देश में 107 मिलियन टन रिकॉर्ड चावल उत्पादन का अनुमान, गेहूं का लक्ष्य 110 मिलियन टन

मुश्किलों से जूझते हुए भी देश का किसान खूब उत्पादन कर रहा है। सरकार के अग्रिम अनुमान के मुताबिक 2021-22 के खरीफ सीजन में 150.50 मिलियन टन रिकॉर्ड खाद्यान पैदा होगा। इस वर्ष के लिए गेहूं उत्पादन लक्ष्य 110 मिलियन टन है।

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
देश में 107 मिलियन टन रिकॉर्ड चावल उत्पादन का अनुमान, गेहूं का लक्ष्य 110 मिलियन टन

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने बताया देश में रबी और खरीफ सीजन में अनाज उत्पादन का लेखा जोखा।

नई दिल्ली। कृषि मंत्रालय 2021-22 के लिए मुख्य खरीफ की फसलों के उत्पादन का प्रथम अग्रिम अनुमान जारी किया। जिसके मुताबिक देश में खरीफ सीजन में 150.50 मिलियन टन रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन का अनुमान है। जिसमें 107.04 मिलिटन टन चावल का उत्पादन अनुमानित है जो एक रिकॉर्ड है।

उधर, देश में अक्टूबर के आखिरी हफ्ते से गेहूं की बुवाई शुरु होने जा रही है। सरकार ने साल 2021-22 के लिए गेहूं उत्पादन का लक्ष्य 110 मिलियन टन रखा है। साल 2020-21 के चौथे अनुमान के मुताबिक 31.61 मिलियन हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई हुई थी और 109.52 मिलियन टन का उत्पादन हुआ था। रबी और खरीफ मिलाकर कुल अनाज उत्पादन का लक्ष्य 307.33 मिलियन टन अनुमानित है।

कृषि भवन में आयोजित रबी फसलों के लिए आयोजित राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने रबी की फसलों की तैयारियों पर चर्चा की की। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि देश में खरीफ सीजन बेहतर रहा है। रबी सीजन की दृष्टि से राज्यों की अपेक्षाओं को केंद्र सरकार पूरा कर रही है। कृषि क्षेत्र में कई चुनौतियां है, जिन पर परस्पर सहयोग हम लक्ष्य की ओर आगे बढ़ सकेंगे।"

साल 2021-22 के लिए खाद्यान लक्ष्य

राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन में कृषि उत्पादन आयुक्त डा. एस.के. मल्होत्रा ने प्रेजेन्टेशन के माध्यम से खरीफ में फसलों की वर्तमान स्थिति तथा आगामी रबी सीजन का परिदृश्य बताया। जिसके मुताबिक देश में साल 2021-22 में रबी और खरीफ मिलाकर कुल अनाज उत्पादन का लक्ष्य 307.33 मिलियन टन अनुमानित है। जिसमें सबसे ज्यादा भागीदारी धान की है। धान के लिए खरीफ (104.30मिलियन टन) और रबी (16.80) को मिलाकर कुल लक्ष्य 121.10 मिलियन टन है। रबी और खरीफ मिलाकर 25 मिलियन टन दलहन पैदा करने का लक्ष्य जबकि तिलहन के लिए लक्ष्य 38.40 मिलियन टन है। रबी और खरीफ को मिलाकर तिलहन का उत्पादन 38.40 मिलियन टन अनुमानित है, जिसमें सरसों का उत्पादन 10.2 मिलियन टन है।


सरकार ने ये भी बताया है कि रबी सीजन के लिए गेहूं के 140.89 लाख कुंटल बीज की जरुरत होगी जिसके सापेक्ष में 152.1 लाख कुंटल यानि करीब 11.12 फीसदी गेहूं का अतिरिक्त बीज है। सरसों के लिए 2.51 लाख कुंटल बीज के अनुमान के मुकाबले करीब 2.67 लाख कुंटल बीज है।

सरकार ने रासायनिक खादों के लिए मांग और उपलब्धता का अनुमानित आंकड़ा जारी किया है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के मुताबिक साल 2020-21 में करीब 172.60 लाख टन यूरिया की खपत हुई जबकि अनुमानित आवश्यकता 190.60 लाख टन आंकी गई थी। साल 2021-22 के लिए 181.65 लाख टन की आवश्यकता अनुमानित है। इसी तरह साल 2020-21 में 56.15 लाख टन डीएपी अनुमान था जबकि खपत 65.15 लाख टन की हुई थी। 2021-22 के लिए 58.71 लाख टन डीएपी की जरुरत अनुमानित है।


