यूपी: शराब माफिया से जान का खतरा जताने के 24 घंटे अंदर पत्रकार की मौत, हत्या का मुकदमा दर्ज

प्रतापगढ़ जिले में पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव 12 जून को शराब माफिया से अपनी जान को खतरा जताया था और 13 जून को उनकी मौत हो गई। मामले को लेकर प्रियंका गांधी वाड्रा समेत विपक्षी नेताओं ने यूपी सरकार पर निशाना साधा है।

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यूपी: शराब माफिया से जान का खतरा जताने के 24 घंटे अंदर पत्रकार की मौत, हत्या का मुकदमा दर्ज

9 जून को सुलभ ने प्रकाशित की थी शराब माफिया के खिलाफ खबर, 12 जून को जताया था अपनी जान को खतरा, 13 को मौत

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में न्यूज चैनल एपीबी गंगा के पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की संदिग्ध परिस्थितियों में एक सड़क हादसे में मौत हो गई। जिस वक्त सुलभ का कथित एक्सीडेंट हुआ वो एक अवैध असलहा फैक्ट्री में छापेमारी की खबर करके लौट रहे थे। अपनी मौत के 24 घंटे पहले उन्होंने शराब माफिया से जान का खतरा बताया था। मामला तूल पकड़ने के बाद पुलिस ने इस मामले में पत्नी रेणुका की शिकायत पर आईपीसी की धारा 302 और 506 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया है।

सुलभ श्रीवास्तव गंभीर रुप से घायल अवस्था में 13 जून की रात प्रतापगढ़ जिले में एक ईंट भट्टे के पास मिले थे। उनके कपड़े फटे हुए थे, शरीर में कई जगह चोट थी। उनकी मोटरसाइकिल भी टूटी हुई थी।

प्रतापगढ़ के अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक (पूर्वी) सुरेंद्र द्विवेदी ने मीडिया को जारी बयान में बताया, "रात 10 से 11 बजे के बीच सुलभ श्रीवास्तव लालगंज से मीडिया करवेज कर प्रतापगढ़ की तरफ वापस आ रहे थे। कटरा चौराहे के पास में स्थित ईंट के भट्टे के पास मोटरसाइकिल से गिर कर घायल हो गए थे। वहां पर मौजूद मजदूरों ने उठाकर उन्हें किनारे किया और मोबाइल में मौजूद फोन नंबर के आधार पर संबंधित और पुलिस को फोन किया। एंबुलेंस से उन्हें जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।"

उन्होंने आगे कहा कि स्थानीय पुलिस के साथ मैं और सीओ सिटी ने घटना स्थल का मुआयना किया गया। प्रथम दृद्टया पाया गया कि वो मोटरसाइकिल से अकेले वापस आ रहे थे। सड़क के किनारे मौजूद खंबा और हैंडपंप से टकराकर मृत्यु होना पाया गया है। घटना के संबंध में अन्य विभिन्न पहलुओं के बारे में विधिक कार्रवाई की जा रही है। जांच जारी है।"

प्रतापगढ़ के पुलिस अधीक्षक आकाश ने एक ट्वीट के जवाब में कहा कि, उन्होंने आज ही 8 दिन की छुट्टी (बीमारी) वापस ड्यूटी ज्वाइन की है और वो इस मामले में व्यक्तिगत रुप से हर दृष्टिकोण से जांच करेंगे।"

सुलभ ने 12 जून को खत लिखकर जताया था जान को खतरा

सुलभ श्रीवास्तव ने 24 घंटे पहले 12 जून को ही अपर पुलिस महानिदेशक प्रयागराज जोन को पत्र लिखकर जान माल की सुरक्षा की गुहार लगाई थी।

उन्होंने खत में लिखा था कि प्राथी ने कुछ दिनों पहले कुंडा, हथिगवां, अंतू समेत कुछ इलाकों में थाना क्षेत्रों में पुलिस द्वारा की गई छापेमारी में अवैध शराब का जखीरा और फैक्ट्री पकड़ी गई थी। जिसके बाद 9 जून को प्रार्थी ने अपने डिटिजल प्लेटफार्म को खबर चलाई थी। इसके बाद मुझे पता चला कि कुछ शराब माफिया मेरी उस खबर को लेकर नाराज है। पिछले दो दिनों से जब मैं घर के बाहर किसी काम से निकलता हूं मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि कोई मेरा पीछा कर रहा है।"

