी दी है। अगले सात दिनों में बाढ़, भूस्खलन और फसलों को नुकसान जैसी आपदाएं देखने को मिल सकती हैं। किसानों, मछुआरों और शहरी नागरिकों के लिए यह चेतावनी अहम है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने देश के कई हिस्सों के लिए भारी से अत्यधिक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। आईएमडी के अनुसार विशेषकर पूर्वोत्तर, पूर्वी भारत, दक्षिण भारत और पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र के राज्यों में अगले 5–7 दिनों के दौरान मौसम का मिजाज बदला रहेगा। इस चेतावनी का असर खेती, परिवहन, शहरों की जलनिकासी और आम जनजीवन पर पड़ने की पूरी संभावना है।
पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ जैसी स्थिति की आशंका
2 और 3 अगस्त को मेघालय, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, और 3 अगस्त को अरुणाचल प्रदेश तथा बिहार में अत्यधिक भारी बारिश की संभावना है। इस क्षेत्र में पहले से ही मानसून सक्रिय है, और लगातार बारिश से नदी-नालों के जलस्तर में वृद्धि हो सकती है, जिससे अचानक बाढ़ (flash flood) की स्थिति बन सकती है।
विशेष रूप से असम, मेघालय, नागालैंड, मिज़ोरम, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश में 1 से 7 अगस्त तक गरज-चमक और तेज़ बारिश की संभावना है। इनमें कई जिलों में मिट्टी धंसने और सड़कों के क्षतिग्रस्त होने की चेतावनी दी गई है।
बिहार, बंगाल और झारखंड भी सावधान रहें
बिहार में 1 से 5 अगस्त और झारखंड में 1 से 3 अगस्त के बीच अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में 2 से 4 अगस्त के बीच मौसम और बिगड़ने के संकेत हैं। इससे निचले इलाकों में जलभराव, फसलों को नुकसान और शहरों में ट्रैफिक जाम की स्थिति बन सकती है।
दक्षिण भारत में झमाझम बारिश का सिलसिला जारी रहेगा
तटीय तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के तटीय व भीतरी इलाकों में भी 6 से 7 दिनों तक बारिश की चेतावनी दी गई है। तमिलनाडु में 3 से 5 अगस्त और केरल में 6 और 7 अगस्त को बहुत भारी बारिश हो सकती है। समुद्र तटीय क्षेत्रों के मछुआरों को 1 से 6 अगस्त तक समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है, खासकर अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के कई हिस्सों में।
दिल्ली-एनसीआर के लिए राहत, लेकिन सावधानी जरूरी
1 से 4 अगस्त तक दिल्ली और एनसीआर में हल्की से मध्यम बारिश के साथ गरज-चमक की संभावना है। अधिकतम तापमान 32–34 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा, जो सामान्य से 2–4 डिग्री कम है। IMD ने लोगों को सलाह दी है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें, सुरक्षित आश्रय लें और बिजली गिरने की स्थिति में सावधानी बरतें।
किसे क्या करना चाहिए?
IMD ने राज्य सरकारों और जिला प्रशासन को विशेष कार्रवाई की सलाह दी है:
कृषि क्षेत्र में: धान, जूट, सब्ज़ियां और सुपारी जैसे फसलों में जल निकासी की व्यवस्था करें। मेघालय, असम, बिहार और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में जलभराव से बचाव की सख्त ज़रूरत है।
पशुपालन और मत्स्य पालन: पालतू जानवरों को सुरक्षित स्थानों पर रखें। मछली पालन क्षेत्रों में अतिरिक्त पानी निकालने के लिए जाल और आउटलेट बनाएं ताकि मछलियां बह न जाएं।
शहरी क्षेत्रों में: जलभराव, ट्रैफिक जाम और अंडरपास बंद होने जैसी समस्याओं से निपटने के लिए नगर निगमों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
आकस्मिक बाढ़ (Flash Flood) का जोखिम
2 अगस्त को हिमाचल, उत्तराखंड, असम, नागालैंड, मिज़ोरम, मणिपुर, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल और राजस्थान के कुछ जिलों में आकस्मिक बाढ़ का खतरा जताया गया है। जिन क्षेत्रों में मिट्टी पहले से संतृप्त है, वहां बहाव और जलभराव की संभावना अधिक है।
