रबी फसलों के लिए सरकार ने बढ़ाया MSP: किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा

Gaon Connection | Oct 02, 2025, 13:40 IST
केंद्र सरकार ने 2026-27 के विपणन वर्ष के लिए रबी फसलों का नया MSP घोषित किया है। गेहूँ, जौ, चना, मसूर, सरसों और सफ्लावर पर बढ़ी हुई न्यूनतम समर्थन मूल्य दरें किसानों की आय बढ़ाने और फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने की दिशा में अहम मानी जा रही हैं।
wheat farmers advisory iiwbr
केंद्र सरकार ने 1 अक्टूबर 2025 को रबी सीज़न की छह प्रमुख फसलों का नया न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) घोषित किया। कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति ने 2026-27 विपणन वर्ष के लिए गेहूँ, जौ, चना, मसूर, सरसों और सफ्लावर के MSP में बढ़ोतरी को मंजूरी दी। सरकार का दावा है कि यह निर्णय 2018-19 के बजट में किए गए उस वादे को मज़बूती देता है, जिसके तहत MSP को कम से कम उत्पादन लागत का डेढ़ गुना तय किया जाना है।

नई दरों के अनुसार, गेहूँ का MSP अब 2,585 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है, जो पिछले वर्ष से 160 रुपये अधिक है। जौ में 170 रुपये, चना में 225 रुपये, मसूर में 300 रुपये और सरसों-राप्सीड में 250 रुपये की वृद्धि की गई है। सबसे बड़ी बढ़ोतरी सफ्लावर के लिए हुई है, जिसका MSP 600 रुपये बढ़ाकर 6,540 रुपये कर दिया गया है।

सरकार का कहना है कि इन बढ़ोतरी के बाद किसानों को उनकी लागत पर 50 से 109 प्रतिशत तक का लाभ मिलेगा। गेहूँ पर किसानों को लागत से दोगुने से अधिक दाम मिलने का अनुमान है, वहीं मसूर और सरसों जैसी तिलहन फसलों को भी बड़ी बढ़त दी गई है। इससे उम्मीद की जा रही है कि किसान केवल पारंपरिक गेहूँ और चना ही नहीं, बल्कि मसूर और तिलहन जैसी वैकल्पिक फसलों की ओर भी बढ़ेंगे।

हालाँकि MSP बढ़ने का मतलब यह नहीं कि हर किसान को इसका पूरा लाभ मिल ही जाएगा। असली चुनौती सरकारी खरीद तंत्र को लेकर है। कई राज्यों में बार-बार यह शिकायत उठी है कि MSP घोषित तो कर दिया गया, लेकिन मंडियों में खरीदी की गारंटी नहीं मिलती। किसान संगठनों की यह भी माँग है कि MSP को केवल नीति घोषणा न बनाकर कानूनी गारंटी दी जाए, ताकि कोई किसान अपनी उपज को लागत से कम पर बेचने को मजबूर न हो।

आर्थिक दृष्टि से देखा जाए तो MSP बढ़ने से सरकार पर बजटीय बोझ भी बढ़ता है, क्योंकि अधिक दर पर खरीद करनी पड़ती है। साथ ही, कुछ विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि इससे खाद्य मुद्रास्फीति पर दबाव पड़ सकता है। लेकिन सरकार का तर्क है कि यह कदम कृषि आय को स्थिर बनाने और किसानों को बाजार की अस्थिरताओं से बचाने के लिए जरूरी है।

नई MSP घोषणा से किसानों की उम्मीदें ज़रूर बढ़ी हैं। खासकर उन इलाकों में जहाँ मसूर, सरसों और सफ्लावर जैसी फसलें बड़े पैमाने पर उगाई जाती हैं, यह बड़ा प्रोत्साहन बन सकता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या ज़मीनी स्तर पर खरीद व्यवस्था इतनी मजबूत हो पाती है कि किसान वास्तव में इन नई दरों का लाभ उठा सकें।

    Follow us
    Contact
    • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
    • neelesh@gaonconnection.com

    © 2025 All Rights Reserved.