भारत में कोविड-19 की तीसरी लहर दूसरी लहर से कम गंभीर होने की उम्मीद: आईसीएमआर

स्कूल खोलना सुरक्षित है या नहीं यह सोचने से ज्यादा महत्वपूर्ण है स्कूल खोलने के लिए अच्छी तैयारी करना। टीचर्स, सपोर्ट स्टाफ, बस ड्राइवर आदि को कोरोना की वैक्सीन लगी होनी चाहिए। कोरोना के सारे प्रोटोकॉल्स का पालन होना चाहिए।

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भारत में कोविड-19 की तीसरी लहर दूसरी लहर से कम गंभीर होने की उम्मीद: आईसीएमआर

कोरोना की तीसरी लहर के शुरूआती संकेत उन राज्यों में दिख रहे हैं जहां दूसरी लहर बहुत तीव्र नहीं थी।

देश के कुछ राज्यों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच आईसीएमआर ने कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर दूसरी लहर की तुलना में कम गंभीर हो सकती है।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महामारी विज्ञान और संचारी रोगों के प्रमुख डॉ समीरन पांडा ने कहा है कि जिन राज्यों पर कोरोना के दूसरी लहर का असर नहीं देखा गया था, वहां अब कोरोना के मामले बढ़ते दिख रहे हैं, जो कोरोना की तीसरी लहर के शुरुआती संकेत हो सकते हैं।

डॉ. समीरन पांडा ने एक इंटरव्यू में कहा कि कोरोना वायरस के बारे में बात करते हुए कहा, "यह जरूरी है कि भारत एक देश के रूप में नहीं बल्कि राज्यों के हिसाब से इसे देखा जाए। क्योंकि भारत के सभी राज्यों में कोरोना की स्थिति एक जैसी नहीं है।"

हर राज्य को अपने कोरोना पीड़ितों की संख्या और महामारी की पहली और दूसरी लहर की तीव्रता को देखना चाहिए, ताकि कोरोना की तीसरी लहर की संभावना के लिए अपनी रणनीति के बारे में फैसला किया जा सके, "डॉ पांडा ने कहा।

पिछले 24 घंटों में देश में कोरोना संक्रमण के 30,941 नए मामले दर्ज किए गए। जिसके साथ देश में कुल एक्टिव मामले 3,70,640 हो गए हैं। पिछले 24 घंटे में 36,275 मरीज ठीक हुए हैं। देश में अब तक कोरोना वैक्सीन के कुल 64,05,28,644 टीके लगाए जा चुके हैं। सबसे ज्यादा कोविड संक्रमण के नए मामले केरल में19,622 दर्ज किए गए हैं।

"कई राज्यों ने दिल्ली और महाराष्ट्र से सीखते हुए, कोविड प्रतिबंध लगाना और टीकाकरण बढ़ाना शुरू कर दिया। इसके चलते कई राज्यों में दूसरी लहर उतनी तीव्र नहीं रही, जिससे तीसरी लहर की गुंजाइश बची। इसलिए, वर्तमान में कुछ राज्यों में कोविड​​​​-19 संक्रमणों की बढ़ती संख्या तीसरी लहर का संकेत दे रही है, "पांडा ने कहा।

कई प्रदेश कोविड-19 प्रोटोकॉल्स के साथ फिर खोल रहे हैं। इस बारे में पांडा ने कहा कि हमें इसे लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। चौथे नेशनल सीरो सर्वे से पता चलता है कि 50 फीसदी से अधिक बच्चे संक्रमित हैं। वयस्कों की तुलना में थोड़े कम। इसलिए हमें अनावश्यक रूप से चिंता करने की जरूरत नहीं है।

पांडा ने कहा कि स्कूल खोलना सुरक्षित है या नहीं यह सोचने से ज्यादा महत्वपूर्ण है स्कूल खोलने के लिए अच्छी तैयारी करना। टीचर्स, सपोर्ट स्टाफ, बस ड्राइवर आदि को कोरोना की वैक्सीन लगी होनी चाहिए। कोरोना के सारे प्रोटोकॉल्स का पालन होना चाहिए।

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