पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन: कोविड-19 से अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों की मदद के लिए शुरू हुआ पोर्टल
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 'पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन' योजना के तहत बच्चों की पहचान, आवेदन जमा करने की सुविधा के लिए वेब पोर्टल पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन लॉन्च किया है।
गाँव कनेक्शन 26 July 2021 7:31 AM GMT
कोरोना महामारी में बहुत से बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया है, ऐसे बच्चों की मदद के लिए 'पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन' योजना की शुरूआत की गई है।
कोविड-19 महामारी के कारण माता-पिता दोनों या एकमात्र अभिभावक या कानूनी अभिभावक या गोद लेने वाले माता-पिता को खोने वाले बच्चों की मदद करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 'पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन' योजना की घोषणा की थी। इस योजना का उद्देश्य स्थिर रूप से उन बच्चों की व्यापक देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करना है, जिन्होंने अपने माता-पिता को कोविड-19 महामारी की वजह से खो दिया। यह स्वास्थ्य बीमा के माध्यम से उनके कल्याण की व्यवस्था करता है, उन्हें शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाता है और 23 साल की उम्र पर पहुंचने पर उन्हें 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता के साथ एक आत्मनिर्भर अस्तित्व के लिए सक्षम करता है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 'पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन' योजना के तहत बच्चों की पहचान, आवेदन जमा करने की सुविधा के लिए वेब पोर्टल pmcaresforchildren.in शुरू किया है।
Ministry of Women & Child Development has requested States/UTs to direct DMs to identify the #children eligible for receiving support under PM CARES for Children scheme & populate https://t.co/lRiiHbDhFb portal with details of eligible children to enable prompt assistance to them pic.twitter.com/W04fL5fYIm
— PIB WCD (@PIBWCD) July 25, 2021
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों/सभी केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा है। पत्र में कहा है कि वे अपने राज्यों के जिलाधिकारियों को निर्देश दें कि वे 'पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन' योजना के तहत सहायता हासिल करने के लिए पात्र बच्चों की पहचान करें और pmcaresforchildren.in पोर्टल पर पात्र बच्चों का विवरण डालें, ताकि उन्हें तुरंत सहायता मिल सके। उन्हें बच्चों के पंजीकरण के लिए कदम उठाने की भी सलाह दी गई है, इन कदमों की अनुलग्नक में जानकारी दी गयी है। यह कार्य अगले 15 दिनों में पूरा करने की जरूरत है। इस उद्देश्य के लिए एक समर्पित हेल्प डेस्क स्थापित किया गया है, जिस पर टेलीफोन द्वारा 011-23388074 पर या ईमेल [email protected] पर संपर्क किया जा सकता है।
ऐसे चलेगा अभियान
जिला मजिस्ट्रेट पुलिस, डीसीपीयू, चाइल्डलाइन और नागरिक समाज संगठनों कीसहायता से इन बच्चों की पहचान के लिए अभियान चलायेंगे।
ग्राम पंचायतों, आंगनवाड़ी और आशा नेटवर्क को ऐसे बच्चों की रिपोर्ट देने के लिये कहा जा सकता है।
इस बारे में आम जनता को सूचित करने और उन्हें सीडब्ल्यूसी के समक्ष ऐसे बच्चों को पेश करने या चाइल्डलाइन (1098) या डीसीपीयू के माध्यम से उनके बारे में रिपोर्ट के लिए प्रोत्साहित करने के लिए स्थानीय भाषा में पहचान अभियान के बारे में पर्याप्त प्रचार किया जा सकता है।
जिन बच्चों ने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है, और जिन्हें योजना के तहत सहायता की आवश्यकता है, उन्हें चाइल्डलाइन (1098), जिला बाल संरक्षण इकाई (डीसीपीयू) या किसी अन्य एजेंसी या व्यक्ति द्वारा सीडब्ल्यूसी के समक्ष बच्चे की जानकारी मिलने के 24 घंटे के अंदर, जिसमें यात्रा समय शामिल नहीं है, पेश किया जा सकता है।
योजना के तहत सहायता प्राप्त करने के लिए आवेदन पत्र, बच्चे के द्वारा, देखभाल करने वाले के द्वारा या फिर सीडब्ल्यूसी के सामने बच्चे को पेश करने वाली किसी अन्य एजेंसी के द्वारा भरा जा सकता है।
सीडब्ल्यूसी डीसीपीयू की मदद से उस बच्चे के बारे में तथ्यों को इकट्ठा करेगा जिसने माता-पिता दोनों को खो दिया है, इसमें मृतक माता-पिता, घर का पता, स्कूल, कॉन्टैक्ट की जानकारी, क्रेडेंशियल और परिवार के दूर के सदस्यों, रिश्तेदारों या निकट संबंधियों की वार्षिक आय का विवरण शामिल है। सीडब्ल्यूसी माता-पिता की मृत्यु के कारण को उनके मृत्यु प्रमाण पत्र या फील्ड पूछताछ के माध्यम से सत्यापित करेगा। सीडब्ल्यूसी द्वारा पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन पोर्टल पर इसे डीएम के विचारार्थ प्रस्तुत करते समय अपलोड किया जा सकता है।
सीडब्ल्यूसी अन्य एजेंसियों द्वारा पेश किये गये या रिपोर्ट किए गए सभी बच्चों का विवरण पोर्टल पर अपलोड कर सकता है।
प्रत्येक मामले के तथ्यों का पता लगाने के बाद, सीडब्ल्यूसी बच्चे के संबंध में डीएम को अपनी सिफारिशें दे सकती है।
यदि सीडब्ल्यूसी किसी विशेष बच्चे की सिफारिश नहीं करता है, तो डीएम को विचार करने के लिए दिये गये स्थान में कारणों को दर्ज किया जाना चाहिए।
आवेदनों को विचार करते समय 'फर्स्ट इन फर्स्ट आउट' के सिद्धांत का पालन किया जा सकता है।
डीएम सीडब्ल्यूसी की सिफारिशों को स्वीकार कर सकते हैं या सीडब्ल्यूसी या डीसीपीयू के माध्यम से समीक्षा की मांग कर सकते हैं। सीडब्ल्यूसी द्वारा सिफारिश पाने वाले या सिफारिश न पाने प्रत्येक बच्चे के बारे में डीएम अपनी तरफ से मूल्यांकन कर सकते हैं। डीएम बाल संरक्षण स्टाफ, पुलिस, चाइल्डलाइन या इस उद्देश्य के लिए उपयुक्त समझी जाने वाली किसी अन्य एजेंसी की सहायता ले सकते हैं।
स्वयं संतुष्ट होने के बाद, डीएम योजना के लिए पोर्टल पर बच्चे की पात्रता की पुष्टि कर सकते हैं। योजना के तहत बच्चे की पात्रता के संबंध में डीएम द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम होगा।
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