तो अब ट्रेन के डिब्बों में नहीं दिखेंगे रिजर्वेशन चार्ट, जानें क्यों 

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तो अब ट्रेन के डिब्बों में नहीं दिखेंगे रिजर्वेशन चार्ट, जानें क्यों प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली। ट्रेनों के आरक्षित कोचों में यात्रियों को अब रिजर्वेशन चार्ट देखने को नहीं मिलेंगे। नई व्यवस्था के तहत रेल प्रशासन ने आरक्षित कोचों से रिजर्वेशन चार्ट हटाने का निर्णय लिया है। इसकी शुरुआत देश के सात बड़े स्टेशनों से होने जा रही है। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से ए वन ग्रेड के सभी स्टेशनों से शुरू होने वाली ट्रेनों से रिजर्वेशन कोच में लगने वाले चार्ट लगाए जाएंगे। रेलवे बोर्ड ने इस संबंध में मध्य रेलवे, पश्चिम रेलवे, पूर्व रेलवे, उत्तर रेलवे और दक्षिण रेलवे के मुख्य वाणिज्य प्रबंधकों को पत्र लिखा है।

शिकायत के बाद लिया गया निर्णय

दरअसल लंबे समय से यात्रियों की शिकायत मिल रही थी कि आरंभिक स्टेशन से चलने के बाद बीच रास्ते रिजर्वेशन चार्ट या तो फट जाते हैं या गिर जाते हैं। यात्रियों की इस समस्या को देखते हुए पूर्व रेलमंत्री सुरेश प्रभु के कार्यकाल में रिजर्वेशन करवाने के दौरान यात्रियों से उनका मोबाइल नंबर लिया जाने लगा। ताकि ट्रेन का चार्ट बन जाने के बाद संबंधित यात्रियों के मोबाइल पर उसका मैसेज पहुंच जाए। इस व्यवस्था से आरएसी और प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों को खासी राहत मिली। इसके अलावा प्रमुख स्टेशनों पर रेलवे द्वारा इलेक्ट्रानिक रिजर्वेशन चार्ट भी लगा दिए गए हैं।

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सबसे पहले इन स्टेशनों पर शुरू होगी व्यवस्था

इस व्यवस्था के बाद अधिकांश यात्री अब ट्रेनों में लगे चार्ट को नहीं देखते। मोबाइल मैसेज, ई-मेल के बढ़ते प्रयोग और रेलवे की 139 सेवा द्वारा भी यात्रियों को उनके आरक्षित कोच की सूचना दिए जाने के बाद रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर पैसेंजर मार्केटिंग विक्रम सिंह ने पत्र जारी करके नई दिल्ली, निजामुद्दीन, मुंबई सेंट्रल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनल, चेन्नई, हावड़ा और सियालदाह से चलने वाली ट्रेनों में प्रयोग के तौर पर अगले तीन माह के लिए आरक्षित कोचों में चार्ट न लगाने का फरमान जारी किया है। इन स्टेशनों से इलाहाबाद आने वाली भी कई ट्रेनें है। अगले दो माह रेलवे द्वारा इसकी मॉनीटरिंग कर यात्रियों का फीडबैक भी लिया जाएगा। बाद में चरणबद्ध तरीके से ए वन ग्रेड के अन्य स्टेशनों से चलने वाली ट्रेनों से भी रिजर्वेशन चार्ट हटाए जाएंगे।

प्रयोग के तौर पर रेलवे बोर्ड अभी यह व्यवस्था लागू करने जा रहा है। लंबे समय से यात्रियों को उनके मोबाइल पर ही मैसेज मिल जा रहे हैं। इस व्यवस्था से कागज की भी बचत होगी।
गौरव कृष्ण बंसल, सीपीआरओ, एनसीआर

प्रयोग के तौर पर व्यवस्था होगी लागू

पश्चिम रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक मुकुल जैन ने बताया कि अब यात्रियों को मोबाइल पर कंफर्म या वेटिंग टिकट का मैसेज मिल जाता है। ऐसे में ट्रेन की बोगी पर आरक्षण चार्ट की जरूरत नहीं पड़ती। गो-ग्रीन अभियान के तहत रेलवे प्रयोग कर रही है। इसकी दो महीने तक मॉनिटरिंग की जाएगी। यात्री अगर निर्णय से संतुष्ट दिखे तो देशभर में नियम लागू किया जाएगा।

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श्रमिक वर्ग के यात्रियों को होगी परेशानी

रेल यात्री परिषद के अध्यक्ष सुभाष गुप्ता ने कहा कि श्रमिक वर्ग के यात्रियों को इससे परेशानी होगी। इधर रेलवे ने लगातार हो रही दुर्घटनाओं के मद्देनजर ट्रैक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने और नई लाइनों, दोहरीकरण एवं तिहरीकरण को रोक कर युद्धस्तर पर काम करते हुए साढ़े तीन हज़ार किलोमीटर लंबी पटरियों को दिसंबर तक बदलने का फैसला किया है।

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