ब्रिटिश संसद ने ब्रेक्जिट के लिए 4 वैकल्पिक योजनाओं के खिलाफ किया वोट

संसद ने यूरोपीय संघ (EU) के साथ ब्रिटेन की सरकार के तीन समझौतों को खारिज करने के बाद मंगलवार को ब्रेक्जिट के लिए चार संभावित वैकल्पिक योजनाओं के खिलाफ वोट किया।

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ब्रिटिश संसद ने ब्रेक्जिट के लिए 4 वैकल्पिक योजनाओं के खिलाफ किया वोट

लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। ब्रिटेन के सांसदों ने ब्रेक्जिट (BREXIT) के लिए चार संभावित वैकल्पिक योजनाओं को भी नकार दिया है। संसद ने यूरोपीय संघ (EU) के साथ ब्रिटेन की सरकार के तीन समझौतों को खारिज करने के बाद मंगलवार को ब्रेक्जिट के लिए संभावित वैकल्पिक योजनाओं के खिलाफ वोट किया। इन विकल्पों में पहला विकल्प यूरोपीय संघ से बाहर होने के बाद बेहद घनिष्ठ आर्थिक संबंध बनाए रखना था। इसके अलावा अन्य विकल्प पुनः जनमत संग्रह कराना और बिना किसी समझौते के ब्रेक्जिट को रोकना था।

दूसरा जनमत संग्रह कराने के समर्थन में सबसे अधिक 280 मत पड़े लेकिन इसके खिलाफ 292 मत डाले गए। इसके बाद यूरोपीय संघ के साथ स्थायी कस्टम यूनियन में बने रहने के प्रस्ताव के पक्ष में 273 मत पड़े जबकि इसके खिलाफ 276 वोट पड़े। फिर भी इस प्रस्ताव को बहुमत नहीं मिल पाया। मतदान के बाद ब्रिटिश सरकार ने कहा कि नतीजे दर्शाते हैं कि उनकी योजना सर्वश्रेष्ठ थी। सरकार ने यह भी संकेत दिया कि इसे एक बार फिर इस सप्ताह संसद के समक्ष रखा जा सकता है।

ब्रेक्जिट मंत्री स्टीफन बार्कले ने मतदान के बाद सांसदों से कहा कि संसद एक बार फिर किसी भी प्रस्ताव पर बहुमत हासिल करने में नाकाम रही। उन्होंने कहा, अब स्वाभाविक कानूनी स्थिति यह है कि ब्रिटेन बिना किसी समझौते के यूरोपीय संघ से केवल 11 दिनों के भीतर बाहर हो जाए। बार्कले ने बताया कि 12 अप्रैल को बिना समझौते बाहर निकलने का विकल्प, एक लंबा विस्तार होगा जिसका मतलब है कि यूरोपीय संसद के चुनाव कराने होंगे। उन्होंने कहा, अगर हाउस ऑफ कॉमन्स इस सप्ताह समझौते पर राजी हो गया तो शायद यूरोपीय संसद का चुनाव कराने की जरूरत ना पड़े।

वहीं कंजर्वेटिव सांसद निक बोल्ज ने मतदान के बाद पार्टी छोड़ने की घोषणा की। उन्होंने भावुक होते हुए कहा, "मैंने समझौता कराने की पूरी कोशिश की लेकिन मैं विफल रहा। मैं अपनी विफलता को स्वीकार कर रहा हूं। मैं इसलिए विफल रहा क्योंकि मेरी पार्टी ने समझौता करने से इनकार कर दिया। मुझे यह घोषणा करते हुए अफसोस है कि मैं अब और इस पार्टी का साथ नहीं दे सकता।" गौरतलब है कि निक ने ही ब्रेक्जिट के बाद यूरोपीय संघ के साथ घनिष्ठ संबंधों की योजना का प्रस्ताव दिया था।

आपको बता दें कि इस बहस के दौरान कुछ पर्यावरणविदों और पर्यावरण प्रेमियों ने संसद के दर्शक दीर्घा में स्ट्रीप होकर विरोध प्रदर्शन किया।



(भाषा से इनपुट के साथ)


    

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