मुर्गी पालन बढ़ाएगा घरेलू आय

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मुर्गी पालन बढ़ाएगा घरेलू आयगाँव कनेक्शन

गोरखपुर। मुर्गी पालन काफी मुनाफा देने वाला व्यवसाय है हरियाणा, पंजाब, आध्रं प्रदेश, महाराष्ट्र तथा तमिलनाडु जैसे राज्यों ने इस क्षेत्र में विशेष सफलता प्राप्त की है। इसी कारण अंडों के उत्पादन में हमारे देश का विश्व में चौथा स्थान है आप भी यह व्यवसाय शुरू कर सकते है।

प्रशिक्षण

मुर्गी पालन उद्योग में प्रशिक्षण प्राप्ति के लिए कोई निश्चित शैक्षिक योग्यता व आयु सीमा निधार्रित नहीं है कोई भी युवा, जो मुर्गीपालन के क्षेत्र में नौकरी करना या स्वरोजगार अपनाना चाहता है, वह प्रवेश ले सकता है।

सरकार से ऋण

मुर्गी पालन शुरू करने के लिए सरकारी सहायता भी मिलती हैं। सरकार मुर्गीपालन को लद्यु उद्योग घोषित कर चुकी है। सरकारी सहायता के अन्तर्गत इच्छुक व्यक्ति को देश में भारतीय स्टेट बैंक की किसी भी शाखा से 50 हजार रुपए तक का ऋण मिल सकता है जिससे वह अपना स्वरोजगार चला सकता है। 

कैसे शुरू करें मुर्गी पालन

यह उद्योग 20-25 मुर्गियों से शुरू किया जा सकता है, जिनमें दो मुर्गे होने ज़रूरी हैं। मुर्गियां एकांत में अंडे देती हैं, इसलिए मिट्टी की नाद का प्रयोग करना चाहिए और उस नाद को रेत से आधा भर देना चाहिए ताकि मुर्गियों को गरमाहट मिल सकें। अंडे देने वाली मुर्गियों को ठोस आहार देना चाहिए, ताकि मुर्गियां आधा-एक घंटा दरबे से बाहर न निकल सकें। आमतौर नर मुर्गी के बच्चे 6 माह में अंडे देना शुरू कर देते है। चूजों का आहार साफ-सुथरा होना चाहिए। लेकिन उन्हें हरी सब्जियां, पुदीना, प्याज और लहसुन भी देना चाहिए जिससे उसका हाजमा ठीक रहे। मुर्गी पालक को बीमारी से बचाने के लिए पशु-चिकित्सक की सलाह भी ली जा सकती है। दिल्ली सरकार द्वारा संचालित कुक्कुट फार्म महारौली से सात किमी दूर सतबड़ी गाँव के पास स्थित है। इस संस्थान में वर्ष में दो बार प्रवेश दिया जाता है। 10 अप्रैल से 9 मई तक तथा 20 अक्टूबर से 19 नवंबर तक एक माह का प्रशिक्षण दिया जाता है कोई भी युवा जो मुर्गी पालन के व्यवसाय में आना चाहता है इस संस्थान में प्रवेश ले सकता है। एक बार में कुल 100 लोगों को प्रवेश दिया जाता है।

परामर्श

मुर्गी पालन के लिए कुछ बातों को ध्यान में रखना आवश्यक है दरअसल, तंग जगह में मुर्गियां पालने से बीमारियां हो जाती है। मुर्गियों को खुली जगह में रखना चाहिए, जिस पर फूस का छप्पर डला हो और चारों ओर लोहे की जाली लगी हो। इसकी चार दीवारी आठ से दस फीट होनी चाहिए। बाड़े की लंबाई-चौड़ाई मुर्गियों के अनुसार होनी चाहिए।

अवसर

कुक्कुट पालन में डिप्लोमा या डिग्री प्राप्त युवा सरकारी, अर्ध सरकारी संस्थानों तथा सहकारी संस्थानों विशेषकर व्यवसायिक तथा पशु कल्याण संगठनों चिड़ियाघरों, राज्य सरकार के अधीन प्रशिक्षण केन्द्रों में रोजगार पा सकते हैं स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त युवा फार्म अधीक्षक, फार्म प्रबंधक बन सकते है और स्नातक डिग्री धारक सहायक फार्म अधीक्षक कुक्कुट विकास अधिकारी, सुपरवाइजर जैसे पद प्राप्त कर अपना कैरियर बना सकते हैं।

प्रशिक्षण संस्थान

देश के कुछ विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों में मुर्गी पालन, उत्पादन तथा उनके आहार से सम्बन्धित प्रमाण-पत्र डिप्लोमा तथा डिग्री पाठ्यक्रम है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय जबलपुर मध्य प्रदेश (मुर्गी पालन तथा डेरी उत्पादन से एक वर्षी डिप्लोमा), कककतीय विश्वविद्यालय वांरगल (आंध्र प्रदेश), मराठवाडा विश्वविद्यालय औरंगाबाद (महाराष्ट्र), कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर (उत्तरंाचल), पशु पालन संस्थान जबलपुर (मध्य प्रदेश), हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (हिसार), पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना (पंजाब), कुक्कुट फार्म, सतबड़ी गांव, नजदीक महरौली, नई दिल्ली।

 

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