उन्होंने आगे लिखा था, "सूत्रों और चर्चाओं के आधार पर मुझे ऐसा लगता है कि कुछ शराब माफिया जो मेरी खबर से नाखुश हैं मुझे अथवा मेरे परिवार को नुकसान पहुंचा सकते हैं।"

सुलभ श्रीवास्तव का लिखा खत।

सुलभ की मौत को लेकर उठ रहे सवालों के बीच एबीपी न्यूज के इलाहाबाद में पत्रकार मो. मोईन ने अपने चैनल पर चर्चा में कहा कि, " सुलभ की शर्ट और पैंट खुली हुई थी, शरीर में कई जगह चोट के निशान थे। जिन शराब माफियाओं से उन्होंने जान को खतरा बताया था वो पुलिस के साथ मिलकर काम करते थे। शराब माफिया और पुलिस के गठजोड़ का खुलासा दो महीने पहले एडीजी जोन प्रेम प्रकाश की जांच में हुआ था, जिसमें सिपाही से लेकर एडिशनल एसपी तक पर कार्रवाई हुई थी। इस मामले में किसी दूसरी एजेंसी या दूसरे जिले की पुलिस से जांच करानी चाहिए और सुलभ के परिजनों के बयान और उनके लेटर पर संज्ञान लेना चाहिए।"

पत्नी की शिकायत पर आईपीसी की धारा 302 और 506 के तहत दर्ज किया गया मुकदमा।

इसी बीच सोशल मीडिया पर एक चश्मदीद का वीडियो भी चलाया जा रहा है। कुछ मीडिया कर्मियों से बात करते हुए वो कह रहे हैं, "मैंने देखा कि एक्सीडेंट हो गया है। वो लड़ गए और लड़कर यहां गिरे। मैंने देखा, मैं वहां बैठा था। लालगंज की तरफ से आ रहे थे, मोटरसाइकिल से पहले खंबे में लड़े। फिर पांच आदमी (मजदूर) आए और उन्हें उठाकर वहां रखा।"

37 साल के सुलभ श्रीवास्तव प्रतापगढ़ शहर के सहोदरपुर पश्चिम इलाके में रहते थे। वो अपने पीछे पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गए हैं।

सुलभ श्रीवास्तव की पत्नी ने पति की मौत को लेकर सवाल उठाते हुए न्याय दिलाने की मांग की है।

प्रियंका गांधी और संजय सिंह ने साधा निशाना

सुलभ की मौत को लेकर विपक्षी दलों से यूपी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर सवाल उठाए हैं। "शराब माफिया अलीगढ़ से प्रतापगढ़ तक, पूरे प्रदेश में मौत का तांडव करें। उप्र सरकार चुप। पत्रकार सच्चाई उजागर करे, प्रशासन को खतरे के प्रति आगाह करे। सरकार सोई है। क्या जंगलराज को पालने-पोषने वाली उप्र सरकार के पास पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव जी के परिजनों के आंसुओं का कोई जवाब है?"

वहीं आम आदमी पार्टी के नेता और सांसद संजय सिंह ने कहा कि " एबीपी न्यूज़ के पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की निर्मम हत्या। शराब माफियाओं के ख़िलाफ़ खबर चलाने के कारण यूपी में एक पत्रकार की हत्त्या हो जाती है जबकि एक दिन पहले सुलभ जी ने ADG को पत्र लिखकर हत्या की आशंका जताई थी लेकिन सब सोते रहे।"

वहीं प्रतापगढ़ से बीजेपी के लोकसभा सांसद संगललाल गुप्ता ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खत लिखकर पत्नी के लिए नौकरी और आवास देने की मांग की है। उन्होंने शराब माफियों पर सख्त कार्रवाई के लिए भी लिखा है।

बीजेपी सांसद संगम लाल गुप्ता ने लिखा सीएम योगी को खत


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