कोरोना संकट में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए वित्तमंत्री ने किए बड़े ऐलान, पढ़िए किसे होगा फायदा
कोरोना काल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक राहत पैकेज के तहत स्वास्थ्य, पर्यटन, कृषि, डिजिटल इंडिया, जैसे कई सेक्टर के लिए आज कई बड़े ऐलान किए हैं।
गाँव कनेक्शन 28 Jun 2021 12:01 PM GMT

Photo: Pib
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना संकट में देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कई बड़े ऐलान किए हैं। वित्त मंत्री ने 1.5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना की घोषणा की।
वित्त मंत्री ने कोविड प्रभावित सेक्टर के लिए 1.1 लाख करोड़ लोन गारंटी स्कीम की घोषणा की है। कोरोना संकट के कारण आयी आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए प्रभावित सेक्टर्स के लिए 1.1 लाख करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया है। हेल्थकेयर सेक्टर को 50,000 करोड़ और दूसरे सेक्टर्स के लिए 60,000 करोड़ रुपये की घोषणा की गई है।
आर्थिक राहत पैकेज
कोविड से प्रभावित सेक्टर के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपए की लोन गारंटी स्कीम। हेल्थ सेक्टर के लिए 50 हजार करोड़ रुपए जबकि अन्य सेक्टर्स के लिए 60 हजार करोड़ रुपए। हेल्थ सेक्टर के लिए लोन पर 7.95% सालाना से अधिक ब्याज नहीं होगी, जबकि अन्य सेक्टर्स के लिए ब्याज 8.25% से ज्यादा नहीं होगी।
हेल्थ सेक्टर के लिए 100 करोड़ का अधितकम लोन राशि
लोन गारंटी स्कीम के तहत हेल्थ सेक्टर के लिए 100 करोड़ का अधितकम लोन राशि रखी गई है। जबकि इस पर अधिकतम ब्याज दर 7.95 फीसदी लगेगा। वहीं, दूसरे सेक्टरों के लिए अधिकतम ब्याज दर 8.25% रखा गया है। इसके कवरेज में जरूरत के हिसाब से बदलाव किया जाएगा।
Rs. 23,220 Cr. for public health, with a sharp focus on child & paediatric care
— PIB India (@PIB_India) June 28, 2021
▪️ Will include HR augmentation to rope in medical students, nurses; strengthening of infra like ICU beds, ambulances, O2 supply, equipment, medicines- Finance Minister @nsitharaman pic.twitter.com/z9GJ7RCbJI
आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत मिलेंगे रोजगार
आत्मनिर्भर भारत योजना को बढ़ाकर 31 मार्च 2022 तक किया जा रहा है। इस योजना से अब तक करीब 21.42 लाख लाभार्थियों के लिए 902 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। योजना के तहत सरकार 15 हजार से कम वेतन वाले कर्मचारियों और कंपनियों के पीएफ का भुगतान करती है। सरकार ने इस स्कीम में 22,810 करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा है जिससे करीब 58.50 लाख लोगों को लाभ मिलेगा। सरकार कर्मचारी-कंपनी का 12%-12% पीएफ का भुगतान करती है।
कृषि क्षेत्र के लिए क्या है
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कृषि क्षेत्र में रबी विपणन सीजन 2020-21 में 389.92 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था। वहीं 2021-22 432.48 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा। 85 लाख करोड़ से ज्यादा का रिकॉर्ड भुगतान किया गया। वहीं, डीएपी समेत सभी तरह के न्यूट्रिशन के लिए सब्सिडी में 14 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का इजाफा किया गया. इससे किसानों को सीधा फायदा मिला।
क्रेडिट गारंटी स्कीम में मिलेगी छूट
