भारत के गौरव: पहली महिला पायलट सरला ठकराल
गाँव कनेक्शन 16 Feb 2017 4:55 PM GMT
लखनऊ। सरला ठकराल भारत की प्रथम महिला विमान चालक थीं। ये उस वक्त की बात है जब भारत गुलाम देश था और महिलाओं के लिए लोगों के विचार संकीर्ण थे। ऐसे में एक महिला का कार्यक्षेत्र में आना और पायलट बनना ताज्जुब करता है। 1936 में सरला ठकराल एयरक्राफ्ट उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं।
सरला ठकराल का जन्म 15 मार्च को नई दिल्ली, भारत में हुआ था। उन्होंने 1929 में दिल्ली में खोले गए फ़्लाइंग क्लब में विमान चालन का प्रशिक्षण लिया था और एक हज़ार घंटे का अनुभव बटोरा था। दिल्ली के फ़्लाइंग क्लब में उनकी भेंट अपने भावी पति पीडी शर्मा से हुई। विवाह के बाद उनके पति ने उन्हें व्यावसायिक विमान चालक बनने के लिए प्रोत्साहन दिया। पति से प्रोत्साहन पाकर सरला ठकराल जोधपुर फ्लाइंग क्लब में ट्रेनिंग लेने लगी थीं। वर्ष 1936 में लाहौर का हवाईअड्डा ऐतिहासिक पल का गवाह बना जब 21 वर्षीय सरला ठकराल जिप्सी मॉथ नामक दो सीटों वाले विमान को उड़ाया। इस तरह सरला ठकराल भारत की पहली महिला विमान चालक बनीं।
साल 1939 में एक विमान दुर्घटना में उनके पति की मृत्यु हो गई। इसी दौरान दूसरा विश्व युद्ध छिड़ गया और जोधपुर क्लब बंद हो गया। उसके बाद सरला ने अपने जीवन की दिशा बदल ली। माता-पिता ने उनका दूसरा विवाह किया और वे विभाजन के बाद लाहौर से दिल्ली आ गईं। दिल्ली आकार उन्होंने पेंटिंग शुरू की। फिर वे कपड़े और गहने डिज़ाइन करने लगीं और करीब 20 साल तक अपनी बनायी चीजें विभिन्न कुटीर उद्योगों को देती रहीं।
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