भाजपा से छह साल के लिए निष्कासित दया शंकर सिंह का निष्कासन रद
Sanjay Srivastava 12 March 2017 12:33 PM GMT
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष दया शंकर सिंह का निष्कासन भाजपा ने आज रद कर दिया है। भाजपा नेता ने मायावती पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। जिस परभारतीय जनता पार्टी ने दयाशंकर को छह साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया था।
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भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने यहां बताया कि पिछले साल जुलाई में बसपा मुखिया मायावती के बारे में भद्दी टिप्पणी करने पर पार्टी से निकाले गए सिंह का निष्कासन रद्द करके उन्हें दोबारा पार्टी में वापस ले लिया गया है।
दयाशंकर की पत्नी व प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष स्वाती सिंह लखनऊ के सरोजनी नगर विधान सभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीत गई है।
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था। मऊ में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान दयाशंकर सिंह ने ये कह दिया कि 'मायावती जी एक वेश्या से भी बदतर चरित्र' की हो गई हैं। उन्होंने मायावती पर आरोप लगाया कि वे पैसे की ख़ातिर किसी को टिकट दे सकती हैं और किसी का टिकट काट सकती हैं.
हालांकि मामला तूल पकड़ने पर दयाशंकर सिंह ने माफी भी मांग ली थी लेकिन उन्हें पार्टी से छह साल के लिए निकाल दिया गया था। सिंह के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम तथा भारतीय दंड सहिता की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। बाद में, सिंह को गिरफ्तार किया गया था।
बसपा कार्यकर्ताओं ने लखनऊ के हजरतगंज में जोरदार विरोध प्रदर्शन करते हुए दयाशंकर सिंह की मां, बहन और पत्नी के खिलाफ नारे लगाते हुए आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं। उस प्रदर्शन की अगुवाई बसपा महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने की थी।
इस मामले में सिंह की मां तेतरा देवी की तरफ से हजरतगंज कोतवाली में बसपा मुखिया मायावती, महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी और प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर आदि के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी।
स्वाति ने इन तमाम आरोपियों की गिरफ्तारी ना होने पर सवाल उठाते हुए मायावती के खिलाफ मोर्चा खोला था। इसको लेकर वह सुर्खियों में आयी थीं।
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