जयललिता मौत की जांच की मांग पर संसद में हंगामा, अन्नाद्रमुक सदस्यों ने पोस्टर लहराए और नारेबाजी की 

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   10 March 2017 2:02 PM GMT

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जयललिता  मौत की जांच की मांग पर संसद में हंगामा,  अन्नाद्रमुक सदस्यों ने पोस्टर लहराए और नारेबाजी की संसद।

नई दिल्ली (भाषा)। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की मौत की परिस्थितियों की केंद्र से जांच कराने की मांग पर अन्नाद्रमुक के कुछ सदस्यों ने आज संसद के दोनों सदनों में हंगामा किया और आसन के समक्ष आकर पोस्टर लहराते हुए नारेबाजी की। लोकसभा में इस मुद्दे पर अन्नाद्रमुक के कुछ सदस्यों के हंगामे के कारण बैठक दस मिनट के लिए स्थगित भी की गई।

बजट सत्र के दूसरे चरण में दूसरे दिन निचले सदन में सुबह प्रश्नकाल शुुरू होते ही अन्नाद्रमुक के कुछ सदस्य अपने हाथों में पोस्टर लेकर अध्यक्ष के आसन के समक्ष आ गए। इन पोस्टरों पर जयललिता की फोटो लगी थी और उन पर लिखा हुआ था हम सीबीआई जांच की मांग करते हैं। ये सदस्य आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे, जिस पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि वह उन्हें शून्यकाल में अपनी बात रखने का मौका देंगी। लेकिन अन्नाद्रमुक सदस्य नारेबाजी करते रहे जिस पर अध्यक्ष ने प्रश्नकाल की कार्यवाही करीब दस मिनट के लिए स्थगित कर दी।

सदन की कार्यवाही 11 बजकर 20 मिनट पर फिर से शुरू होने पर अन्नाद्रमुक के एक सदस्य ने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है और इस पर अपनी बात रखने की आसन की ओर से अनुमति नहीं मिलने के विरोध में पार्टी सदस्य सदन से वाकआउट करते हैं। इसके बाद आसन के समक्ष आकर पहले नारेबाजी करने वाले अन्नाद्रमुक के करीब छह सात सदस्य सदन से वाकआउट कर गए। हालांकि अध्यक्ष ने कहा कि वह शून्यकाल में सदस्य को अपनी बात रखने का मौका देंगी।

राज्यसभा में भी हुआ हंगामा

उधर, राज्यसभा में सदन की बैठक शुरू होते ही अन्नाद्रमुक के वी मैत्रेयन सहित तीन सदस्य आसन के समक्ष आकर जयललिता के चित्रों वाला पोस्टर लहराने लगे। वह जयललिता की मौत की परिस्थितियों की जांच केंद्र से कराने की मांग कर रहे थे। बहरहाल, उपसभापति पी जे कुरियन ने जब उन्हें यह आश्वासन दिया कि शून्यकाल में उन्हें यह मुद्दा उठाने की अनुमति दी जाएगी तो वे वापस अपने स्थानों पर चले गए।

बाद में आसन की अनुमति से मैत्रेयन ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि जयललिता जिस दौरान अस्पताल में भर्ती थी, उस दौरान संबंधित अस्पताल की ओर से उनकी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में एक ही दिन में दो परस्पर विरोधी बयान दिए गए। उन्होंने जयललिता की मौत की परिस्थितियों की सीबीआई, न्यायिक या केंद्र से कोई और जांच करवाए जाने की मांग की।

मैत्रेयन जब अपनी अपनी बात रख थे, उस दौरान अन्नाद्रमुक की ही विजला सत्यनाथ लगातार कुछ बोलती रहीं। कुरियन ने उन्हें बार-बार नहीं बोलने के लिए आगाह किया। इस पर भी वह जब नहीं मानीं तो कुरियन ने कुछ सख्ती दिखाते हुए कहा कि वह एक महिला सदस्य हैं इसलिए उनका सम्मान कर रहे हैं, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती।

               

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