IMD की यह चेतावनी साफ संकेत देती है कि देश के कई हिस्सों में मानसून की तीव्रता बढ़ रही है। किसानों से लेकर शहरी नागरिकों तक सभी को सतर्क रहने की आवश्यकता है। जलभराव से बचाव, ट्रैफिक प्लानिंग, और खेती-बाड़ी में जल निकासी की उचित व्यवस्था इस सप्ताह के लिए सबसे जरूरी कदम होंगे।
पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ जैसी स्थिति की आशंका
2 और 3 अगस्त को मेघालय, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, और 3 अगस्त को अरुणाचल प्रदेश तथा बिहार में अत्यधिक भारी बारिश की संभावना है। इस क्षेत्र में पहले से ही मानसून सक्रिय है, और लगातार बारिश से नदी-नालों के जलस्तर में वृद्धि हो सकती है, जिससे अचानक बाढ़ (flash flood) की स्थिति बन सकती है।
वर्षा की चेतावनी (01.08.2025)
असम और मेघालय, बिहार और हिमाचल प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है।
अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली, झारखंड, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, पंजाब, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, उत्तर… pic.twitter.com/KoJjmag0dx
— India Meteorological Department (@Indiametdept) August 1, 2025
बिहार, बंगाल और झारखंड भी सावधान रहें
बिहार में 1 से 5 अगस्त और झारखंड में 1 से 3 अगस्त के बीच अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में 2 से 4 अगस्त के बीच मौसम और बिगड़ने के संकेत हैं। इससे निचले इलाकों में जलभराव, फसलों को नुकसान और शहरों में ट्रैफिक जाम की स्थिति बन सकती है।
दक्षिण भारत में झमाझम बारिश का सिलसिला जारी रहेगा
तटीय तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के तटीय व भीतरी इलाकों में भी 6 से 7 दिनों तक बारिश की चेतावनी दी गई है। तमिलनाडु में 3 से 5 अगस्त और केरल में 6 और 7 अगस्त को बहुत भारी बारिश हो सकती है। समुद्र तटीय क्षेत्रों के मछुआरों को 1 से 6 अगस्त तक समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है, खासकर अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के कई हिस्सों में।
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1 से 4 अगस्त तक दिल्ली और एनसीआर में हल्की से मध्यम बारिश के साथ गरज-चमक की संभावना है। अधिकतम तापमान 32–34 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा, जो सामान्य से 2–4 डिग्री कम है। IMD ने लोगों को सलाह दी है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें, सुरक्षित आश्रय लें और बिजली गिरने की स्थिति में सावधानी बरतें।
किसे क्या करना चाहिए?
IMD ने राज्य सरकारों और जिला प्रशासन को विशेष कार्रवाई की सलाह दी है:
कृषि क्षेत्र में: धान, जूट, सब्ज़ियां और सुपारी जैसे फसलों में जल निकासी की व्यवस्था करें। मेघालय, असम, बिहार और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में जलभराव से बचाव की सख्त ज़रूरत है।
पशुपालन और मत्स्य पालन: पालतू जानवरों को सुरक्षित स्थानों पर रखें। मछली पालन क्षेत्रों में अतिरिक्त पानी निकालने के लिए जाल और आउटलेट बनाएं ताकि मछलियां बह न जाएं।
शहरी क्षेत्रों में: जलभराव, ट्रैफिक जाम और अंडरपास बंद होने जैसी समस्याओं से निपटने के लिए नगर निगमों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
आकस्मिक बाढ़ (Flash Flood) का जोखिम
2 अगस्त को हिमाचल, उत्तराखंड, असम, नागालैंड, मिज़ोरम, मणिपुर, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल और राजस्थान के कुछ जिलों में आकस्मिक बाढ़ का खतरा जताया गया है। जिन क्षेत्रों में मिट्टी पहले से संतृप्त है, वहां बहाव और जलभराव की संभावना अधिक है।
IMD की यह चेतावनी साफ संकेत देती है कि देश के कई हिस्सों में मानसून की तीव्रता बढ़ रही है। किसानों से लेकर शहरी नागरिकों तक सभी को सतर्क रहने की आवश्यकता है। जलभराव से बचाव, ट्रैफिक प्लानिंग, और खेती-बाड़ी में जल निकासी की उचित व्यवस्था इस सप्ताह के लिए सबसे जरूरी कदम होंगे।