2026 में यूपी सरकार देगी डेढ़ लाख सरकारी नौकरियाँ, 10 साल में 10 लाख भर्ती का बनेगा रिकॉर्ड
Gaon Connection | Dec 18, 2025, 17:21 IST
प्रतियोगी परीक्षाओं की भीड़, बढ़ती बेरोजगारी और निजी क्षेत्र में अनिश्चितता के बीच सरकारी नौकरी आज भी युवाओं के लिए सबसे भरोसेमंद विकल्प मानी जाती है। ऐसे में 2026 में प्रस्तावित डेढ़ लाख भर्तियाँ युवाओं के लिए राहत की खबर हैं।
उत्तर प्रदेश के लाखों युवाओं के लिए आने वाला साल नई उम्मीदें लेकर आ सकता है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने वर्ष 2026 में प्रदेश भर में डेढ़ लाख से अधिक सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया है। अगर यह योजना तय समय पर पूरी होती है, तो योगी सरकार अपने 10 वर्षों के कार्यकाल में 10 लाख सरकारी नौकरियाँ देने वाली प्रदेश की पहली सरकार बन जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में सभी विभागों से खाली पदों का ब्योरा मांगा था। बैठक के बाद सरकार ने संकेत दिए हैं कि पुलिस, शिक्षा, राजस्व, स्वास्थ्य, कारागार, आवास विकास और बाल विकास पुष्टाहार जैसे अहम विभागों में बड़े पैमाने पर भर्तियाँ की जाएंगी।
प्रदेश के लाखों युवा लंबे समय से सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की भीड़, बढ़ती बेरोजगारी और निजी क्षेत्र में अनिश्चितता के बीच सरकारी नौकरी आज भी युवाओं के लिए सबसे भरोसेमंद विकल्प मानी जाती है। ऐसे में 2026 में प्रस्तावित डेढ़ लाख भर्तियाँ युवाओं के लिए राहत की खबर हैं।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, सबसे अधिक भर्ती पुलिस और शिक्षा विभाग में होगी, जहाँ करीब 50-50 हजार पदों पर नियुक्तियाँ प्रस्तावित हैं। इसके अलावा राजस्व विभाग में 20 हजार पदों पर भर्ती की तैयारी है, जबकि अन्य विभागों में कुल मिलाकर करीब 30 हजार पदों पर भर्तियाँ होंगी।
पुलिस विभाग में भर्ती को लेकर सरकार पहले से ही आक्रामक रुख अपनाए हुए है। पिछले साढ़े आठ वर्षों में प्रदेश में 2.19 लाख से अधिक पुलिसकर्मियों की भर्ती की जा चुकी है। इसी क्रम में 2026 में एक बार फिर बड़े पैमाने पर पुलिस भर्ती की योजना है।
प्रस्ताव के अनुसार:
30 हजार आरक्षी
5 हजार सब-इंस्पेक्टर
15 हजार अन्य पद
पर भर्ती की जाएगी। इससे पुलिस बल की संख्या बढ़ेगी और कानून-व्यवस्था को और मजबूत करने में मदद मिलेगी।
शिक्षा विभाग में भी बड़े पैमाने पर भर्ती की तैयारी है। सहायक अध्यापक, प्रवक्ता, प्रधानाचार्य और अन्य शैक्षणिक पदों पर करीब 50 हजार नियुक्तियाँ प्रस्तावित हैं। इससे एक ओर जहाँ शिक्षण संस्थानों में स्टाफ की कमी दूर होगी, वहीं दूसरी ओर शिक्षित युवाओं को रोजगार मिलेगा।
राजस्व विभाग में लगभग 20 हजार पदों पर भर्ती की योजना है, जिसमें सबसे अधिक संख्या लेखपाल पदों की होगी। इसके अलावा:
स्वास्थ्य विभाग
आवास विकास
कारागार विभाग
बाल विकास पुष्टाहार विभाग
जैसे विभागों में भी हजारों पदों पर भर्तियाँ की जाएंगी। कुछ विभागों में भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जबकि कई में विज्ञापन जारी करने की तैयारी अंतिम चरण में है।
योगी सरकार लगातार यह दावा करती रही है कि उसकी भर्तियाँ पारदर्शी, निष्पक्ष और भ्रष्टाचार-मुक्त रही हैं। सरकार के अनुसार पिछले साढ़े आठ वर्षों में 8.5 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है।
पहले के वर्षों में उत्तर प्रदेश में भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक, सिफारिश और भ्रष्टाचार की शिकायतें आम थीं। लेकिन हाल के वर्षों में तकनीक के इस्तेमाल, सख्त निगरानी और समयबद्ध परीक्षाओं के चलते युवाओं का भरोसा बढ़ा है।
अगर 2026 की प्रस्तावित भर्तियाँ समय पर पूरी होती हैं, तो योगी सरकार अपने कार्यकाल में कुल 10 लाख सरकारी नौकरियाँ देने का आंकड़ा पार कर लेगी। यह उपलब्धि उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक इतिहास में पहली बार होगी।
सरकार का कहना है कि रोजगार सृजन केवल आंकड़ों का खेल नहीं है, बल्कि इससे सामाजिक स्थिरता, आर्थिक मजबूती और कानून-व्यवस्था पर भी सकारात्मक असर पड़ता है।
सरकारी नौकरियों की इस घोषणा के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं में एक बार फिर जोश देखा जा रहा है। कोचिंग संस्थानों से लेकर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तक, हर जगह तैयारी तेज हो गई है।
हालांकि, युवाओं की एक मांग यह भी है कि भर्तियाँ समयबद्ध हों, परीक्षाएँ बिना रुकावट पूरी हों और चयन प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती जाए।
आगे क्या?
