कम समय में तैयार होती है धान की उन्नत सांभा मंसूरी किस्म, मधुमेह रोगी भी खा सकते हैं चावल

Divendra Singh | Jul 11, 2020, 10:46 IST
उन्नत सांभा मंसूरी किस्म बैक्टीरियल ब्लाइट रोग प्रतिरोधी होने और इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स की मात्रा काफी होने के कारण किसानों को काफी पसंद आ रही है।
sambha mansoori rice
राजेंद्र नगर (हैदराबाद)। मधुमेह रोगियों को चावल से खाने से मना किया जाता है, वैज्ञानिकों ने धान की नई किस्म विकसित की है, जिससे मधुमेह रोगी भी इसे खा सकते हैं। यही नहीं धान की यह किस्म बैक्टीरियल ब्लाइट रोग प्रतिरोधी भी है।

हैदराबाद स्थित भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान और कोशिकीय एवं आणविक जीवविज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने उन्नत सांभा मंसूरी किस्म को विकसित किया है। भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रमन मीनाक्षी सुंदरम उन्नत सांभा मंसूरी किस्म की खूबियां बताते हैं, "आईआरआरआई और सीसीएमबी हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने मिलकर धान की किस्म विकसित की है, जो बैक्टीरियल ब्लाइट रोग प्रतिरोधी है। दक्षिण भारत में किसान बहुत साल से धान की सांभा मंसूरी किस्म की खेती करते आ रहे हैं, लेकिन उनके साथ एक दिक्कत आ रहीं थीं। सभी किसान सांभा मंसूरी में लगने वाले रोग बैक्टीरियल ब्लाइट से परेशान थे। ये रोग एक बैक्टीरिया की वजह से होता है, जिसकी वजह से इन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ता है।"

बैक्टीरियल ब्लाइस्ट वो रोग है, जिसमें धान की पत्तियां पीली पड़ जाती हैं, जिससे 50 फीसदी तक उत्पादन कम हो जाता है।

347273-improved-samba-mansoori-rice-1-scaled
347273-improved-samba-mansoori-rice-1-scaled

वो आगे कहते हैं, "हर साल किसानों को इससे बहुत नुकसान हो जाता, तब किसानों ने सीसीएमबी और आईआईआरआर के वैज्ञानिकों से कहा कि हम क्या कर सकते हैं। बैक्टीरियल ब्लाइट से धान को बचाने के लिए हमने दूसरी किस्मों के साथ काम करना शुरू कर दिया। हमने बहुत से जंगली किस्मों के साथ काम करना शुरू कर दिया। तब हमने इन किस्मों से बैक्टीरियल ब्लाइट प्रतिरोधी जीन्स को इस किस्म में ट्रांसफर किया। ऐसे में जो नई किस्म विकसित हुई उसका नाम उन्नत सांभा मंसूरी रखा गया। पिछले कुछ साल में जहां भी लोगों ने सांभा मंसूरी किस्म लगाई है, वहां बैक्टीरियल ब्लाइट की समस्या नहीं दिखायी दे रही है।"

यही नहीं इस किस्म की में एक और खासियत है, सांभा मंसूरी की तुलना में सात से दस दिन पहले ही तैयार हो जाती है। इससे किसान जल्दी फसल काटकर दूसरी फसल लगा सकते हैं।

347274-improved-samba-mansoori-rice-4-scaled
347274-improved-samba-mansoori-rice-4-scaled
भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रमन मीनाक्षी सुंदरम और उनके साथी वैज्ञानिक

इस समय दक्षिण भारत और उत्तर भारत के कई राज्यों में उन्नत सांभा मंसूरी की खेती हो रही है। डॉ. सुंदरम आगे बताते हैं, "अभी उन्नत सांभा मंसूरी की खेती सात-आठ राज्यों में हो रही है। तेलंगाना, आंध्र प्रदेश में 60-65 हजार हेक्टेयर में इसकी खेती हो रही है। इसके अलावा कर्नाटक, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और अभी पिछले दो-तीन साल में कृषि विभाग की मदद से उत्तर प्रदेश में भी इसकी खेती की जाने लगी है। वहां पर भी इसका अच्छा उत्पादन हो रहा है।"

इस नई किस्म के जारी होने के बाद से उन्नत सांबा मसूरी की खेती आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक आदि में 90,000 हेक्टेयर क्षेत्र में की जा चुकी है। सांबा मसूरी भारत के जीवाणु मुरझान रोग प्रभावित क्षेत्रों के किसानों में तेजी से लोकप्रिय होता जा रही है, जिनमें सांबा मसूरी की खेती की जाती है। बै

इस किस्म में ग्लाइसेमिक इंडेक्स की मात्रा काफी होती है। डॉ. सुंदरम कहते हैं, "अभी दो साल पहले हमें इस किस्म के बारे में एक और खास बात पता चली है, इसमें जो ग्लाइसेमिक इंडेक्स की मात्रा, दूसरी कई किस्मों के मुकाबले बहुत कम होती है। चावल की दूसरी किस्मों की ग्लाइसेमिक इंडेक्स की मात्रा काफी ज्यादा, 62-70 तक रहती है, लेकिन इस किस्म में ग्लाइसेमिक इंडेक्स की मात्रा 50.9 होती है। जोकि दूसरी किस्मों के मुकाबले बहुत कम होती है। इसकी वजह से ये किस्म किसानों को काफी पसंद आ रही है।"

सीएआईआर के एक प्रोजेक्ट के तहत हमने यूपी के करीब 500-600 किसानों को उन्नत सांभा मंसूरी किस्म का बीज दिया है। उन्नत सांभा मंसूरी का विकास मार्कर-अस्सिस्टेड सिलेक्शन द्वारा किया गया है और यह ट्रांसजेनिक नहीं है। उन्होंने ये किस्म न ही जीएम है और ना ही हाईब्रिड (संकर) इसलिए आगे भी किसान इस धान को बीज की तरह आसानी से इस्तेमाल कर रहे हैं।

Tags:
  • sambha mansoori rice
  • Rice Production
  • paddy farming
  • iirr
  • Hyderabad
  • story
  • video

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.