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थैलेसीमिया पर रोक के लिए ज़रूरी है खून की जाँच के दिशा-निर्देशों का भी कड़ाई से पालन हो
थैलेसीमिया पर रोक के लिए ज़रूरी है खून की जाँच के दिशा-निर्देशों का भी कड़ाई से पालन हो

By Dr Kirit P Solanki

थैलेसीमिया एक जेनेटिक बीमारी है और बच्चे के जन्म के छह महीने बाद ही पता चलता है। इसके मरीज को हर महीने ब्लड ट्रांसफ़्यूजन ज़रूरी होती है। ऐसे में ज़रूरी है सोशल मीडिया और टेक्नोलॉजी का प्रभावी तरीके से इस्तेमाल करके नए रक्तदाताओं को थैलेसीमिया के प्रति जागरूक किया जाए।

थैलेसीमिया एक जेनेटिक बीमारी है और बच्चे के जन्म के छह महीने बाद ही पता चलता है। इसके मरीज को हर महीने ब्लड ट्रांसफ़्यूजन ज़रूरी होती है। ऐसे में ज़रूरी है सोशल मीडिया और टेक्नोलॉजी का प्रभावी तरीके से इस्तेमाल करके नए रक्तदाताओं को थैलेसीमिया के प्रति जागरूक किया जाए।

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