गोवा के बाद महाराष्ट्र में भी सामने आये मंकी फीवर के मामले

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गोवा के बाद महाराष्ट्र में भी सामने आये मंकी फीवर के मामलेमंकी फीवर। प्रतीकात्मक फोटो।

पणजी (भाषा)। गोवा में पिछले साल तीन लोगों की जान लेने और सैकड़ों को संक्रमित करने के बाद पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में भी मंकी फीवर के कई मामले सामने आ रहे हैं।

राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार क्यासनूर फॉरेस्ट डिजीज (केएफडी) का सबसे पहले कर्नाटक के शिमोगा में क्यासानूर वन में पता चला। यह वायरल बुखार पश्चिमी घाट में गोवा, केरल और महाराष्ट्र के किसानों में फैला हुआ है।

मणिपाल विश्वविद्यालय के विषाणु अनुसंधान केंद्र के साथ काम कर रहे विषाणु विज्ञानी जी अरण कुमार ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र से इसके मरीज सामने आ रहे हैं। यह रोग पूरे पश्चिमी घाट पर फैला हुआ है। यह छूने से फैलता है और मौसमी बीमारी है जो ज्यादातर दिसंबर से मई के महीनों में पायी जाती है जब शुष्क मौसम होता है।''

गोवा के सत्तारी तालुक में गत वर्ष केएफडी से तीन लोगों की मौत हो गयी थी जिसके बाद राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने व्यापक स्तर पर टीकाकरण अभियान चलाया था। अभी तक इस दूरवर्ती इलाके में 8000 से ज्यादा लोगों को टीका लगाया जा चुका है। इस बीच पणजी से 50 किलोमीटर दूर स्थित सत्तारी तालुक में इस बीमारी का कहर जारी है और 26 लोग केएफडी पॉजीटिव पाये गये हैं। आमतौर पर यह बीमारी बंदरों के शव से इंसानों में फैलती है।

    

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