कोविड टीकाकरण: राजस्थान में गांवों में कैंप लगाए जाने से टीकाकरण मुहिम पर क्या असर पड़ा है?

कोरोना महामारी से बचाने के लिए देशभर में टीकाकरण अभियान चल रहा है। लेकिन टीकाकरण को लेकर समस्याएं भी बनीं हुई है। कहीं वैक्सीन नहीं है तो कहीं काफी दूर जाकर टीका लगवाना पड़ रहा है। लेकिन राजस्थान में हालात थोड़े अलग हैं।

Divendra SinghDivendra Singh   6 May 2021 1:22 PM GMT

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कोविड टीकाकरण: राजस्थान में गांवों में कैंप लगाए जाने से टीकाकरण मुहिम पर क्या असर पड़ा है?

राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के शेरपुर उप स्वास्थ्य केंद्र पर चल रहा टीकाकरण अभियान। फोटो: अरेंजमेंट

देशभर में कोविड महामारी के बीच टीकाकरण जारी है। देश में टीकाकरण में बेहतरीन काम करने वाले राज्यों की बात करें तो 6 मई तक एक करोड़ 67 लाख टीकों के साथ महाराष्ट्र नंबर एक तक तो दूसरे पर राजस्थान है, जहां एक करोड़ 35 लाख टीके लग चुके हैं। इतना ही नहीं देश में जो 18 साल के ऊपर वाले लोगों को 9 लाख टीके लगे हैं उसमें भी राजस्थान (1,79,971) दूसरे नंबर पर है।

राजस्थान में टीकाकरण में इस तेजी की वजह ग्रामीण स्तर पर लगाए जाने वाले टीका कैंप को बताया जा रहा है।

पिंकी कांवरिया आजकल हर दिन गाँव में घूम-घूम कर लोगों को कोरोना वैक्सीनेशन के फायदे बताती हैं कि वैक्सीन लगाकर किस तरह से कोविड महामारी से बचा जा सकता है।

25 वर्षीय पिंकी कांवरिया राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले में शेरपुर ग्राम पंचायत के उप स्वास्थ्य केंद्र पर एएनएम के पद पर कार्यरत हैं। पिंकी बताती हैं, "हमारे यहां गाँव के ही उप स्वास्थ्य केंद्र पर वैक्सीन लग रही है, पहले तो लोग वैक्सीन लगाने के लिए तैयार ही नहीं थे, लेकिन धीरे-धीरे अब लोगों को समझ में आ रहा है। अभी तक गाँव में पांच कैंप लग चुके हैं, जिसमें 45-60 और 60 से ऊपर के लोगों को वैक्सीन लगी है।"

गाँवों में घर-घर जाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। फोटो: अरेंजमेंट

कोरोना महामारी की दूसरी लहर में देश भर में कोरोना टीकाकरण तेजी से जारी है।

दूसरे कई राज्यों में ग्रामीण क्षेत्रों में गाँव से कई किमी दूर वैक्सीनेशन कैंप लग रहे हैं, वहीं राजस्थान के गाँवों में स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र पर ही टीका लग रहा है। एएनएम, आशा सहयोगिनी, सरकारी विद्यालयों के अध्यापकों को घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करने का काम दिया गया है।

सवाईमाधोपुर जिले की शेरपुर ग्राम पंचायत के सरपंच ओम प्रकाश (33 वर्ष) गाँव कनेक्शन से बताते हैं, "हमारी ग्राम पंचायत में दो उप स्वास्थ्य केंद्र बने हुए हैं, दोनों पर ही वैक्सीनेशन चल रही है, अभी तक पांच कैंप लग गए हैं, अभी गाँव में जितने भी 45 से ऊपर के लोग हैं, मान के चलो कि उसके 50 पर्शेंट लोगों ने वैक्सीन लगवा ली है। शुरू में ज्यादा परेशानी हुई थी, कोई आने को तैयार नहीं था, लेकिन अब धीरे-धीरे लोग आने लगे हैं।"

