मौसम विज्ञान विभाग ने जारी किया पूर्वानुमान, जानिए किसानों के लिए इस बार कैसा रहेगा मानसून

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने जून से सितम्बर 2022 के लिए बारिश पूर्वानुमान जारी किया है। इस बार बारिश के सामान्य होने की उम्मीद है। जबकि एक दिन पहले जारी स्काईमेट के पूर्वानुमान के अनुसार इस बार सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है।

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मौसम विज्ञान विभाग ने जारी किया पूर्वानुमान, जानिए किसानों के लिए इस बार कैसा रहेगा मानसून

भारत मौसम विज्ञान विज्ञान ने पूर्वानुमान जारी किया है, ऐसे में जानना जरूरी है कि इस बार किसानों के लिए मानसून कैसा रहेगा। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार पूरे देश में सामान्य बारिश होने की उम्मीद है और मानसून ±5% मॉडल की त्रुटि के इस तरह इसके दीर्घ अवधि के औसत (एलपीए) का 96 फीसदी होने की संभावना है। 1971 से लेकर 2020 तक की अवधि में पूरे देश में एलपीए 87 प्रतिशत रहा है।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव, डॉ. एम. रविचंद्रन ने 11 अप्रैल को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पूरे देश में जून से सितंबर तक दक्षिण पश्चिम मानसून की 96 प्रतिशत वर्षा होने की संभावना है और किसानों को कम वर्षा के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है।

मीडिया को 2023 के दक्षिण-पश्चिम मॉनसूनी मौसम की वर्षा के सारांश के बारे में जानकारी देते हुए, उन्होंने कहा कि यह ± 5 प्रतिशत ( सामान्य ) की मॉडल त्रुटि के साथ लंबी ( दीर्घ ) अवधि के औसत ( एलपीए ) का 96 प्रतिशत होगा। उन्होंने ± 5 प्रतिशत ( सामान्य ) की मॉडल त्रुटि के साथ लंबी अवधि का औसत ( एलपीए ) जोड़ा।

डॉ. रविचंद्रन ने कहा कि यह पूर्वानुमान गतिशील और सांख्यिकीय दोनों मॉडलों पर आधारित है जिनसे पता चलता है कि मात्रात्मक रूप से, मानसून मौसमी वर्षा ± 5 प्रतिशत की मॉडल त्रुटि के साथ लंबी अवधि के औसत ( एलपीए ) का 96 प्रतिशत होने की संभावना है। 1971-2020 के आंकड़ों के आधार पर पूरे देश में मौसमी वर्षा का एलपीए 87 सेमी है।


वर्तमान में ला नीना की स्थिति भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में तटस्थ स्थितियों में बदल गई है। नवीनतम एमएमसीएफएस के साथ-साथ अन्य जलवायु मॉडल पूर्वानुमान इंगित करते हैं कि अल नीनो की स्थिति के मानसून के मौसम के दौरान विकसित होने की संभावना है।

उत्तरी गोलार्ध में कम हुई बर्फबारी

रवरी और मार्च 2023 के दौरान उत्तरी गोलार्ध के हिम आवरण क्षेत्रों को सामान्य से कम देखा गया है। उत्तरी गोलार्ध के साथ-साथ यूरेशिया में सर्दियों और वसंत के हिम आवरण ( स्नो कवर ) के प्रसार की सीमा की प्रवृत्ति इसके बाद होने वाली ग्रीष्मकालीन मानसून वर्षा के साथ सामान्य विपरीत संबंध की है।

स्काईमेट के पूर्वानुमान के अनुसार सामान्य से कम मॉनसून की संभावना

भारत की प्रमुख मौसम पूर्वानुमान और रिस्क सोल्यूशन कंपनी स्काईमेट ने 2023 के लिए अपना मॉनसून पूर्वानुमान जारी किया है। स्काइमेट के मॉनसून पूर्वानुमान के अनुसार जून से सितंबर तक 4 महीने की औसत वर्षा की 868.8 मिमी की तुलना में 816.5 मिमी यानी कि 94% की संभावना है (एरर मार्जिन +/-5 फीसदी)। स्काईमेट ने 04 जनवरी, 2023 को जारी अपने पहले के पूर्वाभास में 2023 के मॉनसून का औसत से कम रहने का आकलन किया था और अब इसे बरकरार रखा है।

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