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कृषि कानून वापसी बिल पास होने पर संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा- आज किसान आंदोलन की पहली बड़ी जीत है

गाँव कनेक्शन | Nov 29, 2021, 14:06 IST
संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है कि भले ही भारत सरकार किसान आंदोलन द्वारा उठाई जा रही अन्य मांगों को संबोधित करने से बचने की कोशिश कर रही है, भारत के विपक्षी दल इन मामलों को उठाने के लिए सरकार पर दबाव डाल रहे हैं।
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किसान आंदोलन के 368वें दिन किसानों के भारी विरोध के बाद संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन दोनों सदनों में कृषि कानून वापसी बिल को पास कर दिया गया। कृषि कानून वापसी बिल को 29 नवंबर को ही सदन में पेश किया गया था।

कृषि कानून वापसी बिल पास होने पर संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि आज किसान आंदोलन की पहली बड़ी जीत है, हालांकि अन्य महत्वपूर्ण मांगें अभी बाकी हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है कि भले ही भारत सरकार किसान आंदोलन द्वारा उठाई जा रही अन्य मांगों को संबोधित करने से बचने की कोशिश कर रही है, भारत के विपक्षी दल इन मामलों को उठाने के लिए सरकार पर दबाव डाल रहे हैं।

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बयान में आगे लिखा है कि भारत में आज एक इतिहास बन गया, जब किसान-विरोधी केंद्रीय कृषि कानून निरस्त हो गए। हालांकि, घटनाक्रम इस तथ्य से प्रभावित रहा कि 3 कानूनों को निरस्त करने के लिए पेश किए गए विधेयक पर कोई बहस की अनुमति नहीं थी। इन कानूनों को पहले जून 2020 में अध्यादेश के रूप में और बाद में सितंबर 2020 में कानून के रूप में लाया गया था, लेकिन विडंबना यह है कि उस समय भी किसी बहस की अनुमति नहीं दी गई थी।

"इस बीच, लंबित मांगों के ठोस समाधान के लिए विरोध कर रहे किसान एक बार फिर धैर्यपूर्वक और उम्मीद के साथ इंतजार कर रहे हैं। यह देखा जा सकता है कि भारत के लगभग सभी विपक्षी राजनीतिक दल एमएसपी कानूनी गारंटी सहित इन मांगों का समर्थन कर रहे हैं। कई अर्थशास्त्री इस मांग का समर्थन करने के लिए आगे आए हैं, और यह बता रहे हैं कि इसकी बहुत आवश्यकता है, और भारत के समग्र अर्थव्यवस्था पर इसके कई सकारात्मक परिणाम होंगे, "बयान में आगे लिखा है।

लेकिन कुछ विशेषज्ञ स्वेच्छा से एमएसपी के लिए किसानों की मांग की गलत व्याख्या करने और सार्वजनिक वित्तपोषण बोझ के अतिरंजित आंकड़े पेश करने का विकल्प चुन रहे हैं। किसान आंदोलन जानता है कि इस तरह के भ्रामक आंकड़े जांच की कसौटी पर खड़े नहीं होंगे। एमएसपी गारंटी कानून के लिए निवेश केंद्र सरकार की व्यावहारिक शक्ति के भीतर है, और जब ग्रामीण अर्थव्यवस्था को इस कानून से बढ़ावा मिलेगा, तो यह राजस्व के रूप में वापस आ जाएगा।

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