शेरपुर ग्राम पंचायत में 20-25 दिनों में 20 मौतें हो गई हैं, ओम प्रकाश के अनुसार इन सभी में कोविड के लक्षण थे।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, 6 मई तक राजस्थान में 1,11,67,216 लोगों को वैक्सीन का पहला डोज दिया गया है, जबकि 24,30,151 लोगों को दूसरा डोज मिला है, इस तरह से कुल 1,35,97,367 लोगों का वैक्सीनेशन हो गया है।

वैक्सीनेशन में पहले नंबर पर महाराष्ट्र 1,67,81,719 लोगों को वैक्सीन लग गई है, दूसरे नंबर पर राजस्थान 1,35,97,367, तीसरे नंबर पर गुजरात 1,32,31,478 और चौथे नंबर पर 1,31,75,325 उत्तर प्रदेश है।

जन स्वास्थ्य अभियान से जुड़ी राजस्थान की छाया पचौली गाँव कनेक्शन को बताती हैं, "राजस्थान में जो गाँव-गाँव जाकर सब सेंटर पर वैक्सीनेशन शुरू की गई है, अच्छी पहल है।"

आशा सहयोगिनी घर-घर जाकर लोगों की जानकारी इकट्ठा कर रही हैं। फोटो: अरेंजमेंट

वो आगे कहती हैं, "लेकिन जो मुझे लगता है अभी भी गाँव में वैक्सीन को लेकर लोगों में डर है, वो अभी भी नहीं जा रहा है, क्योंकि जिस तरह से गाँव-गाँव में वैक्सीन लगनी शुरू हुई, उस तरह से लोग नहीं आ रहे हैं। मन में अभी भी लोगों के संदेह है, इसलिए गाँव में जाकर लोगों को जागरूक करना और लोगों के मन की शंका को जब तक दूर नहीं किया जाएगा, तब तक कितना भी गाँव में टीकाकरण शुरू हो जाए लोगों को जिस तरह से आना चाहिए लोग नहीं आ रहे हैं। क्योंकि आप किसी को जबर्दस्ती नहीं ला सकते हैं, जब तक लोग खुशी से खुद न आ जाएं।"

शेरपुर से लगभग 545 किमी दूर सिरोही जिले के गुलाबगंज गाँव में भी उप स्वास्थ्य केंद्र पर टीका लगाया जा रहा है। यहां के गोविंद वैष्णव (25 वर्ष) की मां याचना वैष्णव (53 वर्ष) इसी गाँव में आशा सहयोगिनी के पद पर हैं, लेकिन पिछले कई दिनों से इनका पूरा परिवार कोविड पॉजिटिव है।

गुलाबगंज में टीकाकरण की स्थिति के बारे में गोविंद बताते हैं, "मेरी मम्मी आशा सहयोगिनी हैं तो उन्हीं की जिम्मेदारी थी कि गाँव के घर-घर जाकर लोगों को वैक्सीनेशन के लिए बुलाना और उन्हें इसके बारे में जागरूक भी करना।"

वो आगे कहते हैं, "गाँव में शुरू में वैक्सीन लेने के लिए लोगों को बहुत समझाना पड़ा। कई लोगों को उनके अपनों ने ही मना किया था। मैंने उनको उदाहरण दिया कि प्राइम मिनिस्टर लगवा रहा है, चीफ मिनिस्टर लगवा रहा है, लेकिन फिर लोग नहीं मान रहे थे। कुछ लोग तो मेरे मुंह पर बोलकर गए कि साठ से ज्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीन इसलिए दे रहे हैं कि वो मर जाए और उन्हें पेंशन न देनी पड़े।"


गोविंद के मुताबिक एक तो लोगों में वैक्सीन लगवाने को लेकर जागरुकता नहीं है ऐसे में अगर वैक्सीन कैंप दूर हुए तो लोग और नहीं जाएंगे, ऐसे में गांव में कैंप लगने का फायदा ये भी है कि बुजुर्ग भी आसानी से पहुंच जाते हैं।