छोटे कारोबारी-इंडिविजुअल एनबीएफसी, माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूट से 1.25 लाख तक का लोन ले सकेंगे। इस पर बैंक के एमसीएलआर पर अधिकतम 2% जोड़कर ब्याज लिया जा सकेगा। इस लोन की अवधि 3 साल होगी और सरकार गारंटी देगी। इसका मुख्य मकसद नए लोन को वितरण करना है। 89 दिन के डिफॉल्टर समेत सभी प्रकार के बॉरोअर इसके लिए योग्य होंगे। इस स्कीम का लाभ करीब 25 लाख लोगों को मिलेगा। करीब 7500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया जाएगा। 31 मार्च 2022 तक इसका लाभ मिलेगा।
पर्यटन सेक्टर के लिए क्या है
वित्त मंत्री ने कहा कि पर्यटन का क्षेत्र भारत में काफी महत्वपूर्ण है। ये रोजगार और स्वरोजगार पैदा करता है। वित्तीय सहायता टूरिस्ट गाइड्स और दूसरे स्टेक होल्डर्स के लिए की गई है। कार्यशील पूंजी मिलेगी। व्यक्तिगत कर्ज में भी लाभ मिलेगा। देनदारियों को चुकाने के लिए योजना लाई गई है। साथ ही नया कारोबार शुरू करने में भी ये योजना मदद करेगी। 100 फीसदी गारंटी सरकार की तरफ से दी जाएगी। 10 लाख रुपये प्रति एजेंसी तक दिया जाएगा। वहीं, लाइसेंस्ड टूरिस्ट गाइड को 1 लाख रुपये दिए जाएंगे। इसमें कोई प्रॉसेसिंग चार्ज या क्लोजर चार्ज नहीं देना होगा। ये गारंटी मुक्त योजना है।
Once visa issuance is restarted, the first 5 lakh tourist visas will be issued free of charge. Benefit will be available only once per tourist.
— PIB India (@PIB_India) June 28, 2021
The scheme will be applicable till 31st March 2022, or till 5 lakh visas are issued, whichever is earlier.
- FM @nsitharaman pic.twitter.com/1PADPFCcOg
प्रधानमंत्री ग्रामीण अन्न योजना
प्रधानमंत्री ग्रामीण अन्न योजना के तहत पिछले साल 80 करोड़ लोगों को हर महीने 5 किग्रा चावल और गेहूं अनाज उपलब्ध कराया गया। इस बार भी मई से नवंबर तक देश के गरीबों के लिए ये योजना जारी रहेगी ताकि मुश्किल दौर में कोई भूखा ना रहे। इस बार इस योजना पर 93869 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस तरह पिछले साल और इस साल मिलाकर इस योजना पर कुल खर्च 2 लाख 27 हजार 840 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
पब्लिक हेल्थ के लिए 23220 करोड़ रुपए
इमरजेंसी हेल्थ सर्विसेस के लिए इस साल 23,220 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। पिछले साल 15 हजार करोड़ रुपये इमरजेंसी हेल्थ सर्विसेस को दिया गया था। इसे 900 से ज्यादा कोविड हेल्थ केयर सेंटर बने। वहीं, ऑक्सीजन बेड्स में साढ़े सात गुना वृद्धि, आईसीयू बेड्स की संख्या में 42 गुना बढ़ोतरी हुई।
इस समय बाल चिकित्सा को ध्यान में रखकर तैयारी की जा रही है। बच्चों के लिए आइसीयू बेड्स, स्वास्थ्य उपकरण, दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ये प्रावधान किया गया है। वहीं, टेस्टिंग कैपेसिटी बढ़ाने में भी इसका फायदा मिलेगा। ये रकम मार्च 2022 तक उपलब्ध होगी।
कुपोषण के खिलाफ जंग
कुपोषण से लड़ाई के लिए पोषण अभियान पीएम नरेंद्र मोदी ने चलाया है. वहीं, किसानों की आय दोगुना करने के प्रयास भी जारी हैं। आईसीआर ने बायोफॉटिफाइड किस्में तैयार की हैं। इससे रोगों, कीटों, सूखा और बाढ़ से लड़ने में मदद मिलेगी। इसके अलावा अनाज की 21 किस्में देश को समर्पित करने का फैसला किया गया है। इससे एक ओर किसानों की आय बढ़ने की उम्मीद बढ़ेगी। वहीं, दूसरी ओर देश के बच्चों को पोषक तत्व मिलेंगे और कुपोषण के खिलाफ लड़ाई को बल मिलेगा।
नॉर्थ ईस्टर्न रीजनल एग्रीकल्चर मार्केटिंग कॉरपोरेशन
नॉर्थ ईस्ट के किसानों की मदद के लिए 1982 में इस संगठन का गठन किया गया था। 75 किसान संगठन इस संगठन से जुड़े हैं। यह संगठन किसानों को बिचौलियों-आढ़तियों के मुकाबले 10-15% ज्यादा कीमत उपलब्ध कराते हैं। इस संगठन के रिवाइवल के लिए 77.45 करोड़ रुपए का पैकेज दिया जाएगा।
Revival of North Eastern Regional Agriculture Marketing Corporation (NERAMAC).
