स्कूल न जाने वाली लड़कियों के मामले में यूपी पहले स्थान पर

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स्कूल न जाने वाली लड़कियों के मामले में यूपी पहले स्थान परएजुकेशन फांउडेशन की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश की 9.9, राजस्थान की 9.7 फीसदी लड़कियां नहीं जातीं स्कूल।

भोपाल (भाषा)। लड़कियों को छात्रवृत्ति के साथ ही मुफ्त किताबें, गणवेश और साइकिल देने के बावजूद वर्ष 2016 में मध्यप्रदेश का स्थान स्कूल नहीं जाने वाली लड़कियों की संख्या के मामले में देश में तीसरा है। इस सूची में पहले स्थान पर उत्तर प्रदेश और दूसरे क्रम पर राजस्थान राज्य हैं।

राज्यों में शिक्षा के स्तर के बारे में वर्ष 2016 की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘11 से 14 वर्ष के बीच की आयु की लड़कियों की संख्या देश के कुछ राज्यों में 8 प्रतिशत से भी अधिक है। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश 9.9 प्रतिशत तथा राजस्थान 9.7 प्रतिशत के साथ पहले व दूसरे स्थान पर हैं, जबकि मध्यप्रदेश इस सूची में तीसरे स्थान पर है यहां 8.5 प्रतिशत लड़कियां स्कूल नहीं जाती हैं।’’

प्रथम एजुकेशन फांउडेशन द्वारा हाल ही में नई दिल्ली में इस रिपोर्ट को जारी किया गया है। फाउंडेशन के प्रदेश प्रमुख सज्जन सिंह शेखावत ने बताया, ‘‘मध्यप्रदेश में वर्ष 2014 के दौरान स्कूल नहीं जाने वाली लड़कियों का प्रतिशत 6.2 था, जबकि वर्ष 2016 में यह बढ़कर 8.5 प्रतिशत हो गया है।’’ मध्यप्रदेश में लगभग 1.22 लाख स्कूल हैं, जिनमें से 83,962 प्राथमिक, 30,449 माध्यमिक, 3849 हायर सेंकेन्डरी तथा 4764 हाई स्कूल स्तर के हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश के स्कूलों में बुनियादी एवं शैक्षणिक सुविधाएं कमजोर हैं। मध्यप्रदेश के ग्रामीण इलाकों में 7 से 10 वर्ष के बीच आयु समूह की 2.9 प्रतिशत लड़कियां स्कूल नहीं जाती हैं, जबकि 15 से 16 वर्ष के बीच की आयु समूह की 29 प्रतिशत लडकियां गत वर्ष स्कूल नहीं गयीं। रिपोर्ट के अनुसार यह पाया गया कि मध्यप्रदेश की कक्षा आठ के 2.9 प्रतिशत विद्यार्थी अक्षर तक नहीं पढ़ सकते हैं।

स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए कम्प्यूटर नहीं

रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश सरकार एक ओर जहां सूचना प्रौद्योगिकी शिक्षा पर ध्यान दे रही हैं। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के 97.5 फीसदी स्कूलों में विद्यार्थियों के लिये कम्प्यूटर नहीं है। हालांकि, मध्यप्रदेश के स्कूली शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी ने कहा कि वह यह रिपोर्ट देखेंगे।

स्कूल न जाने वाले बच्चों की संख्या बढ़ी

प्रथम फाउंडेशन की रिपोर्ट से भी यह तथ्य सामने आता है कि प्रदेश में स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों (6 से 14 उम्र के) की संख्या वर्ष 2014 से 2016 के बीच बढ़ी है। मध्यप्रदेश में यह 3.4 प्रतिशत से बढ़कर 4.4 प्रतिशत हुयी है।

     

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