वो कहते हैं, "गांव में वैक्सीन लगने का ये फायदा है कि लोग 10 मिनट में पहुंच जाते हैं। मेरे घर में पापा, मम्मी और ताऊ जी को वैक्सीन लग गई है, पहले डोज को लगे डेढ़ महीने से ज्यादा हो गए लेकिन अभी सेकंड डोज नहीं लगा है, "गोविंद ने आगे बताया।

छाया पचौली गांवों में स्वास्थ्य उपकेंद्र में हो रहे टीकाकरण को अच्छा मानती हैं लेकिन वहां इन सेंटर में कुछ सुविधाएं देनी की वकालत करती हैं। साथ ही वो आशा वर्कर के साथ टीकाकरण जागरुकता अभियान में अन्य लोगों के सहयोग लेने की भी बात करती हैं।

"मुझे लगता है कि जो आशा वर्कर हैं उनकी बात तो लोग सुनेंगे, लेकिन सरपंच, वार्ड सरपंच, गाँव के प्रभावशाली लोग और धार्मिक गुरु जैसे लोग जागरूक करने के लिए आगे आए तो इसका असर ज्यादा अच्छे से पड़ेगा, क्योंकि जो शंका है वो बुजुर्गों में ज्यादा है, इसलिए इन्हें समझाने के लिए गाँव के प्रभावशाली लोगों भी आगे आना चाहिए। हमें हर चीज आशा पर ही नहीं छोड़ना चाहिए, वो अकेले कितना कुछ संभालेगी, "छाया पचौली ने आगे कहा।

पंचायत स्तर पर सरपंच गाँवों में सेनिटाइजर बांट रहे हैं। फोटो: अरेंजमेंट

राजस्थान में बुधवार, 5 मई को कोरोना संक्रमण के 16,815 नये मामले सामने आये जबकि संक्रमण से 155 और मरीजों की मौत हो गयी। राज्य में अभी 1,96,683 कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि कोरोना से अब तक कुल 5,021 लोगों की जान जा चुकी है।

सिरोही के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश कुमार बताते हैं, "वैक्सीनेशन चल रहा है, बीच में वैक्सीन खत्म हो गई थी, अभी आज फिर पांच हजार वैक्सीन मिल जाएगी, जैसे ही वैक्सीन मिल जाती है फिर से वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगी। हमने जिले के 150 जगह पर वैक्सीनेशन शुरू की है, लेकिन वैक्सीन खत्म होने से वैक्सीनेशन रुक गया है।"

एक मई से टीकाकरण के तीसरे चरण में 18 से साल से ऊपर के लोगों को देश में 4 मई की रात 8 बजे तक 9,02,731 वैक्सीनेशन हुआ, इसमें राजस्थान के 1,79,971 लोग शामिल हैं। 12 राज्यों और केंद्रशासित राज्यों में इस वर्ग में राजस्थान से ऊपर केवल गुजरात है जहां 1,96,856 टीके लगे हैं। स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय के अनुसार वहीं देश में कुल टीकाकरण की बात करें तो कोविड-19 टीके की कुल 16.24 करोड़ खुराक दी हई है।

राजस्थान के झुंझनू जिले की तहसील सूरतगढ़ के झाझड़िया की ढाणी में रहने वाले उमेश झाझड़िया के मुताबिक उनके यहां टीकाकरण तो जारी है लेकिन पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध नहीं है।

उमेश गांव कनेक्शन को फोन पर बताते हैं, "हमारे सवा सौ घरों में फिलहाल तो कोई कोविड का केस नहीं है लेकिन जिले में पिछले 6-7 दिनों में काफी केस बढ़े हैं जिसके बाद कई गांवों को पूरी तरह सील किया गया है। राजस्थान में सरकार थोड़ी एक्टिव है, टीकाकरण भी चल रहा है लेकिन पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध नहीं है।

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