लखीमपुर खीरी हिंसा: सभी मृतकों के परिवारों को मिलेंगे 45-45 लाख रुपए और परिवार एक सदस्य को सरकारी नौकरी

लखीमपुर हिंसा मामले में किसान संगठन और सरकार के बीच समझौता हो गया है, सरकार मृतकों के परिवार को 45-45 लाख रुपए और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी, जबकि घायलों को 11-11 लाख रुपए दिए जाएंगे।

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लखीमपुर खीरी हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई, जिसमें 4 किसान सहित 3 भाजपा कार्यकर्ता भी शामिल हैं। किसानों की मौत के बाद किसान संगठन और विपक्षी पार्टियों के नेता मृतक किसानों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे थे।

ऐसे में एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने कहा, "सरकार मृतकों के परिवार को 45-45 लाख रुपए और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी, जबकि घायलों को 11-11 लाख रुपए दिए जाएंगे।"

राकेश टिकैत ने कहा, 'पहली बात हुई है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का नाम एफआईआर में दर्ज हुआ है, 10-11 दिन का जो समय प्रशासन ने मांगा है अगर उसके अंदर का कार्रवाई नहीं की गई तो हम पंचायत करेंगे, हम किसानों के दाह संस्कार तक यही रहेंगे और पांच डॉक्टरों की निगरानी में पोस्टमॉर्टम होगा और उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी।"

गृह राज्य मंत्री ने हिंसा में मारे गए भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए 50 लाख रुपए की मांग की है, उन्होंने कहा कि यह मामला सीबीआई, सीआईटी या फिर रिटायर्ड जज से इसकी जांच करवानी चाहिए और आरोपियों पर सख्त कार्यवाही करनी चाहिए।

राकेश टिकैत ने सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि हमारी मांग है कि मंत्री को बर्खास्त किया जाए, मंत्री के बेटे को गिरफ्तार किया जाए और मंत्री को मुख्य साजिशकर्ता मानते हुए 120बी के तहत कार्यवाही की जाए और मृतक किसानों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए और न्याय दिया जाए। तब तक तो शवों का अंतिम संस्कार किया जाएगा और न ही पोस्टमार्टम होगा।

जबकि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जिन किसानों की जान गई है उनको दो करोड़ रुपए की मदद हो और परिवार को सरकारी नौकरी मिले।"

बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने भी मृतकों के परिवारों के लिए 1 करोड़ रुपए मुआवजे की मांग की थी।

अब तक, उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख विपक्षी नेताओं - अखिलेश यादव, और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को लखीमपुर खीरी जिले का दौरा करने से रोकने के बाद गिरफ्तार किया गया है, जहां चार किसानों और सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

कांग्रेस पार्टी की नेता प्रियंका गांधी गाड़ी से लखीमपुर की ओर रवाना हुईं और उन्हें जब बीच रास्ते में रोका गया तो वे पैदल ही सड़क पर चल दीं। सोशल मीडिया पर कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो से ये स्पष्ट नहीं था कि वे कितनी दूर पैदल चलीं। एक और वीडियो में दिखाया गया कि उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से इस पर कोई बयान अभी उपलब्ध नहीं है।

"उसे सुबह करीब 5 बजे गिरफ्तार किया गया था। वह संघर्ष स्थल से केवल तीस-चालीस किलोमीटर दूर थी। दीपेंद्र हुड्डा [भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सांसद], धीरज गुर्जर जी [एआईसीसी राष्ट्रीय सचिव], उनके निजी सहायक, और अजय कुमार लल्लू जी [उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष] को भी गिरफ्तार किया गया, "नोएडा स्थित पंखुड़ी पाठक, सामाजिक मीडिया विभाग कांग्रेस ने गांव कनेक्शन को बताया।

"वे अब किसी को सीतापुर या लखीमपुर तक नहीं पहुंचने दे रहे हैं। हमारी पार्टी के कई कार्यकर्ताओं को लखनऊ और सीतापुर सीमा पर गिरफ्तार किया गया है।

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह को हिरासत में लिया गया है. "उन्हें [संजय सिंह] कल रात 2:30 बजे हिरासत में लिया गया था। उन्हें बिसवा (सीतापुर के पास) एक गेस्ट हाउस में हिरासत में लिया गया है। किसी को भी उनसे मिलने की अनुमति नहीं है, "पार्टी प्रवक्ता ने गांव कनेक्शन को बताया।

उन्होंने कहा, 'हम मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हैं और मंत्री के बेटे और मंत्री को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाना चाहिए। हमारा विरोध आधिकारिक तौर पर दोपहर 1 बजे सभी जिला मुख्यालयों पर शुरू होगा।

कथित तौर पर, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे के खिलाफ लखीमपुर खीरी में संघर्ष स्थल पर किसानों का विरोध करने पर कार चलाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है।

3 अक्तूबर को राज्य मंत्री अजय मिश्रा के गांव में उनके पिता जी की स्मृति में दंगल था, जिसमें डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या शामिल हो रहे थे, उनका लिए मंत्री के गांव से 3 किलोमीटर पहले हेलीपेड बनाया था था,जहां किसानों से सुबह से कब्जा कर लिया था।

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आने का विरोध कर रहे किसानों के प्रदर्शन के बाद कल केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा "टेनी" की गाड़ी के नीचे कुचल गए चार किसानों की घटनास्थल पर या अस्पताल में मौत हो गयी। इसके बाद उग्र भीड़ के सदस्यों ने गाड़ी में मौजूद तीन भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों और ड्राइवर को सड़क के किनारे लाठियों से पीट पीट कर मार डाला।

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