गुजरात: ड्रिप इरीगेशन सिस्टम की मदद से कम पानी में धान की खेती कर रहा है किसान

किसान जीतेश पटेल के अनुसार धान की खेत में ड्रिप इरीगेशन सिस्टम लगाने से पानी की बचत तो होगी है, उत्पादन भी ज्यादा मिलेगा।

Ankit ChauhanAnkit Chauhan   17 July 2020 12:27 PM GMT

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अरवल्ली (गुजरात)। धान की खेती में सिंचाई में बहुत ज्यादा लागत आ जाती है, सिंचाई की लागत को कम करने के लिए किसान जीतेश पटेल ने इजरायल की तकनीक अपनाई है। इससे कम पानी में धान की अच्छी पैदावार हो जाएगी।

गुजरात के अरवल्ली जिले के धनसुरा के रहने वाले किसान जीतेश पटेल खेती में नए-नए प्रयोग करते रहते हैं। दांतीवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय से कृषि में एमएमसी की डिग्री लेने के बाद जीतेश नौकरी करने के बजाए गाँव में खेती करने लगे हैं। इस बार जीतेश ड्रिप इरीगेशन सिस्टम से धान की खेती कर रहे हैं।

जीतेश बताते हैं, "हमने इस बार तीस एकड़ धान में ड्रिप इरीगेशन सिस्टम लगाया है, हमें लगता है कि हमें इसका अच्छा रिजल्ट मिलेगा। हमने जो धान के खेत में ड्रिप इरीगेशन सिस्टम लगाया है, पूरे गुजरात राज्य में ये पहला ट्रायल है। इजरायल की जिस कंपनी से हमने ड्रिप इरीगेशन सिस्टम लगाया है। उसके कृषि विशेषज्ञों ने हमें बताया कि कई देशों में ड्रिप सिस्टम से धान की अच्छी फसल हो रही है, जिससे पानी की भी बचत हो रही है। तो हमें लगा कि क्यों न हम भी कुछ नया करें।"

वो आगे कहते हैं, "हर बार हम खरीफ में सब्जियों की फसल की खेती करते थे, लेकिन इस बार कोरोना की वजह से सब्जियों को बाजार तक पहुंचाना बहुत मुश्किल लग रहा था। बाजार को लेकर अनिश्चितता बनी हुई थी, इसी वजह से हमने सोचा कि सब्जियों की खेती नहीं करेंगे। इसलिए हमने धान की खेती शुरू की है।"


ड्रिप इरीगेशन सिस्टम लगाने के लिए कृषि विभाग की तरफ से किसानों को सब्सिडी भी मिल जाती है। कृषि विशेषज्ञों की माने तो ड्रिप इरीगेशन सिस्टम लगाकर किसान अलग-अलग फसलों में 50-80 फीसदी तक पानी बचा सकता है।

वो आगे बताते हैं, "अगर कोई किसान ड्रिप इरीगेशन सिस्टम लगाना चाहता है तो अपने यहां के कृषि विभाग में संपर्क कर सकता है। अगर कोई धान की खेती ड्रिप इरीगेशन सिस्टम लगाता है तो मेरे हिसाब से 70-80 फीसदी पानी की बचत होगी।"

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