— PIB India (@PIB_India) June 28, 2021
Package of ₹77.45 crores proposed for financial restructuring and infusion of funds to NERAMAC.
- FM @nsitharaman pic.twitter.com/ZpWJD3VmIZ
निर्यात को बढ़ावा
निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 33 हजार करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट लाया गया है। इसके तहत नेशनल एक्सपोर्ट इंश्योरेंस अकाउंट के जरिये निर्यात होगा. एनईआईए ट्रस्ट लंबी और मध्यम अवधि के निर्यात के प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा देता है। इसमें जोखिम सुरक्षा का विस्तार हो सकेगा। इसका लाभ निर्यातकों को मिलेगा और निर्यात बढ़ सकेगा।
निर्यात को बढ़ावा देने के लिए क्रेडिट बीमा सेवा ईसीजीसी के जरिये उपलब्ध होती है। लगभग भारत के 30 फीसदी मर्चेंडाइज्ड निर्यातकों के प्रोडक्ट्स को मदद भी करते हैं। कार्यशील पूंजी में 50 फीसदी बढ़ोतरी की गई है। ईसीजीसी अगले 5 साल के लिए 88,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
डिजिटल इंडिया
भारतनेट ब्रॉडबैंड स्कीम के तहत प्रत्येक गांव तक इंटरनेट पहुंचाने के लिए 19041 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस स्कीम का लक्ष्य देश के सभी गांवों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचाना है। 31 मई 2021 तक 2.50 लाख ग्राम पंचायतों में से 1,56,223 गांवों तक ब्रॉडबैंड पहुंच गया है। 61,109 करोड़ रुपए में से अब तक 42,068 करोड़ रुपए की घोषणा 2017 में की गई थी।
बड़ी इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के लिए पीएलआई स्कीम
लार्ज स्केल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरर्स के लिए पीएलआई स्कीम की अवधि को विस्तार दिया गया है। योजना के तहत 6 से 4 फीसदी तक वृद्धिशील बिक्री पर इंसेंटिव तय किए गए थे। इसमें पांच साल की अवधि तय की गई थी। इंसेंटिव 1 अगस्त 2020 से शुरू किए गए थे, जिसके लिए आधार वर्ष 2019-20 को माना गया था, लेकिन आपदा के कारण इसमें बाधा आई। इन परेशानियों के कारण हुई देरी को देखते हुए स्कीम की अवधि को एक साल के लिए बढ़ाते हुए साल 2025-26 तक कर दिए गए हैं। इसमें पांच साल की अवधि मैन्युफैक्चरर्स तय करेंगे।
Production Linked Incentive Scheme to incentivize large-scale electronics manufacturing has been extended by 1 year, till 2025-'26
— PIB India (@PIB_India) June 28, 2021
Investments made in 2020-21 will continue to be covered
Companies can opt to choose any five years for meeting production targets: FM @nsitharaman pic.twitter.com/71exTnz9C6
बिजली सेक्टर में सुधार के लिए 3.03 लाख करोड़ रुपए
बिजली सेक्टर में सुधार के लिए 3.03 लाख करोड़ रुपए की घोषणा की गई. इस पैसे से बिजली वितरण करने वाली कंपनियों, बिजली वितरण से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार किया जाएगा। स्कीम के तहत 25 करोड़ स्मार्ट मीटर, 10 हजार फीडर और 4 लाख किलोमीटर एलटी ओवरहेड लाइन लगाई जाएगी। आईपीडीएस, डीडीयूजीजेवाई और सौभाग्य स्कीम का विलय किया जा रहा है। इस स्कीम में केंद्र की भागीदारी 97,631 करोड़ रुपए होगी. शेष राशि राज्यों की ओर से खर्च की जाएगी।
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