बॉयो फर्टीलाइजर का उपयोग कर रासायनिक खादों में 20-25 फीसदी की बचत

सम्मेलन में केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि खेती में पानी, बिजली व रासायनिक उर्वरकों की खपत कम करने के लिए राज्यों से प्रयत्न करने का आग्रह करते हुए कहा कि इससे खेतों व किसानों के साथ देश को भी फायदा होगा। उन्होंने नैनो यूरिया का उपयोग बढ़ाने पर ध्यान देने का आग्रह किया, जो कम खर्चीला है और मृदा स्वास्थ्य बेहतर रहता है। सरकार ने अनुमान लगाया है कि बॉयो फर्टीलाइजर का उपयोग कर रासायनिक खादों में 20-25 फीसदी की बचत की जा सकती है।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार रबी सीजन के लिए राज्यों को पूरी मदद कर रही है। तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है,रहेगी। प्रधानमंत्री ने समग्रता को समेटे हुए कई योजनाओं का सृजन किया है, ताकि कृषि में उत्पादन-उत्पादकता बढ़े और देश को महारथ हासिल हो। केंद्र सरकार निरंतर काम कर रही है, जिसके अच्छे परिणाम परिलक्षित हो रहे हैं। किसानबंधु कठोर परिश्रम कर रहे हैं।


सरकार ने सस्ते ऋण की व्यवस्था की, सवा दो करोड़ से ज्यादा KCC बांटे: तोमर

तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कम ब्याज पर किसानों को ऋण देने की व्यवस्था की है, ताकि वे बिना परेशानी के खेती कर सकें। उनके निर्देश पर किसान क्रेडिट कार्ड द्वारा किसानों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। सवा दो करोड़ से ज्यादा केसीसी वितरित किए जा चुके हैं, जिनके माध्यम से किसानों को सवा दो लाख करोड़ रूपए से ज्यादा ऋण दिया गया है।

एनएसओ की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक देश में प्रति किसान परिवार पर 74121 रुपए का लोन है। जो पांच साल पहले 47000 रुपए था।

कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि(पीएम-किसान) योजना के माध्यम से किसानों को आय सहायता का बहुत महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है,जिसमें अब तक 11.37 करोड़ लाभार्थियों को 1.58 लाख करोड़ रू. दिए जा चुके हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना बड़ा सुरक्षा कवच है, जिसका फायदा किसानों को मिल रहा है। तोमर ने सभी छोटे किसानों तक विभिन्न योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार दलहन-तिलहन-आयल पाम के लिए मिशन मोड पर काम कर रही है, जिससे आयात पर निर्भरता कम होगी।

कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि देश में खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य हासिल किया जा रहा है। रबी सीजन के लिए केंद्र सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य भी समय से पूर्व घोषित कर दिया गया है, ताकि किसानों को लाभ मिल सकें। उर्वरक सचिव राजेश कुमार चतुर्वेदी ने भी संबोधित किया। केंद्र सरकार ने गेहूं की एमएसपी 2015 रुपए कुंटल तय की है जो पिछले साल की अपेक्षा 40 रुपए अधिक है।

कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के सचिव व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र ने कहा कि परिषद किसानों को हरसंभव सहयोग कर रही है, नई फसल किस्मों से किसानों को फायदा होगा। कृषि उत्पादन आयुक्त डा. एस.के. मल्होत्रा ने प्रेजेन्टेशन के माध्यम से खरीफ में फसलों की वर्तमान स्थिति तथा आगामी रबी सीजन का परिदृश्य बताया। सम्मेलन में केंद्रीय मंत्रालयों तथा सभी राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।

2021-22 खरीफ के प्रथम अग्रिम अनुमान के मुताबिक उत्पादन

2021-22 के लिए मुख्य खरीफ की फसलों के उत्पादन के प्रथम अग्रिम अनुमान के मुताबिक देश में चावल, कपास, गन्ना के रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान है।

खाद्यान्‍न -150.50 मिलियन टन (रिकॉर्ड)

• चावल– 107.04मिलियन टन (रिकॉर्ड)

• पोषक/मोटे अनाज– 34मिलियन टन

• मक्‍का – 21.24 मिलियन टन

• दलहन – 9.45मिलियन टन

• तूर – 4.43 मिलियन टन

तिलहन – 23.39 मिलियन टन

• मूंगफली – 8.25 मिलियन टन

• सोयाबीन –12.72मिलियन टन

कपास – 36.22 मिलियन गांठें (प्रति 170 कि. ग्रा.)(रिकॉर्ड)

पटसन एवं मेस्‍टा – 9.61 मिलियन गांठें (प्रति 180 कि. ग्रा.)

गन्‍ना –419.25 मिलियन टन(रिकॉर्ड)

#Wheat #paddy #rice foodgrain production #story 

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.