Folk Studio: बुंदेली भजन सुनिए, अच्छा लगेगा
गाँव कनेक्शन 15 Jun 2019 12:15 PM GMT
लखनऊ। बुंदेली भाषा में ये भजन सुनिए अच्छा लगेगा। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के लगभग 20 जिलों में बुंदेली भाषा बोली और सुनी जाती है। बुंदेली संगीत ज्यादातर शादी और खास मौकों पर सुना जाता है।
प्रो नर्मदा प्रसाद गुप्ता ने अपनी किताब बुंदेली संस्कृति और साहित्य में लिखा है कि मध्य प्रदेश में बुंदेलखंड, बघेलखंड, मालवा और निमाड़ा, चार जिलों में बुंदेली का प्रवाह ज्यादा है। उन्होंने यह भी लिखा है कि भारतीय लोक परंपरा के विकास में बुंदेली का अहम योगदान है।
सबसे पहले विलियम कैरे जो 1793 ई. में भारत आये थे, अपने भाषा-सर्वेक्षण के प्रतिवेदन में 33 भारतीय भाषाओं की सूची में बुंदेलखंडी पर भी विचार किा था और उसका नमूना भी दिया था। वर्ष 1838 से 1843 ई तक के बीच मेजर राबर्ट लीच ने बुंदेलखंड की हिदंवी बोली के व्याकरण का निर्माण किया था। इसके बाद सर जार्ज ए ग्रियसर्न ने बुंदेलखंडी पर महत्वपूर्ण काम किया हर क्षेत्र की बुंदेली भाषा पर विचार करते हुए बुंदेली की सीमाएं निर्धारित की।
अभी बुंदेली लोकगीतों का ज्यादा प्रभाव शिवपुरी और गुना के पूरे क्षेत्र में दिखता है। इस वीडियो में ढोलक बद्री प्रसाद जबकि तेजी लाल झारिया गा रहे हैं। ये दोनों कलाकार जबलपुर के मझौली ब्लॉक में रहते हैं। ये दोनों कलाकार बुंदेली लोकगीत गाते हैं।
यह भी पढ़ें-सारंगी की यह धुन आपको किसी और दुनिया में ले जाएगी: Folk Studio
More Stories