कुपोषण को हराने की पहल 'आहार-क्रांति' के मजबूत स्तंभ होंगे शिक्षक
भारत में स्थानीय रूप से सुलभ पौष्टिक भोजन, फलों और सब्जियों के बारे में जागरूकता फैलाने को समर्पित मुहिम ‘आहार क्रांति’ अभियान शुरू किया गया है।।
गाँव कनेक्शन 23 July 2021 11:32 AM GMT

शिक्षकों और स्वयं सेवियों के नेतृत्व में ‘आहार क्रांति’ अभियान को धरातल पर उतरने की दृष्टि से इस कार्यक्रम को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। फोटो: पिक्साबे
कुछ अध्ययनों का अनुमान है कि भारत जितनी कैलोरी का उत्पादन करता है, उसका आधा ही उपभोग कर पाता है। आज भी देश में एक बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है, जिनको पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता। इस परिस्थिति का एक प्रमुख कारण समाज के विभिन्न वर्गों में पोषण संबंधी जागरूकता की कमी भीहै। इस चुनौती से लड़ने के लिए 'आहार-क्रांति' अभियान की शुरुआत की गई है।
हरित क्रांति के साथ भूख को हराने और श्वेत क्रांति के साथ ग्रामीण भारत में दुग्ध उत्पादन की अनूठी सफल गाथा लिखने के बाद बेहतर स्वास्थ्य, लंबी उम्र, समृद्ध किसानों और विश्वगुरु के रूप में भारत को पुनर्स्थापित करने के लिए अब 'आहार क्रांति' अभियान का आरंभ किया गया है। इस अभियान में,यह माना जा रहा है कि शिक्षक, चाहे स्कूलों में हों, या आंगनबाड़ियों में, अथवा समुदायों के बीच, वे 'आहार क्रांति' अभियान का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनकर उभर सकते हैं। इसीलिए, इस अभियान की यात्रा के एक प्रमुख मील के पत्थर के रूप में, गुरु पूर्णिमा को 'आहार क्रांति – गुरु वंदना' नामक ऑनलाइन कार्यक्रम के रूप में मनाये जाने की तैयारी की गई है।
भारत में स्थानीय रूप से सुलभ पौष्टिक भोजन, फलों और सब्जियों के बारे में जागरूकता फैलाने को समर्पित मुहिम 'आहार क्रांति' अभियान को औपचारिक रूप से इस वर्ष 13 अप्रैल, 2021 को शुरू किया गया था। 'आहार क्रांति – गुरु वंदना' कार्यक्रम के माध्यम से 31.5 करोड़ स्कूली बच्चों तक पहुँचने की महत्वाकांक्षा के साथ, भारत के शिक्षकों के लिए तैयार किए गए विभिन्न शैक्षिक मॉड्यूल शुरू किए जाने की योजना है।
शिक्षकों और स्वयं सेवियों के नेतृत्व में 'आहार क्रांति' अभियान को धरातल पर उतरने की दृष्टि से इस कार्यक्रम को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
'आहार क्रांति' की शुरुआत भारत और विश्व से जुड़ी एक ऐसी चुनौती से निपटने के उद्देश्य से की जा रही है, जिसे पर्याप्त खाद्यान्नों एवं चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता के बावजूद भूख व बीमारियों की व्यापकता से जोड़कर देखा जाता है। 'आहार क्रांति' अभियान विज्ञान भारती (विभा) और ग्लोबल इंडियन साइंटिस्ट्स ऐंड टेक्नोक्रेट्स फोरम (जीआईएसटी) द्वारा मिलकर शुरू की गई पहल है, जिसके उद्देश्यों में कुपोषण को दूर करना और स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करना शामिल है।
@aahaarkranti Guru Vandana Program
— Indraprastha Vigyan Bharati (@DelhiVigBharati) July 22, 2021
We are glad to share that @Drsubhassarkar & @Pullelagopicha2 will be the Chief Guests
Sat,, 24 July 2021 at 7.00 pm
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केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय से संबद्ध वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की प्रवासी भारतीय एकैडेमिक ऐंड साइंटिफिक संपर्क (प्रभास) इस पहल का समन्वय कर रही है। केंद्रीय तथा राज्य सरकारों से संबंधित मंत्रालय और एजेंसियां इस पहल में शामिल हैं। विभिन्न केंद्रीय एवं राज्य सरकारों की एजेंसियों तथा मंत्रालयों के साथ-साथ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की स्वायत्त संस्था विज्ञान प्रसार भी इस संयुक्त पहल का हिस्सा है। मिशन के आगे बढ़ने के साथ इसमें कई अन्य संगठनों की भागीदारी पर सहमति बनी है। इस मिशन का आदर्श वाक्य -'उत्तम आहार-उत्तम विचार' है।
'आहार क्रांति – गुरु वंदना' कार्यक्रम 24 जुलाई, 2021 को शाम 07 बजे आयोजित किया जा रहा है। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ सुभाष सरकार और प्रख्यात बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे। इस कार्यक्रम से जुड़ने के लिए जीआईएसटी के लिंक पर क्लिक करके पंजीकरण किया जा सकता है। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण जीआईएसटी के यूट्यूब चैनल पर देखा जा सकता है।
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