शरीर में न चाहते हो कैल्शियम की कमी तो ये पढ़े

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शरीर में न चाहते हो कैल्शियम की कमी तो ये पढ़ेgaonconnection

लखनऊ। हमारे शरीर में हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम बहुत ज़रूरी है। यह रक्त के थक्के जमने (ब्लड क्लॉटिंग) में भी मदद करता है। यह शरीर के विकास और मसल बनाने में भी सहायक होता है। इसकी कमी से क्या नुकसान हो सकते हैं और खानपान में इसकी कमी को पूरा करने के बारे में बता रहे हैं लखनऊ के डॉ अतुल अस्थाना-

भूखे रहने और कुपोषण, हार्मोन की गड़बड़ी, प्रिमैच्योर डिलीवरी और मैलएब्जरेब्शन की वजह से भी कैल्शियम की कमी हो सकती है। मैलएब्जरेब्शन उसे कहते हैं, जब हमारा शरीर उचित खुराक लेने पर भी विटामिन और मिनरल को सोख नहीं पाता।

लक्षण :-

लो बोन डेनस्टिी: उम्र के बढ़ने के साथ ये दिक्कत बढ़ने लगती है। कैल्शियम हड्डियों की मिनरलेजाइशन के लिए जरूरी होता है। कैल्शियम की कमी सीधे हमारी हड्डियों की सेहत पर असर करती है और ऑस्टियोपोरोसिस व फ्रैक्चर का खतरा बढ़ सकता है।

मसल क्रैम्प: शरीर में होमोग्लोबिन की पर्याप्त मात्रा रहने और पानी की उचित मात्रा लेने के बावजूद अगर आप नियमित रूप से मसल क्रैम्प (मांस में खिंचाव या ऐंठन) का सामना कर रहे हैं तो यह कैल्शियम की कमी का संकेत है।

कमजोर नाखून: कैल्शियम की कमी के कारण नाखून भुरभुरे होकर कमजोर हो जाते हैं। मजबूत बने रहने के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है।

दांत में दर्द: हमारे शरीर का 90 प्रतिशत कैल्शियम दांतों और हड्डियों में जमा होता है उसकी कमी से दांतों और हड्डियों का नुकसान हो सकता है।

मासिक धर्म में दर्द: कैल्शियम की कमी वाली महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान काफी तीव्र दर्द हो सकता है, क्योंकि मांसपेशियों के काम करने में कैल्शियम अहम भूमिका निभाता है।

नाड़ी की समस्याएं: कैल्शियम की कमी से न्यूरोलॉजिक्ल समस्याएं, जैसे कि सिर पर दबाव की वजह से सीजर और सिरदर्द हो सकता है। कैल्शियम की कमी से डिप्रेशन, इनसोमेनिया, पर्सनैल्टिी में बदलाव और डेम्निशिया भी हो सकता है।

धड़कन: कैल्शियम दिल के बेहतर काम करने के लिए आवश्यक है और कमी होने पर हमारे दिल की धड़कन बढ़ सकती है और बेचैनी हो सकती है। कैल्शियम दिल को रक्त पम्प करने में मदद करता है।

किन खाद्य पदार्थों में पाया जाता है कैल्शियम-

अनाज में: गेहूं, बाजरा व रागी।

दूध व दूध के सभी पदार्थ।

दालों में: मूंग दाल, राजमा, सोयाबीन, चना, मोठ।

हरी सब्जियों में: कढ़ी पत्ता, पत्ता गोभी, अरबी के पत्ते, सुरजने के पत्ते, मेंथी, मूली के पत्ते, पुदीना हरा, धनिया, ककड़ी, सेम ग्वारफली, गाजर, भिंडी, टमाटर।

मेवों में: मुनक्का, बादाम, पिस्ता, अखरोट व तरबूज के बीज।

फलों में: नारियल, आम, जामफल, सीताफल, संतरा, अनन्नास।

मसालों में: अजवाइन, जीरा, हींग, लौंग, धनिया, कालीमिर्च।

शरीर की कितने कैल्शियम की जरूरत

ये पदार्थ तुरंत शरीर द्वारा अवशोषित कर लिए जाते हैं। मां का दूध नवजात शिशु के लिए सर्वोत्तम कैल्शियमयुक्त रसायन है, जो उनमें कैल्शियम की पूर्ति और रोगों से मुक्ति दिलाता है। शरीर को प्रतिदिन 0.8 से 1.3 ग्राम कैल्शियम की आवश्यकता होती है।

कमी के उपचार

खानपान को लेकर सतर्क रहें। फास्ट फूड, कोल्ड ड्रिंक्स, तला-भुना, मिर्च-मसाला, मैदे तथा शकर से बने पदार्थों से बचें। प्राकृतिक आहार जैसे अंकुरित अनाज, मौसम के ताजे फल व सब्जियां, सलाद, मोटे आटे की रोटी, डेयरी प्रोडक्ट को अपने आहार में विशेष स्थान दें।

 

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