आने वाले महीनों में अलग-अलग विभागों द्वारा भर्ती विज्ञापन जारी किए जाएंगे। सरकार का दावा है कि भर्ती प्रक्रिया को डिजिटल और समयबद्ध रखा जाएगा, ताकि युवाओं को अनावश्यक इंतज़ार न करना पड़े।
अगर योजनाएँ ज़मीन पर उसी तरह उतरती हैं, जैसी कागज़ों पर दिख रही हैं, तो 2026 उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के लिहाज़ से एक अहम साल साबित हो सकता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में सभी विभागों से खाली पदों का ब्योरा मांगा था। बैठक के बाद सरकार ने संकेत दिए हैं कि पुलिस, शिक्षा, राजस्व, स्वास्थ्य, कारागार, आवास विकास और बाल विकास पुष्टाहार जैसे अहम विभागों में बड़े पैमाने पर भर्तियाँ की जाएंगी।
युवाओं के लिए बड़ा मौका
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, सबसे अधिक भर्ती पुलिस और शिक्षा विभाग में होगी, जहाँ करीब 50-50 हजार पदों पर नियुक्तियाँ प्रस्तावित हैं। इसके अलावा राजस्व विभाग में 20 हजार पदों पर भर्ती की तैयारी है, जबकि अन्य विभागों में कुल मिलाकर करीब 30 हजार पदों पर भर्तियाँ होंगी।
पुलिस और शिक्षा विभाग में सबसे ज्यादा भर्तियाँ
प्रस्ताव के अनुसार:
30 हजार आरक्षी
5 हजार सब-इंस्पेक्टर
15 हजार अन्य पद
पर भर्ती की जाएगी। इससे पुलिस बल की संख्या बढ़ेगी और कानून-व्यवस्था को और मजबूत करने में मदद मिलेगी।
शिक्षा विभाग में भी बड़े पैमाने पर भर्ती की तैयारी है। सहायक अध्यापक, प्रवक्ता, प्रधानाचार्य और अन्य शैक्षणिक पदों पर करीब 50 हजार नियुक्तियाँ प्रस्तावित हैं। इससे एक ओर जहाँ शिक्षण संस्थानों में स्टाफ की कमी दूर होगी, वहीं दूसरी ओर शिक्षित युवाओं को रोजगार मिलेगा।
राजस्व, स्वास्थ्य और अन्य विभागों में भी अवसर
स्वास्थ्य विभाग
आवास विकास
कारागार विभाग
बाल विकास पुष्टाहार विभाग
जैसे विभागों में भी हजारों पदों पर भर्तियाँ की जाएंगी। कुछ विभागों में भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जबकि कई में विज्ञापन जारी करने की तैयारी अंतिम चरण में है।
पारदर्शी भर्ती से बढ़ा भरोसा
पहले के वर्षों में उत्तर प्रदेश में भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक, सिफारिश और भ्रष्टाचार की शिकायतें आम थीं। लेकिन हाल के वर्षों में तकनीक के इस्तेमाल, सख्त निगरानी और समयबद्ध परीक्षाओं के चलते युवाओं का भरोसा बढ़ा है।
10 साल में 10 लाख नौकरियों का लक्ष्य
सरकार का कहना है कि रोजगार सृजन केवल आंकड़ों का खेल नहीं है, बल्कि इससे सामाजिक स्थिरता, आर्थिक मजबूती और कानून-व्यवस्था पर भी सकारात्मक असर पड़ता है।
युवाओं में उम्मीद, तैयारी तेज
हालांकि, युवाओं की एक मांग यह भी है कि भर्तियाँ समयबद्ध हों, परीक्षाएँ बिना रुकावट पूरी हों और चयन प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती जाए।
आगे क्या?
आने वाले महीनों में अलग-अलग विभागों द्वारा भर्ती विज्ञापन जारी किए जाएंगे। सरकार का दावा है कि भर्ती प्रक्रिया को डिजिटल और समयबद्ध रखा जाएगा, ताकि युवाओं को अनावश्यक इंतज़ार न करना पड़े।
अगर योजनाएँ ज़मीन पर उसी तरह उतरती हैं, जैसी कागज़ों पर दिख रही हैं, तो 2026 उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के लिहाज़ से एक अहम साल साबित हो सकता है।