अगले पांच दिनों में कई राज्यों में तेज हवाओं के साथ हो सकती है बारिश
गाँव कनेक्शन | Apr 12, 2021, 15:48 IST
आने वाले 5 दिनों में मध्य प्रदेश, विदर्भ, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और झारखंड में अगले 24 घंटे में आंधी और तेज हवाओं के साथ बारिश हो सकती है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ( आईएमडी) के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के अनुसार 14 से 16 अप्रैल, 2021 के दौरान तमिलनाडु और केरल के दक्षिणी और घाट क्षेत्रों और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में छिटपुट स्थानों पर भी भारी वर्षा होने का अनुमान है।
14 -17 अप्रैल के दौरान एक ताजा सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ से पश्चिमी हिमालय क्षेत्र तथा 15 -17 अप्रैल के दौरान समीपवर्ती मैदानी क्षेत्रों के प्रभावित होने का अनुमान है। इससे 14-17 अप्रैल के दौरान पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र के ऊपर आंधी, बिजली चमकने तथा तेज हवाओं (30-40 किलोमीटर प्रति घंटे) के साथ छिटपुट से व्यापक वर्षा होने का अनुमान है और 15-17 अप्रैल के दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों में अलग-अलग स्थानों पर आंधी, बिजली चमकने तथा तेज हवाओं (30-40 किमी प्रति घंटे) के साथ हल्की छिटपुट बारिश होने की अनुमान है।
14 अप्रैल को जम्मू, कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद और हिमाचल प्रदेश में छिटपुट स्थानों पर ओलावृष्टि का भी अनुमान है। 15 व 16 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद में भी छिटपुट स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है। 14 और 15 अप्रैल, 2021 को पश्चिम राजस्थान में अलग-थलग स्थानों पर धूल भरी आंधी आने का अनुमान है।
देश के अधिकांश हिस्सों में आंधी जैसी गतिविधियों के कारण, अगले 4-5 दिनों में देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान में कोई उल्लेखनीय परिवर्तन होने का अनुमान नहीं है। हालांकि 12 अप्रैल को सौराष्ट्र और कच्छ के अलग-अलग क्षेत्रों में गरम हवा चलने का अनुमान है।
अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद और केरल और असम और मेघालय व ओडिशा, मध्य महाराष्ट्र, उत्तर आंतरिक कर्नाटक और तमिलनाडु, पुदुचेरी और कराईकल और कर्नाटक में छिटपुट स्थानों पर वर्षा/गरज के साथ बौछारों का अवलोकन किया गया।
उत्तरी पाकिस्तान और उससे सटे जम्मू-कश्मीर पर ताजा पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है। एक और पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी अफगानिस्तान और उससे सटे पाकिस्तान के ऊपर है। चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण पश्चिम मध्य प्रदेश और आसपास के क्षेत्र में देखा जा सकता है। दक्षिण पश्चिम मध्य प्रदेश पर बने हुए चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र से केरल तक एक निम्न दबाव की रेखा मराठवाड़ा और आंतरिक कर्नाटक से होती हुई गुजर रही है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ( आईएमडी) के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के अनुसार 14 से 16 अप्रैल, 2021 के दौरान तमिलनाडु और केरल के दक्षिणी और घाट क्षेत्रों और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में छिटपुट स्थानों पर भी भारी वर्षा होने का अनुमान है।
14 -17 अप्रैल के दौरान एक ताजा सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ से पश्चिमी हिमालय क्षेत्र तथा 15 -17 अप्रैल के दौरान समीपवर्ती मैदानी क्षेत्रों के प्रभावित होने का अनुमान है। इससे 14-17 अप्रैल के दौरान पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र के ऊपर आंधी, बिजली चमकने तथा तेज हवाओं (30-40 किलोमीटर प्रति घंटे) के साथ छिटपुट से व्यापक वर्षा होने का अनुमान है और 15-17 अप्रैल के दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों में अलग-अलग स्थानों पर आंधी, बिजली चमकने तथा तेज हवाओं (30-40 किमी प्रति घंटे) के साथ हल्की छिटपुट बारिश होने की अनुमान है।
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14 अप्रैल को जम्मू, कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद और हिमाचल प्रदेश में छिटपुट स्थानों पर ओलावृष्टि का भी अनुमान है। 15 व 16 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद में भी छिटपुट स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है। 14 और 15 अप्रैल, 2021 को पश्चिम राजस्थान में अलग-थलग स्थानों पर धूल भरी आंधी आने का अनुमान है।
देश के अधिकांश हिस्सों में आंधी जैसी गतिविधियों के कारण, अगले 4-5 दिनों में देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान में कोई उल्लेखनीय परिवर्तन होने का अनुमान नहीं है। हालांकि 12 अप्रैल को सौराष्ट्र और कच्छ के अलग-अलग क्षेत्रों में गरम हवा चलने का अनुमान है।
#WeatherUpdate: Scattered to fairly widespread rainfall with thunderstorm, lightning & gusty winds very likely over SW Peninsular India during next 5 days; Isolated heavy rainfall also likely over South & Ghat areas of TN & Kerala during 14-16th April
🌧️https://t.co/Z2DQVCmo57
— PIB India (@PIB_India) April 12, 2021
उत्तरी पाकिस्तान और उससे सटे जम्मू-कश्मीर पर ताजा पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है। एक और पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी अफगानिस्तान और उससे सटे पाकिस्तान के ऊपर है। चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण पश्चिम मध्य प्रदेश और आसपास के क्षेत्र में देखा जा सकता है। दक्षिण पश्चिम मध्य प्रदेश पर बने हुए चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र से केरल तक एक निम्न दबाव की रेखा मराठवाड़ा और आंतरिक कर्नाटक से होती हुई गुजर रही है।