कैलाश सत्यार्थी के घर से चोरी हुई नोबल रेप्लिका बरामद,  दिल्ली पुलिस ने तीनों चोरों को पकड़ा

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कैलाश सत्यार्थी के घर से चोरी हुई नोबल रेप्लिका बरामद,  दिल्ली पुलिस ने तीनों चोरों को पकड़ाकैलाश सत्यार्थी के घर से नोबेल शांति पुरस्कार की प्रतिकृति चोरी।

नई दिल्ली। रविवार को दिल्ली पुलिस ने नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के घर में चोरी के मामले को हल कर दिया है| चोर न केवल आभूषण उड़ा ले गए थे बल्कि नोबेल शांति पुरस्कार की प्रतिकृति भी साथ ले गए थे। पुलिस ने इस मामले के संबंध में तीन लोगों को राजन, सुनील और विनोद को गिरफ्तार कर लिया है और सारी चोरी हुई चीजों के साथ साथ नोबेल शांति पुरस्कार की प्रतिकृति भी बरामद कर ली गयी है।

शनिवार को पुलिस ने नोबेल पुरस्कार विजेता के घर पर चोरी में शामिल आरोपियों की पहचान कर ली थी। चोरों ने पूरी तरह से आभूषणों को लूटने के इरादे से घर में प्रवेश किया और साथ ही पडोसी घरो में भी चोरी की। पुलिस ने इससे पहले सत्यार्थी के घर में एक जूता बरामद किया था जो कि अनुमान लगाया जा रहा था की वो चोरों के हो सकते हैं, लेकिन बाद में पता चला कि वो जूता उन आइटम में से था जो के अन्य घरों में से चुराए गए थे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "जूते अन्य मकान के है जो कि चोरों ने छोड़ दिया था क्योंकि उनके अपने बैग में पर्याप्त जगह नहीं था”।

बीती सात फरवरी को सत्यार्थी की गैरमौजूदगी में, उनके आवास से नोबेल पुरस्कार की प्रतिकृति और प्रशस्तिपत्र समेत कीमती सामान को चुरा लिया गया था। सत्यार्थी को अपने घर हुई इस चोरी का पता उस समय चला, जब वह पनामा के राष्ट्रपति, उनकी पत्नी और पनामा में भारतीय राजदूत समेत अन्य पदाधिकारियों के साथ रात्रिभोज कर रहे थे।

बच्चों के अधिकारों के लिए काम करने वाले सत्यार्थी को वर्ष 2014 में नोबल शांति पुरस्कार मिला था। उन्हें और पाकिस्तान की शिक्षा कार्यकर्ता मलाला यूसुफजेई को संयुक्त रुप से यह पुरस्कार दिया गया था। सत्यार्थी ने जनवरी 2015 में अपना नोबेल शांति पुरस्कार का मेडल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को सौंप दिया था।

सत्यार्थी के कार्यालय ने कहा कि असली मेडल संरक्षित है और उसे राष्ट्रपति भवन के संग्रहालय में प्रदर्शन के लिए लगाया गया है। सत्यार्थी ने कल कहा कि वह अपने नोबेल प्रशस्तिपत्र और अपनी मां द्वारा उनकी पत्नी को दिए गए गहनों के चोरी हो जाने से दुखी हैं क्योंकि ये सब चीजें परिवार के लिए कीमती थीं।

   

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